نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2367 | 20 | 19 | قال ألقها يا موسى |
| | | कहा, "डाल दे उसे, ऐ मूसा!" |
|
2368 | 20 | 20 | فألقاها فإذا هي حية تسعى |
| | | अतः उसने डाल दिया। सहसा क्या देखते है कि वह एक साँप है, जो दौड़ रहा है |
|
2369 | 20 | 21 | قال خذها ولا تخف سنعيدها سيرتها الأولى |
| | | कहा, "इसे पकड़ ले और डर मत। हम इसे इसकी पहली हालत पर लौटा देंगे |
|
2370 | 20 | 22 | واضمم يدك إلى جناحك تخرج بيضاء من غير سوء آية أخرى |
| | | और अपने हाथ अपने बाज़ू की ओर समेट ले। वह बिना किसी ऐब के रौशन दूसरी निशानी के रूप में निकलेगा |
|
2371 | 20 | 23 | لنريك من آياتنا الكبرى |
| | | इसलिए कि हम तुझे अपनी बड़ी निशानियाँ दिखाएँ |
|
2372 | 20 | 24 | اذهب إلى فرعون إنه طغى |
| | | तू फ़िरऔन के पास जा। वह बहुत सरकश हो गया है।" |
|
2373 | 20 | 25 | قال رب اشرح لي صدري |
| | | उसने निवेदन किया, "मेरे रब! मेरा सीना मेरे लिए खोल दे |
|
2374 | 20 | 26 | ويسر لي أمري |
| | | और मेरे काम को मेरे लिए आसान कर दे |
|
2375 | 20 | 27 | واحلل عقدة من لساني |
| | | और मेरी ज़बान की गिरह खोल दे। |
|
2376 | 20 | 28 | يفقهوا قولي |
| | | कि वे मेरी बात समझ सकें |
|