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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1474 | 11 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم الر كتاب أحكمت آياته ثم فصلت من لدن حكيم خبير |
| | | अलिफ़॰ लाम॰ रा॰। यह एक किताब है जिसकी आयतें पक्की है, फिर सविस्तार बयान हुई हैं; उसकी ओर से जो अत्यन्त तत्वदर्शी, पूरी ख़बर रखनेवाला है |
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1475 | 11 | 2 | ألا تعبدوا إلا الله إنني لكم منه نذير وبشير |
| | | कि "तुम अल्लाह के सिवा किसी की बन्दगी न करो। मैं तो उसकी ओर से तुम्हें सचेत करनेवाला और शुभ सूचना देनेवाला हूँ।" |
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1476 | 11 | 3 | وأن استغفروا ربكم ثم توبوا إليه يمتعكم متاعا حسنا إلى أجل مسمى ويؤت كل ذي فضل فضله وإن تولوا فإني أخاف عليكم عذاب يوم كبير |
| | | और यह कि "अपने रब से क्षमा माँगो, फिर उसकी ओर पलट आओ। वह तुम्हें एक निश्चित अवधि तक सुखोपभोग की उत्तम सामग्री प्रदान करेगा। और बढ़-बढ़कर कर्म करनेवालों पर वह तदधिक अपना अनुग्रह करेगा, किन्तु यदि तुम मुँह फेरते हो तो निश्चय ही मुझे तुम्हारे विषय में एक बड़े दिन की यातना का भय है |
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1477 | 11 | 4 | إلى الله مرجعكم وهو على كل شيء قدير |
| | | तुम्हें अल्लाह ही की ओर पलटना है, और उसे हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है।" |
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1478 | 11 | 5 | ألا إنهم يثنون صدورهم ليستخفوا منه ألا حين يستغشون ثيابهم يعلم ما يسرون وما يعلنون إنه عليم بذات الصدور |
| | | देखो! ये अपने सीनों को मोड़ते है, चाहिए कि उससे छिपें। देखों! जब ये अपने कपड़ों से स्वयं को ढाँकते है, वह जानता है जो कुछ वे छिपाते है और जो कुछ वे प्रकट करते है। निस्संदेह वह सीनों तक की बात को जानता है |
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1479 | 11 | 6 | وما من دابة في الأرض إلا على الله رزقها ويعلم مستقرها ومستودعها كل في كتاب مبين |
| | | धरती में चलने-फिरनेवाला जो प्राणी भी है उसकी रोज़ी अल्लाह के ज़िम्मे है। वह जानता है जहाँ उसे ठहरना है और जहाँ उसे सौपा जाना है। सब कुछ एक स्पष्ट किताब में मौजूद है |
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1480 | 11 | 7 | وهو الذي خلق السماوات والأرض في ستة أيام وكان عرشه على الماء ليبلوكم أيكم أحسن عملا ولئن قلت إنكم مبعوثون من بعد الموت ليقولن الذين كفروا إن هذا إلا سحر مبين |
| | | वही है जिसने आकाशों और धरती को छः दिनों में पैदा किया - उसका सिंहासन पानी पर था - ताकि वह तुम्हारी परीक्षा ले कि तुममें कर्म की स्पष्ट से कौन सबसे अच्छा है। और यदि तुम कहो कि "मरने के पश्चात तुम अवश्य उठोगे।" तो जिन्हें इनकार है, वे कहने लगेंगे, "यह तो खुला जादू है।" |
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1481 | 11 | 8 | ولئن أخرنا عنهم العذاب إلى أمة معدودة ليقولن ما يحبسه ألا يوم يأتيهم ليس مصروفا عنهم وحاق بهم ما كانوا به يستهزئون |
| | | यदि हम एक निश्चित अवधि तक के लिए उनसे यातना को टाले रखें, तो वे कहने लगेंगे, "आख़िर किस चीज़ ने उसे रोक रखा है?" सुन लो! जिन दिन वह उनपर आ जाएगी तो फिर वह उनपर से टाली नहीं जाएगी। और वही चीज़ उन्हें घेर लेगी जिसका वे उपहास करते है |
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1482 | 11 | 9 | ولئن أذقنا الإنسان منا رحمة ثم نزعناها منه إنه ليئوس كفور |
| | | यदि हम मनुष्य को अपनी दयालुता का रसास्वादन कराकर फिर उसको छीन लॆं, तॊ (वह दयालुता कॆ लिए याचना नहीं करता) निश्चय ही वह निराशावादी, कृतघ्न है |
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1483 | 11 | 10 | ولئن أذقناه نعماء بعد ضراء مسته ليقولن ذهب السيئات عني إنه لفرح فخور |
| | | और यदि हम इसके पश्चात कि उसे तकलीफ़ पहुँची हो, उसे नेमत का रसास्वादन कराते है तो वह कहने लगता है, "मेरे तो सारे दुख दूर हो गए।" वह तो फूला नहीं समाता, डींगे मारने लगता है |
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