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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4784 | 52 | 49 | ومن الليل فسبحه وإدبار النجوم |
| | | और कुछ रात को भी और सितारों के ग़ुरूब होने के बाद तस्बीह किया करो |
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4785 | 53 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم والنجم إذا هوى |
| | | तारे की क़सम जब टूटा |
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4786 | 53 | 2 | ما ضل صاحبكم وما غوى |
| | | कि तुम्हारे रफ़ीक़ (मोहम्मद) न गुमराह हुए और न बहके |
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4787 | 53 | 3 | وما ينطق عن الهوى |
| | | और वह तो अपनी नफ़सियानी ख्वाहिश से कुछ भी नहीं कहते |
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4788 | 53 | 4 | إن هو إلا وحي يوحى |
| | | ये तो बस वही है जो भेजी जाती है |
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4789 | 53 | 5 | علمه شديد القوى |
| | | इनको निहायत ताक़तवर (फ़रिश्ते जिबरील) ने तालीम दी है |
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4790 | 53 | 6 | ذو مرة فاستوى |
| | | जो बड़ा ज़बरदस्त है और जब ये (आसमान के) ऊँचे (मुशरक़ो) किनारे पर था तो वह अपनी (असली सूरत में) सीधा खड़ा हुआ |
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4791 | 53 | 7 | وهو بالأفق الأعلى |
| | | फिर करीब हो (और आगे) बढ़ा |
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4792 | 53 | 8 | ثم دنا فتدلى |
| | | (फिर जिबरील व मोहम्मद में) दो कमान का फ़ासला रह गया |
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4793 | 53 | 9 | فكان قاب قوسين أو أدنى |
| | | बल्कि इससे भी क़रीब था |
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