نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
922 | 6 | 133 | وربك الغني ذو الرحمة إن يشأ يذهبكم ويستخلف من بعدكم ما يشاء كما أنشأكم من ذرية قوم آخرين |
| | | और जो कुछ वह लोग करते हैं तुम्हारा परवरदिगार उससे बेख़बर नहीं और तुम्हारा परवरदिगार बे परवाह रहम वाला है - अगर चाहे तो तुम सबके सबको (दुनिया से उड़ा) ले लाए और तुम्हारे बाद जिसको चाहे तुम्हार जानशीन बनाए जिस तरह आख़िर तुम्हें दूसरे लोगों की औलाद से पैदा किया है |
|
923 | 6 | 134 | إن ما توعدون لآت وما أنتم بمعجزين |
| | | बेशक जिस चीज़ का तुमसे वायदा किया जाता है वह ज़रूर (एक न एक दिन) आने वाली है |
|
924 | 6 | 135 | قل يا قوم اعملوا على مكانتكم إني عامل فسوف تعلمون من تكون له عاقبة الدار إنه لا يفلح الظالمون |
| | | और तुम उसके लाने में (ख़ुदा को) आजिज़ नहीं कर सकते (ऐ रसूल तुम उनसे) कहो कि ऐ मेरी क़ौम तुम बजाए ख़ुद जो चाहो करो मैं (बजाए ख़ुद) अमल कर रहा हूँ फिर अनक़रीब तुम्हें मालूम हो जाएगा कि आख़ेरत (बेहश्त) किसके लिए है (तुम्हारे लिए या हमारे लिए) ज़ालिम लोग तो हरगिज़ कामयाब न होंगे |
|
925 | 6 | 136 | وجعلوا لله مما ذرأ من الحرث والأنعام نصيبا فقالوا هذا لله بزعمهم وهذا لشركائنا فما كان لشركائهم فلا يصل إلى الله وما كان لله فهو يصل إلى شركائهم ساء ما يحكمون |
| | | और ये लोग ख़ुदा की पैदा की हुई खेती और चौपायों में से हिस्सा क़रार देते हैं और अपने ख्याल के मुवाफिक कहते हैं कि ये तो ख़ुदा का (हिस्सा) है और ये हमारे शरीकों का (यानि जिनको हमने ख़ुदा का शरीक बनाया) फिर जो ख़ास उनके शरीकों का है वह तो ख़ुदा तक नहीं पहुँचने का और जो हिस्सा ख़ुदा का है वो उसके शरीकों तक पहुँच जाएगा ये क्या ही बुरा हुक्म लगाते हैं और उसी तरह बहुतेरे मुशरकीन को उनके शरीकों ने अपने बच्चों को मार डालने को अच्छा कर दिखाया है |
|
926 | 6 | 137 | وكذلك زين لكثير من المشركين قتل أولادهم شركاؤهم ليردوهم وليلبسوا عليهم دينهم ولو شاء الله ما فعلوه فذرهم وما يفترون |
| | | ताकि उन्हें (बदी) हलाकत में डाल दें और उनके सच्चे दीन को उन पर मिला जुला दें और अगर ख़ुदा चाहता तो लोग ऐसा काम न करते तो तुम (ऐ रसूल) और उनकी इफ़तेरा परदाज़ियों को (ख़ुदा पर) छोड़ दो और ये लोग अपने ख्याल के मुवाफिक कहने लगे कि ये चौपाए और ये खेती अछूती है |
|
927 | 6 | 138 | وقالوا هذه أنعام وحرث حجر لا يطعمها إلا من نشاء بزعمهم وأنعام حرمت ظهورها وأنعام لا يذكرون اسم الله عليها افتراء عليه سيجزيهم بما كانوا يفترون |
| | | उनको सिवा उसके जिसे हम चाहें कोई नहीं खा सकता और (उनका ये भी ख्याल है) कि कुछ चारपाए ऐसे हैं जिनकी पीठ पर सवारी लादना हराम किया गया और कुछ चारपाए ऐसे है जिन पर (ज़िबह के वक्त) ख़ुदा का नाम तक नहीं लेते और फिर यह ढकोसले (ख़ुदा की तरफ मनसूब करते) हैं ये सब ख़ुदा पर इफ़तेरा व बोहतान है ख़ुदा उनके इफ़तेरा परदाज़ियों को बहुत जल्द सज़ा देगा |
|
928 | 6 | 139 | وقالوا ما في بطون هذه الأنعام خالصة لذكورنا ومحرم على أزواجنا وإن يكن ميتة فهم فيه شركاء سيجزيهم وصفهم إنه حكيم عليم |
| | | और कुफ्फ़ार ये भी कहते हैं कि जो बच्चा (वक्त ़ज़बाह) उन जानवरों के पेट में है (जिन्हें हमने बुतों के नाम कर छोड़ा और ज़िन्दा पैदा होता तो) सिर्फ हमारे मर्दों के लिए हलाल है और हमारी औरतों पर हराम है और अगर वह मरा हुआ हो तो सब के सब उसमें शरीक हैं ख़ुदा अनक़रीब उनको बातें बनाने की सज़ा देगा बेशक वह हिकमत वाला बड़ा वाक़िफकार है |
|
929 | 6 | 140 | قد خسر الذين قتلوا أولادهم سفها بغير علم وحرموا ما رزقهم الله افتراء على الله قد ضلوا وما كانوا مهتدين |
| | | बेशक जिन लोगों ने अपनी औलाद को बे समझे बूझे बेवकूफी से मार डाला और जो रोज़ी ख़ुदा ने उन्हें दी थी उसे ख़ुदा पर इफ़तेरा (बोहतान) बाँध कर अपने ऊपर हराम कर डाला और वह सख्त घाटे में है ये यक़ीनन राहे हक़ से भटक गऐ और ये हिदायत पाने वाले थे भी नहीं |
|
930 | 6 | 141 | وهو الذي أنشأ جنات معروشات وغير معروشات والنخل والزرع مختلفا أكله والزيتون والرمان متشابها وغير متشابه كلوا من ثمره إذا أثمر وآتوا حقه يوم حصاده ولا تسرفوا إنه لا يحب المسرفين |
| | | और वह तो वही ख़ुदा है जिसने बहुतेरे बाग़ पैदा किए (जिनमें मुख्तलिफ दरख्त हैं - कुछ तो अंगूर की तरह टट्टियों पर) चढ़ाए हुए और (कुछ) बे चढ़ाए हुए और खजूर के दरख्त और खेती जिसमें फल मुख्तलिफ़ किस्म के हैं और ज़ैतून और अनार बाज़ तो सूरत रंग मज़े में, मिलते जुलते और (बाज़) बेमेल (लोगों) जब ये चीज़े फलें तो उनका फल खाओ और उन चीज़ों के काटने के दिन ख़ुदा का हक़ (ज़कात) दे दो और ख़बरदार फज़ूल ख़र्ची न करो - क्यों कि वह (ख़ुदा) फुज़ूल ख़र्चे से हरगिज़ उलफत नहीं रखता |
|
931 | 6 | 142 | ومن الأنعام حمولة وفرشا كلوا مما رزقكم الله ولا تتبعوا خطوات الشيطان إنه لكم عدو مبين |
| | | और चारपायों में से कुछ तो बोझ उठाने वाले (बड़े बड़े) और कुछ ज़मीन से लगे हुए (छोटे छोटे) पैदा किए ख़ुदा ने जो तुम्हें रोज़ी दी है उस में से खाओ और शैतान के क़दम ब क़दम न चलो |
|