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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3049 | 26 | 117 | قال رب إن قومي كذبون |
| | | नूह ने अर्ज की परवरदिगार मेरी क़ौम ने यक़ीनन मुझे झुठलाया |
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3050 | 26 | 118 | فافتح بيني وبينهم فتحا ونجني ومن معي من المؤمنين |
| | | तो अब तू मेरे और इन लोगों के दरमियान एक क़तई फैसला कर दे और मुझे और जो मोमिनीन मेरे साथ हें उनको नजात दे |
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3051 | 26 | 119 | فأنجيناه ومن معه في الفلك المشحون |
| | | ग़रज़ हमने नूह और उनके साथियों को जो भरी हुई कश्ती में थे नजात दी |
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3052 | 26 | 120 | ثم أغرقنا بعد الباقين |
| | | फिर उसके बाद हमने बाक़ी लोगों को ग़रक कर दिया |
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3053 | 26 | 121 | إن في ذلك لآية وما كان أكثرهم مؤمنين |
| | | बेशक इसमे भी यक़ीनन बड़ी इबरत है और उनमें से बहुतेरे ईमान लाने वाले ही न थे |
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3054 | 26 | 122 | وإن ربك لهو العزيز الرحيم |
| | | और इसमें तो शक ही नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार (सब पर) ग़ालिब मेहरबान है |
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3055 | 26 | 123 | كذبت عاد المرسلين |
| | | (इसी तरह क़ौम) आद ने पैग़म्बरों को झुठलाया |
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3056 | 26 | 124 | إذ قال لهم أخوهم هود ألا تتقون |
| | | जब उनके भाई हूद ने उनसे कहा कि तुम ख़ुदा से क्यों नही डरते |
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3057 | 26 | 125 | إني لكم رسول أمين |
| | | मैं तो यक़ीनन तुम्हारा अमानतदार पैग़म्बर हूँ |
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3058 | 26 | 126 | فاتقوا الله وأطيعون |
| | | तो ख़ुदा से डरो और मेरी इताअत करो |
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