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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1597 | 12 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم الر تلك آيات الكتاب المبين |
| | | अलिफ़॰ लाम॰ रा॰। ये स्पष्ट किताब की आयतें हैं |
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1598 | 12 | 2 | إنا أنزلناه قرآنا عربيا لعلكم تعقلون |
| | | हमने इसे अरबी क़ुरआन के रूप में उतारा है, ताकि तुम समझो |
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1599 | 12 | 3 | نحن نقص عليك أحسن القصص بما أوحينا إليك هذا القرآن وإن كنت من قبله لمن الغافلين |
| | | इस क़ुरआन की तुम्हारी ओर प्रकाशना करके इसके द्वारा हम तुम्हें एक बहुत ही अच्छा बयान सुनाते है, यद्यपि इससे पहले तुम बेख़बर थे |
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1600 | 12 | 4 | إذ قال يوسف لأبيه يا أبت إني رأيت أحد عشر كوكبا والشمس والقمر رأيتهم لي ساجدين |
| | | जब यूसुफ़ ने अपने बाप से कहा, "ऐ मेरे बाप! मैंने स्वप्न में ग्यारह सितारे देखे और सूर्य और चाँद। मैंने उन्हें देखा कि वे मुझे सजदा कर रहे है।" |
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1601 | 12 | 5 | قال يا بني لا تقصص رؤياك على إخوتك فيكيدوا لك كيدا إن الشيطان للإنسان عدو مبين |
| | | उसने कहा, "ऐ मेरे बेटे! अपना स्वप्न अपने भाइयों को मत बताना, अन्यथा वे तेरे विरुद्ध कोई चाल चलेंगे। शैतान तो मनुष्य का खुला हुआ शत्रु है |
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1602 | 12 | 6 | وكذلك يجتبيك ربك ويعلمك من تأويل الأحاديث ويتم نعمته عليك وعلى آل يعقوب كما أتمها على أبويك من قبل إبراهيم وإسحاق إن ربك عليم حكيم |
| | | और ऐसा ही होगा, तेरा रब तुझे चुन लेगा और तुझे बातों की तथ्य तक पहुँचना सिखाएगा और अपना अनुग्रह तुझपर और याकूब के घरवालों पर उसी प्रकार पूरा करेगा, जिस प्रकार इससे पहले वह तेरे पूर्वज इबराहीम और इसहाक़ पर पूरा कर चुका है। निस्संदेह तेरा रब सर्वज्ञ, तत्वदर्शी है।" |
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1603 | 12 | 7 | لقد كان في يوسف وإخوته آيات للسائلين |
| | | निश्चय ही यूसुफ़ और उनके भाइयों में सवाल करनेवालों के लिए निशानियाँ है |
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1604 | 12 | 8 | إذ قالوا ليوسف وأخوه أحب إلى أبينا منا ونحن عصبة إن أبانا لفي ضلال مبين |
| | | जबकि उन्होंने कहा, "यूसुफ़ और उसका भाई हमारे बाप को हमसे अधिक प्रिय है, हालाँकि हम एक पूरा जत्था है। वासत्व में हमारे बाप स्पष्ट तः बहक गए है |
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1605 | 12 | 9 | اقتلوا يوسف أو اطرحوه أرضا يخل لكم وجه أبيكم وتكونوا من بعده قوما صالحين |
| | | यूसुफ़ को मार डालो या उसे किसी भूभाग में फेंक आओ, ताकि तुम्हारे बाप का ध्यान केवल तुम्हारी ही ओर हो जाए। इसके पश्चात तुम फिर नेक बन जाना।" |
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1606 | 12 | 10 | قال قائل منهم لا تقتلوا يوسف وألقوه في غيابت الجب يلتقطه بعض السيارة إن كنتم فاعلين |
| | | उनमें से एक बोलनेवाला बोल पड़ा, "यूसुफ़ की हत्या न करो, यदि तुम्हें कुछ करना ही है तो उसे किसी कुएँ की तह में डाल दो। कोई राहगीर उसे उठा लेगा।" |
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