بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
964710ولقد مكناكم في الأرض وجعلنا لكم فيها معايش قليلا ما تشكرون
और (ऐ बनीआदम) हमने तो यक़ीनन तुमको ज़मीन में क़ुदरत व इख़तेदार दिया और उसमें तुम्हारे लिए असबाब ज़िन्दगी मुहय्या किए (मगर) तुम बहुत ही कम शुक्र करते हो
965711ولقد خلقناكم ثم صورناكم ثم قلنا للملائكة اسجدوا لآدم فسجدوا إلا إبليس لم يكن من الساجدين
हालाकि इसमें तो शक ही नहीं कि हमने तुम्हारे बाप आदम को पैदा किया फिर तुम्हारी सूरते बनायीं फिर हमनें फ़रिश्तों से कहा कि तुम सब के सब आदम को सजदा करो तो सब के सब झुक पड़े मगर शैतान कि वह सजदा करने वालों में शामिल न हुआ।
966712قال ما منعك ألا تسجد إذ أمرتك قال أنا خير منه خلقتني من نار وخلقته من طين
ख़ुदा ने (शैतान से) फरमाया जब मैनें तुझे हुक्म दिया कि तू फिर तुझे सजदा करने से किसी ने रोका कहने लगा मैं उससे अफ़ज़ल हूँ (क्योंकि) तूने मुझे आग (ऐसे लतीफ अनसर) से पैदा किया
967713قال فاهبط منها فما يكون لك أن تتكبر فيها فاخرج إنك من الصاغرين
और उसको मिट्टी (ऐसी कशीफ़ अनसर) से पैदा किया ख़ुदा ने फरमाया (तुझको ये ग़ुरूर है) तो बेहश्त से नीचे उतर जाओ क्योंकि तेरी ये मजाल नहीं कि तू यहाँ रहकर ग़ुरूर करे तो यहाँ से (बाहर) निकल बेशक तू ज़लील लोगों से है
968714قال أنظرني إلى يوم يبعثون
कहने लगा तो (ख़ैर) हमें उस दिन तक की (मौत से) मोहलत दे
969715قال إنك من المنظرين
जिस दिन सारी ख़ुदाई के लोग दुबारा जिलाकर उठा खड़े किये जाएगें
970716قال فبما أغويتني لأقعدن لهم صراطك المستقيم
फ़रमाया (अच्छा मंजूर) तुझे ज़रूर मोहलत दी गयी कहने लगा चूँकि तूने मेरी राह मारी तो मैं भी तेरी सीधी राह पर बनी आदम को (गुमराह करने के लिए) ताक में बैठूं तो सही
971717ثم لآتينهم من بين أيديهم ومن خلفهم وعن أيمانهم وعن شمائلهم ولا تجد أكثرهم شاكرين
फिर उन लोगों से और उनके पीछे से और उनके दाहिने से और उनके बाएं से (गरज़ हर तरफ से) उन पर आ पडूंगा और (उनको बहकाउंगा) और तू उन में से बहुतरों की शुक्रग़ुज़ार नहीं पायेगा
972718قال اخرج منها مذءوما مدحورا لمن تبعك منهم لأملأن جهنم منكم أجمعين
ख़ुदा ने फरमाया यहाँ से बुरे हाल में (राइन्दा होकर निकल) (दूर) जा उन लोगों से जो तेरा कहा मानेगा तो मैं यक़ीनन तुम (और उन) सबको जहन्नुम में भर दूंगा
973719ويا آدم اسكن أنت وزوجك الجنة فكلا من حيث شئتما ولا تقربا هذه الشجرة فتكونا من الظالمين
और (आदम से कहा) ऐ आदम तुम और तुम्हारी बीबी (दोनों) बेहश्त में रहा सहा करो और जहाँ से चाहो खाओ (पियो) मगर (ख़बरदार) उस दरख्त के करीब न जाना वरना तुम अपना आप नुक़सान करोगे


0 ... 86.3 87.3 88.3 89.3 90.3 91.3 92.3 93.3 94.3 95.3 97.3 98.3 99.3 100.3 101.3 102.3 103.3 104.3 105.3 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.02 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

58284216021814280308470418543874127