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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
964 | 7 | 10 | ولقد مكناكم في الأرض وجعلنا لكم فيها معايش قليلا ما تشكرون |
| | | और (ऐ बनीआदम) हमने तो यक़ीनन तुमको ज़मीन में क़ुदरत व इख़तेदार दिया और उसमें तुम्हारे लिए असबाब ज़िन्दगी मुहय्या किए (मगर) तुम बहुत ही कम शुक्र करते हो |
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965 | 7 | 11 | ولقد خلقناكم ثم صورناكم ثم قلنا للملائكة اسجدوا لآدم فسجدوا إلا إبليس لم يكن من الساجدين |
| | | हालाकि इसमें तो शक ही नहीं कि हमने तुम्हारे बाप आदम को पैदा किया फिर तुम्हारी सूरते बनायीं फिर हमनें फ़रिश्तों से कहा कि तुम सब के सब आदम को सजदा करो तो सब के सब झुक पड़े मगर शैतान कि वह सजदा करने वालों में शामिल न हुआ। |
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966 | 7 | 12 | قال ما منعك ألا تسجد إذ أمرتك قال أنا خير منه خلقتني من نار وخلقته من طين |
| | | ख़ुदा ने (शैतान से) फरमाया जब मैनें तुझे हुक्म दिया कि तू फिर तुझे सजदा करने से किसी ने रोका कहने लगा मैं उससे अफ़ज़ल हूँ (क्योंकि) तूने मुझे आग (ऐसे लतीफ अनसर) से पैदा किया |
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967 | 7 | 13 | قال فاهبط منها فما يكون لك أن تتكبر فيها فاخرج إنك من الصاغرين |
| | | और उसको मिट्टी (ऐसी कशीफ़ अनसर) से पैदा किया ख़ुदा ने फरमाया (तुझको ये ग़ुरूर है) तो बेहश्त से नीचे उतर जाओ क्योंकि तेरी ये मजाल नहीं कि तू यहाँ रहकर ग़ुरूर करे तो यहाँ से (बाहर) निकल बेशक तू ज़लील लोगों से है |
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968 | 7 | 14 | قال أنظرني إلى يوم يبعثون |
| | | कहने लगा तो (ख़ैर) हमें उस दिन तक की (मौत से) मोहलत दे |
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969 | 7 | 15 | قال إنك من المنظرين |
| | | जिस दिन सारी ख़ुदाई के लोग दुबारा जिलाकर उठा खड़े किये जाएगें |
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970 | 7 | 16 | قال فبما أغويتني لأقعدن لهم صراطك المستقيم |
| | | फ़रमाया (अच्छा मंजूर) तुझे ज़रूर मोहलत दी गयी कहने लगा चूँकि तूने मेरी राह मारी तो मैं भी तेरी सीधी राह पर बनी आदम को (गुमराह करने के लिए) ताक में बैठूं तो सही |
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971 | 7 | 17 | ثم لآتينهم من بين أيديهم ومن خلفهم وعن أيمانهم وعن شمائلهم ولا تجد أكثرهم شاكرين |
| | | फिर उन लोगों से और उनके पीछे से और उनके दाहिने से और उनके बाएं से (गरज़ हर तरफ से) उन पर आ पडूंगा और (उनको बहकाउंगा) और तू उन में से बहुतरों की शुक्रग़ुज़ार नहीं पायेगा |
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972 | 7 | 18 | قال اخرج منها مذءوما مدحورا لمن تبعك منهم لأملأن جهنم منكم أجمعين |
| | | ख़ुदा ने फरमाया यहाँ से बुरे हाल में (राइन्दा होकर निकल) (दूर) जा उन लोगों से जो तेरा कहा मानेगा तो मैं यक़ीनन तुम (और उन) सबको जहन्नुम में भर दूंगा |
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973 | 7 | 19 | ويا آدم اسكن أنت وزوجك الجنة فكلا من حيث شئتما ولا تقربا هذه الشجرة فتكونا من الظالمين |
| | | और (आदम से कहा) ऐ आदम तुम और तुम्हारी बीबी (दोनों) बेहश्त में रहा सहा करो और जहाँ से चाहो खाओ (पियो) मगर (ख़बरदार) उस दरख्त के करीब न जाना वरना तुम अपना आप नुक़सान करोगे |
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