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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
871 | 6 | 82 | الذين آمنوا ولم يلبسوا إيمانهم بظلم أولئك لهم الأمن وهم مهتدون |
| | | जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अपने ईमान को ज़ुल्म (शिर्क) से आलूदा नहीं किया उन्हीं लोगों के लिए अमन (व इतमिनान) है और यही लोग हिदायत याफ़ता हैं |
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872 | 6 | 83 | وتلك حجتنا آتيناها إبراهيم على قومه نرفع درجات من نشاء إن ربك حكيم عليم |
| | | और ये हमारी (समझाई बुझाई) दलीलें हैं जो हमने इबराहीम को अपनी क़ौम पर (ग़ालिब आने के लिए) अता की थी हम जिसके मरतबे चाहते हैं बुलन्द करते हैं बेशक तुम्हारा परवरदिगार हिक़मत वाला बाख़बर है |
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873 | 6 | 84 | ووهبنا له إسحاق ويعقوب كلا هدينا ونوحا هدينا من قبل ومن ذريته داوود وسليمان وأيوب ويوسف وموسى وهارون وكذلك نجزي المحسنين |
| | | और हमने इबराहीम को इसहाक़ वा याक़ूब (सा बेटा पोता) अता किया हमने सबकी हिदायत की और उनसे पहले नूह को (भी) हम ही ने हिदायत की और उन्हीं (इबराहीम) को औलाद से दाऊद व सुलेमान व अय्यूब व यूसुफ व मूसा व हारुन (सब की हमने हिदायत की) और नेकों कारों को हम ऐसा ही इल्म अता फरमाते हैं |
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874 | 6 | 85 | وزكريا ويحيى وعيسى وإلياس كل من الصالحين |
| | | और ज़करिया व यहया व ईसा व इलियास (सब की हिदायत की (और ये) सब (ख़ुदा के) नेक बन्दों से हैं |
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875 | 6 | 86 | وإسماعيل واليسع ويونس ولوطا وكلا فضلنا على العالمين |
| | | और इसमाइल व इलियास व युनूस व लूत (की भी हिदायत की) और सब को सारे जहाँन पर फज़ीलत अता की |
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876 | 6 | 87 | ومن آبائهم وذرياتهم وإخوانهم واجتبيناهم وهديناهم إلى صراط مستقيم |
| | | और (सिर्फ उन्हीं को नहीं बल्कि) उनके बाप दादाओं और उनकी औलाद और उनके भाई बन्दों में से (बहुतेरों को) और उनके मुन्तख़िब किया और उन्हें सीधी राह की हिदायत की |
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877 | 6 | 88 | ذلك هدى الله يهدي به من يشاء من عباده ولو أشركوا لحبط عنهم ما كانوا يعملون |
| | | (देखो) ये ख़ुदा की हिदायत है अपने बन्दों से जिसको चाहे उसीकी वजह से राह पर लाए और अगर उन लोगों ने शिर्क किया होता तो उनका किया (धरा) सब अकारत हो जाता |
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878 | 6 | 89 | أولئك الذين آتيناهم الكتاب والحكم والنبوة فإن يكفر بها هؤلاء فقد وكلنا بها قوما ليسوا بها بكافرين |
| | | (पैग़म्बर) वह लोग थे जिनको हमने (आसमानी) किताब और हुकूमत और नुबूवत अता फरमाई पस अगर ये लोग उसे भी न माने तो (कुछ परवाह नहीं) हमने तो उस पर ऐसे लोगों को मुक़र्रर कर दिया हे जो (उनकी तरह) इन्कार करने वाले नहीं |
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879 | 6 | 90 | أولئك الذين هدى الله فبهداهم اقتده قل لا أسألكم عليه أجرا إن هو إلا ذكرى للعالمين |
| | | (ये अगले पैग़म्बर) वह लोग थे जिनकी ख़ुदा ने हिदायत की पस तुम भी उनकी हिदायत की पैरवी करो (ऐ रसूल उन से) कहो कि मै तुम से इस (रिसालत) की मज़दूरी कुछ नहीं चाहता सारे जहाँन के लिए सिर्फ नसीहत है |
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880 | 6 | 91 | وما قدروا الله حق قدره إذ قالوا ما أنزل الله على بشر من شيء قل من أنزل الكتاب الذي جاء به موسى نورا وهدى للناس تجعلونه قراطيس تبدونها وتخفون كثيرا وعلمتم ما لم تعلموا أنتم ولا آباؤكم قل الله ثم ذرهم في خوضهم يلعبون |
| | | और बस और उन लोगों (यहूद) ने ख़ुदा की जैसी क़दर करनी चाहिए न की इसलिए कि उन लोगों ने (बेहूदे पन से) ये कह दिया कि ख़ुदा ने किसी बशर (इनसान) पर कुछ नाज़िल नहीं किया (ऐ रसूल) तुम पूछो तो कि फिर वह किताब जिसे मूसा लेकर आए थे किसने नाज़िल की जो लोगों के लिए रौशनी और (अज़सरतापा(सर से पैर तक)) हिदायत (थी जिसे तुम लोगों ने अलग-अलग करके काग़जी औराक़ (कागज़ के पन्ने) बना डाला और इसमें को कुछ हिस्सा (जो तुम्हारे मतलब का है वह) तो ज़ाहिर करते हो और बहुतेरे को (जो ख़िलाफ मदआ है) छिपाते हो हालॉकि उसी किताब के ज़रिए से तुम्हें वो बातें सिखायी गयी जिन्हें न तुम जानते थे और न तुम्हारे बाप दादा (ऐ रसूल वह तो जवाब देगें नहीं) तुम ही कह दो कि ख़ुदा ने (नाज़िल फरमाई) |
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