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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
6175 | 102 | 7 | ثم لترونها عين اليقين |
| | | फिर तुम लोग यक़ीनी देखना देखोगे |
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6176 | 102 | 8 | ثم لتسألن يومئذ عن النعيم |
| | | फिर तुमसे नेअमतों के बारें ज़रूर बाज़ पुर्स की जाएगी |
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6177 | 103 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم والعصر |
| | | नमाज़े अस्र की क़सम |
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6178 | 103 | 2 | إن الإنسان لفي خسر |
| | | बेशक इन्सान घाटे में है |
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6179 | 103 | 3 | إلا الذين آمنوا وعملوا الصالحات وتواصوا بالحق وتواصوا بالصبر |
| | | मगर जो लोग ईमान लाए, और अच्छे काम करते रहे और आपस में हक़ का हुक्म और सब्र की वसीयत करते रहे |
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6180 | 104 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم ويل لكل همزة لمزة |
| | | हर ताना देने वाले चुग़लख़ोर की ख़राबी है |
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6181 | 104 | 2 | الذي جمع مالا وعدده |
| | | जो माल को जमा करता है और गिन गिन कर रखता है |
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6182 | 104 | 3 | يحسب أن ماله أخلده |
| | | वह समझता है कि उसका माल उसे हमेशा ज़िन्दा बाक़ी रखेगा |
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6183 | 104 | 4 | كلا لينبذن في الحطمة |
| | | हरगिज़ नहीं वह तो ज़रूर हुतमा में डाला जाएगा |
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6184 | 104 | 5 | وما أدراك ما الحطمة |
| | | और तुमको क्या मालूम हतमा क्या है |
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