نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5780 | 80 | 22 | ثم إذا شاء أنشره |
| | | फिर जब चाहेगा उठा खड़ा करेगा |
|
5781 | 80 | 23 | كلا لما يقض ما أمره |
| | | सच तो यह है कि ख़ुदा ने जो हुक्म उसे दिया उसने उसको पूरा न किया |
|
5782 | 80 | 24 | فلينظر الإنسان إلى طعامه |
| | | तो इन्सान को अपने घाटे ही तरफ ग़ौर करना चाहिए |
|
5783 | 80 | 25 | أنا صببنا الماء صبا |
| | | कि हम ही ने (बादल) से पानी बरसाया |
|
5784 | 80 | 26 | ثم شققنا الأرض شقا |
| | | फिर हम ही ने ज़मीन (दरख्त उगाकर) चीरी फाड़ी |
|
5785 | 80 | 27 | فأنبتنا فيها حبا |
| | | फिर हमने उसमें अनाज उगाया |
|
5786 | 80 | 28 | وعنبا وقضبا |
| | | और अंगूर और तरकारियाँ |
|
5787 | 80 | 29 | وزيتونا ونخلا |
| | | और ज़ैतून और खजूरें |
|
5788 | 80 | 30 | وحدائق غلبا |
| | | और घने घने बाग़ और मेवे |
|
5789 | 80 | 31 | وفاكهة وأبا |
| | | और चारा (ये सब कुछ) तुम्हारे और तुम्हारे |
|