بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
54367117والله أنبتكم من الأرض نباتا
"और अल्लाह ने तुम्हें धरती से विशिष्ट प्रकार से विकसित किया,
54377118ثم يعيدكم فيها ويخرجكم إخراجا
"फिर वह तुम्हें उसमें लौटाता है और तुम्हें बाहर निकालेगा भी
54387119والله جعل لكم الأرض بساطا
"और अल्लाह ने तुम्हारे लिए धरती को बिछौना बनाया,
54397120لتسلكوا منها سبلا فجاجا
"ताकि तुम उसके विस्तृत मार्गों पर चलो।"
54407121قال نوح رب إنهم عصوني واتبعوا من لم يزده ماله وولده إلا خسارا
नूह ने कहा, "ऐ मेरे रब! उन्होंने मेरी अवज्ञा की, और उसका अनुसरण किया जिसके धन और जिसकी सन्तान ने उसके घाटे ही मे अभिवृद्धि की
54417122ومكروا مكرا كبارا
"और वे बहुत बड़ी चाल चले,
54427123وقالوا لا تذرن آلهتكم ولا تذرن ودا ولا سواعا ولا يغوث ويعوق ونسرا
"और उन्होंने कहा, अपने इष्ट-पूज्यों के कदापि न छोड़ो और न वह वद्द को छोड़ो और न सुवा को और न यग़ूस और न यऊक़ और नस्र को
54437124وقد أضلوا كثيرا ولا تزد الظالمين إلا ضلالا
"और उन्होंने बहुत-से लोगों को पथभ्रष्ट॥ किया है (तो तू उन्हें मार्ग न दिया) अब, तू भी ज़ालिमों की पथभ्रष्टता ही में अभिवृद्धि कर।"
54447125مما خطيئاتهم أغرقوا فأدخلوا نارا فلم يجدوا لهم من دون الله أنصارا
वे अपनी बड़ी ख़ताओं के कारण पानी में डूबो दिए गए, फिर आग में दाख़िल कर दिए गए, फिर वे अपने और अल्लाह के बीच आड़ बननेवाले सहायक न पा सके
54457126وقال نوح رب لا تذر على الأرض من الكافرين ديارا
और नूह ने कहा, "ऐ मेरे रब! धरती पर इनकार करनेवालों में से किसी बसनेवाले को न छोड


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