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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5436 | 71 | 17 | والله أنبتكم من الأرض نباتا |
| | | "और अल्लाह ने तुम्हें धरती से विशिष्ट प्रकार से विकसित किया, |
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5437 | 71 | 18 | ثم يعيدكم فيها ويخرجكم إخراجا |
| | | "फिर वह तुम्हें उसमें लौटाता है और तुम्हें बाहर निकालेगा भी |
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5438 | 71 | 19 | والله جعل لكم الأرض بساطا |
| | | "और अल्लाह ने तुम्हारे लिए धरती को बिछौना बनाया, |
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5439 | 71 | 20 | لتسلكوا منها سبلا فجاجا |
| | | "ताकि तुम उसके विस्तृत मार्गों पर चलो।" |
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5440 | 71 | 21 | قال نوح رب إنهم عصوني واتبعوا من لم يزده ماله وولده إلا خسارا |
| | | नूह ने कहा, "ऐ मेरे रब! उन्होंने मेरी अवज्ञा की, और उसका अनुसरण किया जिसके धन और जिसकी सन्तान ने उसके घाटे ही मे अभिवृद्धि की |
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5441 | 71 | 22 | ومكروا مكرا كبارا |
| | | "और वे बहुत बड़ी चाल चले, |
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5442 | 71 | 23 | وقالوا لا تذرن آلهتكم ولا تذرن ودا ولا سواعا ولا يغوث ويعوق ونسرا |
| | | "और उन्होंने कहा, अपने इष्ट-पूज्यों के कदापि न छोड़ो और न वह वद्द को छोड़ो और न सुवा को और न यग़ूस और न यऊक़ और नस्र को |
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5443 | 71 | 24 | وقد أضلوا كثيرا ولا تزد الظالمين إلا ضلالا |
| | | "और उन्होंने बहुत-से लोगों को पथभ्रष्ट॥ किया है (तो तू उन्हें मार्ग न दिया) अब, तू भी ज़ालिमों की पथभ्रष्टता ही में अभिवृद्धि कर।" |
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5444 | 71 | 25 | مما خطيئاتهم أغرقوا فأدخلوا نارا فلم يجدوا لهم من دون الله أنصارا |
| | | वे अपनी बड़ी ख़ताओं के कारण पानी में डूबो दिए गए, फिर आग में दाख़िल कर दिए गए, फिर वे अपने और अल्लाह के बीच आड़ बननेवाले सहायक न पा सके |
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5445 | 71 | 26 | وقال نوح رب لا تذر على الأرض من الكافرين ديارا |
| | | और नूह ने कहा, "ऐ मेरे रब! धरती पर इनकार करनेवालों में से किसी बसनेवाले को न छोड |
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