نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5295 | 68 | 24 | أن لا يدخلنها اليوم عليكم مسكين |
| | | कि आज यहाँ तुम्हारे पास कोई फ़क़ीर न आने पाए |
|
5296 | 68 | 25 | وغدوا على حرد قادرين |
| | | तो वह लोग रोक थाम के एहतमाम के साथ फल तोड़ने की ठाने हुए सवेरे ही जा पहुँचे |
|
5297 | 68 | 26 | فلما رأوها قالوا إنا لضالون |
| | | फिर जब उसे (जला हुआ सियाह) देखा तो कहने लगे हम लोग भटक गए |
|
5298 | 68 | 27 | بل نحن محرومون |
| | | (ये हमारा बाग़ नहीं फिर ये सोचकर बोले) बात ये है कि हम लोग बड़े बदनसीब हैं |
|
5299 | 68 | 28 | قال أوسطهم ألم أقل لكم لولا تسبحون |
| | | जो उनमें से मुनसिफ़ मिजाज़ था कहने लगा क्यों मैंने तुमसे नहीं कहा था कि तुम लोग (ख़ुदा की) तसबीह क्यों नहीं करते |
|
5300 | 68 | 29 | قالوا سبحان ربنا إنا كنا ظالمين |
| | | वह बोले हमारा परवरदिगार पाक है बेशक हमीं ही कुसूरवार हैं |
|
5301 | 68 | 30 | فأقبل بعضهم على بعض يتلاومون |
| | | फिर लगे एक दूसरे के मुँह दर मुँह मलामत करने |
|
5302 | 68 | 31 | قالوا يا ويلنا إنا كنا طاغين |
| | | (आख़िर) सबने इक़रार किया कि हाए अफसोस बेशक हम ही ख़ुद सरकश थे |
|
5303 | 68 | 32 | عسى ربنا أن يبدلنا خيرا منها إنا إلى ربنا راغبون |
| | | उम्मीद है कि हमारा परवरदिगार हमें इससे बेहतर बाग़ इनायत फ़रमाए हम अपने परवरदिगार की तरफ रूजू करते हैं |
|
5304 | 68 | 33 | كذلك العذاب ولعذاب الآخرة أكبر لو كانوا يعلمون |
| | | (देखो) यूँ अज़ाब होता है और आख़ेरत का अज़ाब तो इससे कहीं बढ़ कर है अगर ये लोग समझते हों |
|