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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5117 | 58 | 13 | أأشفقتم أن تقدموا بين يدي نجواكم صدقات فإذ لم تفعلوا وتاب الله عليكم فأقيموا الصلاة وآتوا الزكاة وأطيعوا الله ورسوله والله خبير بما تعملون |
| | | (मुसलमानों) क्या तुम इस बात से डर गए कि (रसूल के) कान में बात कहने से पहले ख़ैरात कर लो तो जब तुम लोग (इतना सा काम) न कर सके और ख़ुदा ने तुम्हें माफ़ कर दिया तो पाबन्दी से नमाज़ पढ़ो और ज़कात देते रहो और ख़ुदा उसके रसूल की इताअत करो और जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा उससे बाख़बर है |
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5118 | 58 | 14 | ألم تر إلى الذين تولوا قوما غضب الله عليهم ما هم منكم ولا منهم ويحلفون على الكذب وهم يعلمون |
| | | क्या तुमने उन लोगों की हालत पर ग़ौर नहीं किया जो उन लोगों से दोस्ती करते हैं जिन पर ख़ुदा ने ग़ज़ब ढाया है तो अब वह न तुम मे हैं और न उनमें ये लोग जानबूझ कर झूठी बातो पर क़समें खाते हैं और वह जानते हैं |
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5119 | 58 | 15 | أعد الله لهم عذابا شديدا إنهم ساء ما كانوا يعملون |
| | | ख़ुदा ने उनके लिए सख्त अज़ाब तैयार कर रखा है इसमें शक़ नहीं कि ये लोग जो कुछ करते हैं बहुत ही बुरा है |
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5120 | 58 | 16 | اتخذوا أيمانهم جنة فصدوا عن سبيل الله فلهم عذاب مهين |
| | | उन लोगों ने अपनी क़समों को सिपर बना लिया है और (लोगों को) ख़ुदा की राह से रोक दिया तो उनके लिए रूसवा करने वाला अज़ाब है |
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5121 | 58 | 17 | لن تغني عنهم أموالهم ولا أولادهم من الله شيئا أولئك أصحاب النار هم فيها خالدون |
| | | ख़ुदा सामने हरगिज़ न उनके माल ही कुछ काम आएँगे और न उनकी औलाद ही काम आएगी यही लोग जहन्नुमी हैं कि हमेशा उसमें रहेंगे |
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5122 | 58 | 18 | يوم يبعثهم الله جميعا فيحلفون له كما يحلفون لكم ويحسبون أنهم على شيء ألا إنهم هم الكاذبون |
| | | जिस दिन ख़ुदा उन सबको दोबार उठा खड़ा करेगा तो ये लोग जिस तरह तुम्हारे सामने क़समें खाते हैं उसी तरह उसके सामने भी क़समें खाएँगे और ख्याल करते हैं कि वह राहे सवाब पर हैं आगाह रहो ये लोग यक़ीनन झूठे हैं |
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5123 | 58 | 19 | استحوذ عليهم الشيطان فأنساهم ذكر الله أولئك حزب الشيطان ألا إن حزب الشيطان هم الخاسرون |
| | | शैतान ने इन पर क़ाबू पा लिया है और ख़ुदा की याद उनसे भुला दी है ये लोग शैतान के गिरोह है सुन रखो कि शैतान का गिरोह घाटा उठाने वाला है |
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5124 | 58 | 20 | إن الذين يحادون الله ورسوله أولئك في الأذلين |
| | | जो लोग ख़ुदा और उसके रसूल से मुख़ालेफ़त करते हैं वह सब ज़लील लोगों में हैं |
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5125 | 58 | 21 | كتب الله لأغلبن أنا ورسلي إن الله قوي عزيز |
| | | ख़ुदा ने हुक्म नातिक दे दिया है कि मैं और मेरे पैग़म्बर ज़रूर ग़ालिब रहेंगे बेशक ख़ुदा बड़ा ज़बरदस्त ग़ालिब है |
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5126 | 58 | 22 | لا تجد قوما يؤمنون بالله واليوم الآخر يوادون من حاد الله ورسوله ولو كانوا آباءهم أو أبناءهم أو إخوانهم أو عشيرتهم أولئك كتب في قلوبهم الإيمان وأيدهم بروح منه ويدخلهم جنات تجري من تحتها الأنهار خالدين فيها رضي الله عنهم ورضوا عنه أولئك حزب الله ألا إن حزب الله هم المفلحون |
| | | जो लोग ख़ुदा और रोज़े आख़ेरत पर ईमान रखते हैं तुम उनको ख़ुदा और उसके रसूल के दुश्मनों से दोस्ती करते हुए न देखोगे अगरचे वह उनके बाप या बेटे या भाई या ख़ानदान ही के लोग (क्यों न हों) यही वह लोग हैं जिनके दिलों में ख़ुदा ने ईमान को साबित कर दिया है और ख़ास अपने नूर से उनकी ताईद की है और उनको (बेहिश्त में) उन (हरे भरे) बाग़ों में दाखिल करेगा जिनके नीचे नहरे जारी है (और वह) हमेश उसमें रहेंगे ख़ुदा उनसे राज़ी और वह ख़ुदा से ख़ुश यही ख़ुदा का गिरोह है सुन रखो कि ख़ुदा के गिरोग के लोग दिली मुरादें पाएँगे |
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