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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5047 | 56 | 68 | أفرأيتم الماء الذي تشربون |
| | | फिर क्या तुमने उस पानी को देखा जिसे तुम पीते हो? |
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5048 | 56 | 69 | أأنتم أنزلتموه من المزن أم نحن المنزلون |
| | | क्या उसे बादलों से तुमने पानी बरसाया या बरसानेवाले हम है? |
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5049 | 56 | 70 | لو نشاء جعلناه أجاجا فلولا تشكرون |
| | | यदि हम चाहें तो उसे अत्यन्त खारा बनाकर रख दें। फिर तुम कृतज्ञता क्यों नहीं दिखाते? |
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5050 | 56 | 71 | أفرأيتم النار التي تورون |
| | | फिर क्या तुमने उस आग को देखा जिसे तुम सुलगाते हो? |
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5051 | 56 | 72 | أأنتم أنشأتم شجرتها أم نحن المنشئون |
| | | क्या तुमने उसके वृक्ष को पैदा किया है या पैदा करनेवाले हम है? |
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5052 | 56 | 73 | نحن جعلناها تذكرة ومتاعا للمقوين |
| | | हमने उसे एक अनुस्मृति और मरुभुमि के मुसाफ़िरों और ज़रूरतमन्दों के लिए लाभप्रद बनाया |
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5053 | 56 | 74 | فسبح باسم ربك العظيم |
| | | अतः तुम अपने महान रब के नाम की तसबीह करो |
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5054 | 56 | 75 | فلا أقسم بمواقع النجوم |
| | | अतः नहीं! मैं क़समों खाता हूँ सितारों की स्थितियों की - |
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5055 | 56 | 76 | وإنه لقسم لو تعلمون عظيم |
| | | और यह बहुत बड़ी गवाही है, यदि तुम जानो - |
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5056 | 56 | 77 | إنه لقرآن كريم |
| | | निश्चय ही यह प्रतिष्ठित क़ुरआन है |
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