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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4832 | 53 | 48 | وأنه هو أغنى وأقنى |
| | | और ये कि वही मालदार बनाता है और सरमाया अता करता है, |
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4833 | 53 | 49 | وأنه هو رب الشعرى |
| | | और ये कि वही योअराए का मालिक है |
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4834 | 53 | 50 | وأنه أهلك عادا الأولى |
| | | और ये कि उसी ने पहले (क़ौमे) आद को हलाक किया |
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4835 | 53 | 51 | وثمود فما أبقى |
| | | और समूद को भी ग़रज़ किसी को बाक़ी न छोड़ा |
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4836 | 53 | 52 | وقوم نوح من قبل إنهم كانوا هم أظلم وأطغى |
| | | और (उसके) पहले नूह की क़ौम को बेशक ये लोग बड़े ही ज़ालिम और बड़े ही सरकश थे |
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4837 | 53 | 53 | والمؤتفكة أهوى |
| | | और उसी ने (क़ौमे लूत की) उलटी हुई बस्तियों को दे पटका |
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4838 | 53 | 54 | فغشاها ما غشى |
| | | (फिर उन पर) जो छाया सो छाया |
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4839 | 53 | 55 | فبأي آلاء ربك تتمارى |
| | | तो तू (ऐ इन्सान आख़िर) अपने परवरदिगार की कौन सी नेअमत पर शक़ किया करेगा |
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4840 | 53 | 56 | هذا نذير من النذر الأولى |
| | | ये (मोहम्मद भी अगले डराने वाले पैग़म्बरों में से एक डरने वाला) पैग़म्बर है |
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4841 | 53 | 57 | أزفت الآزفة |
| | | कयामत क़रीब आ गयी |
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