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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4751 | 52 | 16 | اصلوها فاصبروا أو لا تصبروا سواء عليكم إنما تجزون ما كنتم تعملون |
| | | इसी में घुसो फिर सब्र करो या बेसब्री करो (दोनों) तुम्हारे लिए यकसाँ हैं तुम्हें तो बस उन्हीं कामों का बदला मिलेगा जो तुम किया करते थे |
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4752 | 52 | 17 | إن المتقين في جنات ونعيم |
| | | बेशक परहेज़गार लोग बाग़ों और नेअमतों में होंगे |
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4753 | 52 | 18 | فاكهين بما آتاهم ربهم ووقاهم ربهم عذاب الجحيم |
| | | जो (जो नेअमतें) उनके परवरदिगार ने उन्हें दी हैं उनके मज़े ले रहे हैं और उनका परवरदिगार उन्हें दोज़ख़ के अज़ाब से बचाएगा |
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4754 | 52 | 19 | كلوا واشربوا هنيئا بما كنتم تعملون |
| | | जो जो कारगुज़ारियाँ तुम कर चुके हो उनके सिले में (आराम से) तख्तों पर जो बराबर बिछे हुए हैं |
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4755 | 52 | 20 | متكئين على سرر مصفوفة وزوجناهم بحور عين |
| | | तकिए लगाकर ख़ूब मज़े से खाओ पियो और हम बड़ी बड़ी ऑंखों वाली हूर से उनका ब्याह रचाएँगे |
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4756 | 52 | 21 | والذين آمنوا واتبعتهم ذريتهم بإيمان ألحقنا بهم ذريتهم وما ألتناهم من عملهم من شيء كل امرئ بما كسب رهين |
| | | और जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और उनकी औलाद ने भी ईमान में उनका साथ दिया तो हम उनकी औलाद को भी उनके दर्जे पहुँचा देंगे और हम उनकी कारगुज़ारियों में से कुछ भी कम न करेंगे हर शख़्श अपने आमाल के बदले में गिरवी है |
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4757 | 52 | 22 | وأمددناهم بفاكهة ولحم مما يشتهون |
| | | और जिस क़िस्म के मेवे और गोश्त को उनका जी चाहेगा हम उन्हें बढ़ाकर अता करेंगे |
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4758 | 52 | 23 | يتنازعون فيها كأسا لا لغو فيها ولا تأثيم |
| | | वहाँ एक दूसरे से शराब का जाम ले लिया करेंगे जिसमें न कोई बेहूदगी है और न गुनाह |
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4759 | 52 | 24 | ويطوف عليهم غلمان لهم كأنهم لؤلؤ مكنون |
| | | (और ख़िदमत के लिए) नौजवान लड़के उनके आस पास चक्कर लगाया करेंगे वह (हुस्न व जमाल में) गोया एहतियात से रखे हुए मोती हैं |
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4760 | 52 | 25 | وأقبل بعضهم على بعض يتساءلون |
| | | और एक दूसरे की तरफ रूख़ करके (लुत्फ की) बातें करेंगे |
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