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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4715 | 51 | 40 | فأخذناه وجنوده فنبذناهم في اليم وهو مليم |
| | | तो हमने उसको और उसके लशकर को ले डाला फिर उन सबको दरिया में पटक दिया |
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4716 | 51 | 41 | وفي عاد إذ أرسلنا عليهم الريح العقيم |
| | | और वह तो क़ाबिले मलामत काम करता ही था और आद की क़ौम (के हाल) में भी निशानी है हमने उन पर एक बे बरकत ऑंधी चलायी |
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4717 | 51 | 42 | ما تذر من شيء أتت عليه إلا جعلته كالرميم |
| | | कि जिस चीज़ पर चलती उसको बोसीदा हडडी की तरह रेज़ा रेज़ा किए बग़ैर न छोड़ती |
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4718 | 51 | 43 | وفي ثمود إذ قيل لهم تمتعوا حتى حين |
| | | और समूद (के हाल) में भी (क़ुदरत की निशानी) है जब उससे कहा गया कि एक ख़ास वक्त तक ख़ूब चैन कर लो |
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4719 | 51 | 44 | فعتوا عن أمر ربهم فأخذتهم الصاعقة وهم ينظرون |
| | | तो उन्होने अपने परवरदिगार के हुक्म से सरकशी की तो उन्हें एक रोज़ कड़क और बिजली ने ले डाला और देखते ही रह गए |
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4720 | 51 | 45 | فما استطاعوا من قيام وما كانوا منتصرين |
| | | फिर न वह उठने की ताक़त रखते थे और न बदला ही ले सकते थे |
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4721 | 51 | 46 | وقوم نوح من قبل إنهم كانوا قوما فاسقين |
| | | और (उनसे) पहले (हम) नूह की क़ौम को (हलाक कर चुके थे) बेशक वह बदकार लोग थे |
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4722 | 51 | 47 | والسماء بنيناها بأيد وإنا لموسعون |
| | | और हमने आसमानों को अपने बल बूते से बनाया और बेशक हममें सब क़ुदरत है |
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4723 | 51 | 48 | والأرض فرشناها فنعم الماهدون |
| | | और ज़मीन को भी हम ही ने बिछाया तो हम कैसे अच्छे बिछाने वाले हैं |
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4724 | 51 | 49 | ومن كل شيء خلقنا زوجين لعلكم تذكرون |
| | | और हम ही ने हर चीज़ की दो दो क़िस्में बनायीं ताकि तुम लोग नसीहत हासिल करो |
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