بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
47155140فأخذناه وجنوده فنبذناهم في اليم وهو مليم
तो हमने उसको और उसके लशकर को ले डाला फिर उन सबको दरिया में पटक दिया
47165141وفي عاد إذ أرسلنا عليهم الريح العقيم
और वह तो क़ाबिले मलामत काम करता ही था और आद की क़ौम (के हाल) में भी निशानी है हमने उन पर एक बे बरकत ऑंधी चलायी
47175142ما تذر من شيء أتت عليه إلا جعلته كالرميم
कि जिस चीज़ पर चलती उसको बोसीदा हडडी की तरह रेज़ा रेज़ा किए बग़ैर न छोड़ती
47185143وفي ثمود إذ قيل لهم تمتعوا حتى حين
और समूद (के हाल) में भी (क़ुदरत की निशानी) है जब उससे कहा गया कि एक ख़ास वक्त तक ख़ूब चैन कर लो
47195144فعتوا عن أمر ربهم فأخذتهم الصاعقة وهم ينظرون
तो उन्होने अपने परवरदिगार के हुक्म से सरकशी की तो उन्हें एक रोज़ कड़क और बिजली ने ले डाला और देखते ही रह गए
47205145فما استطاعوا من قيام وما كانوا منتصرين
फिर न वह उठने की ताक़त रखते थे और न बदला ही ले सकते थे
47215146وقوم نوح من قبل إنهم كانوا قوما فاسقين
और (उनसे) पहले (हम) नूह की क़ौम को (हलाक कर चुके थे) बेशक वह बदकार लोग थे
47225147والسماء بنيناها بأيد وإنا لموسعون
और हमने आसमानों को अपने बल बूते से बनाया और बेशक हममें सब क़ुदरत है
47235148والأرض فرشناها فنعم الماهدون
और ज़मीन को भी हम ही ने बिछाया तो हम कैसे अच्छे बिछाने वाले हैं
47245149ومن كل شيء خلقنا زوجين لعلكم تذكرون
और हम ही ने हर चीज़ की दो दो क़िस्में बनायीं ताकि तुम लोग नसीहत हासिल करो


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