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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4249 | 41 | 31 | نحن أولياؤكم في الحياة الدنيا وفي الآخرة ولكم فيها ما تشتهي أنفسكم ولكم فيها ما تدعون |
| | | हम सांसारिक जीवन में भी तुम्हारे सहचर मित्र है और आख़िरत में भी। और वहाँ तुम्हारे लिए वह सब कुछ है, जिसकी इच्छा तुम्हारे जी को होगी। और वहाँ तुम्हारे लिए वह सब कुछ होगा, जिसका तुम माँग करोगे |
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4250 | 41 | 32 | نزلا من غفور رحيم |
| | | आतिथ्य के रूप में क्षमाशील, दयावान सत्ता की ओर से" |
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4251 | 41 | 33 | ومن أحسن قولا ممن دعا إلى الله وعمل صالحا وقال إنني من المسلمين |
| | | और उस व्यक्ति से बात में अच्छा कौन हो सकता है जो अल्लाह की ओर बुलाए और अच्छे कर्म करे और कहे, "निस्संदेह मैं मुस्लिम (आज्ञाकारी) हूँ?" |
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4252 | 41 | 34 | ولا تستوي الحسنة ولا السيئة ادفع بالتي هي أحسن فإذا الذي بينك وبينه عداوة كأنه ولي حميم |
| | | भलाई और बुराई समान नहीं है। तुम (बुरे आचरण की बुराई को) अच्छे से अच्छे आचरण के द्वारा दूर करो। फिर क्या देखोगे कि वही व्यक्ति तुम्हारे और जिसके बीच वैर पड़ा हुआ था, जैसे वह कोई घनिष्ठ मित्र है |
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4253 | 41 | 35 | وما يلقاها إلا الذين صبروا وما يلقاها إلا ذو حظ عظيم |
| | | किन्तु यह चीज़ केवल उन लोगों को प्राप्त होती है जो धैर्य से काम लेते है, और यह चीज़ केवल उसको प्राप्त होती है जो बड़ा भाग्यशाली होता है |
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4254 | 41 | 36 | وإما ينزغنك من الشيطان نزغ فاستعذ بالله إنه هو السميع العليم |
| | | और यदि शैतान की ओर से कोई उकसाहट तुम्हें चुभे तो अल्लाह की शरण माँग लो। निश्चय ही वह सबकुछ सुनता, जानता है |
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4255 | 41 | 37 | ومن آياته الليل والنهار والشمس والقمر لا تسجدوا للشمس ولا للقمر واسجدوا لله الذي خلقهن إن كنتم إياه تعبدون |
| | | रात और दिन और सूर्य और चन्द्रमा उसकी निशानियों में से है। तुम न तो सूर्य को सजदा करो और न चन्द्रमा को, बल्कि अल्लाह को सजदा करो जिसने उन्हें पैदा किया, यदि तुम उसी की बन्दगी करनेवाले हो |
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4256 | 41 | 38 | فإن استكبروا فالذين عند ربك يسبحون له بالليل والنهار وهم لا يسأمون |
| | | लेकिन यदि वे घमंड करें (और अल्लाह को याद न करें), तो जो फ़रिश्ते तुम्हारे रब के पास है वे तो रात और दिन उसकी तसबीह करते ही रहते है और वे उकताते नहीं |
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4257 | 41 | 39 | ومن آياته أنك ترى الأرض خاشعة فإذا أنزلنا عليها الماء اهتزت وربت إن الذي أحياها لمحيي الموتى إنه على كل شيء قدير |
| | | और यह चीज़ भी उसकी निशानियों में से है कि तुम देखते हो कि धरती दबी पड़ी है; फिर ज्यों ही हमने उसपर पानी बरसाया कि वह फबक उठी और फूल गई। निश्चय ही जिसने उसे जीवित किया, वही मुर्दों को जीवित करनेवाला है। निस्संदेह उसे हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है |
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4258 | 41 | 40 | إن الذين يلحدون في آياتنا لا يخفون علينا أفمن يلقى في النار خير أم من يأتي آمنا يوم القيامة اعملوا ما شئتم إنه بما تعملون بصير |
| | | जो लोग हमारी आयतों में कुटिलता की नीति अपनाते है वे हमसे छिपे हुए नहीं हैं, तो क्या जो व्यक्ति आग में डाला जाए वह अच्छा है या वह जो क़ियामत के दिन निश्चिन्त होकर आएगा? जो चाहो कर लो, तुम जो कुछ करते हो वह तो उसे देख ही रहा है |
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