بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
42164083فلما جاءتهم رسلهم بالبينات فرحوا بما عندهم من العلم وحاق بهم ما كانوا به يستهزئون
फिर जब उनके रसूल उनके पास स्पष्ट प्रमाणों के साथ आए तो जो ज्ञान उनके अपने पास था वे उसी पर मग्न होते रहे और उनको उसी चीज़ ने आ घेरा जिसका वे परिहास करते थे
42174084فلما رأوا بأسنا قالوا آمنا بالله وحده وكفرنا بما كنا به مشركين
फिर जब उन्होंने हमारी यातना देखी तो कहने लगे, "हम ईमान लाए अल्लाह पर जो अकेला है और उसका इनकार किया जिसे हम उसका साझी ठहराते थे।"
42184085فلم يك ينفعهم إيمانهم لما رأوا بأسنا سنت الله التي قد خلت في عباده وخسر هنالك الكافرون
किन्तु उनका ईमान उनको कुछ भी लाभ नहीं पहुँचा सकता था जबकि उन्होंने हमारी यातना को देख लिया - यही अल्लाह की रीति है, जो उसके बन्दों में पहले से चली आई है - और उस समय इनकार करनेवाले घाटे में पड़कर रहे
4219411بسم الله الرحمن الرحيم حم
हा॰ मीम॰
4220412تنزيل من الرحمن الرحيم
यह अवतरण है बड़े कृपाशील, अत्यन्त दयावान की ओर से,
4221413كتاب فصلت آياته قرآنا عربيا لقوم يعلمون
एक किताब, जिसकी आयतें खोल-खोलकर बयान हुई है; अरबी क़ुरआन के रूप में, उन लोगों के लिए जो जानना चाहें;
4222414بشيرا ونذيرا فأعرض أكثرهم فهم لا يسمعون
शुभ सूचक एवं सचेतकर्त्ता किन्तु उनमें से अधिकतर कतरा गए तो वे सुनते ही नहीं
4223415وقالوا قلوبنا في أكنة مما تدعونا إليه وفي آذاننا وقر ومن بيننا وبينك حجاب فاعمل إننا عاملون
और उनका कहना है कि "जिसकी ओर तुम हमें बुलाते हो उसके लिए तो हमारे दिल आवरणों में है। और हमारे कानों में बोझ है। और हमारे और तुम्हारे बीच एक ओट है; अतः तुम अपना काम करो, हम तो अपना काम करते है।"
4224416قل إنما أنا بشر مثلكم يوحى إلي أنما إلهكم إله واحد فاستقيموا إليه واستغفروه وويل للمشركين
कह दो, "मैं तो तुम्हीं जैसा मनुष्य हूँ। मेरी ओर प्रकाशना की जाती है कि तुम्हारा पूज्य-प्रभु बस अकेला पूज्य-प्रभु है। अतः तुम सीधे उसी का रुख करो और उसी से क्षमा-याचना करो - साझी ठहरानेवालों के लिए तो बड़ी तबाही है,
4225417الذين لا يؤتون الزكاة وهم بالآخرة هم كافرون
जो ज़कात नहीं देते और वही है जो आख़िरत का इनकार करते है। -


0 ... 411.5 412.5 413.5 414.5 415.5 416.5 417.5 418.5 419.5 420.5 422.5 423.5 424.5 425.5 426.5 427.5 428.5 429.5 430.5 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.02 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

259227401292395397335293054488726132295