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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4110 | 39 | 52 | أولم يعلموا أن الله يبسط الرزق لمن يشاء ويقدر إن في ذلك لآيات لقوم يؤمنون |
| | | क्या उन लोगों को इतनी बात भी मालूम नहीं कि ख़ुदा ही जिसके लिए चाहता है रोज़ी फराख़ करता है और (जिसके लिए चाहता है) तंग करता है इसमें शक नहीं कि क्या इसमें ईमानदार लोगों के (कुदरत की) बहुत सी निशानियाँ हैं |
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4111 | 39 | 53 | قل يا عبادي الذين أسرفوا على أنفسهم لا تقنطوا من رحمة الله إن الله يغفر الذنوب جميعا إنه هو الغفور الرحيم |
| | | (ऐ रसूल) तुम कह दो कि ऐ मेरे (ईमानदार) बन्दों जिन्होने (गुनाह करके) अपनी जानों पर ज्यादतियाँ की हैं तुम लोग ख़ुदा की रहमत से नाउम्मीद न होना बेशक ख़ुदा (तुम्हारे) कुल गुनाहों को बख्श देगा वह बेशक बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है |
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4112 | 39 | 54 | وأنيبوا إلى ربكم وأسلموا له من قبل أن يأتيكم العذاب ثم لا تنصرون |
| | | और अपने परवरदिगार की तरफ रूजू करो और उसी के फरमाबरदार बन जाओ (मगर) उस वक्त क़े क़ब्ल ही कि तुम पर जब अज़ाब आ नाज़िल हो (और) फिर तुम्हारी मदद न की जा सके |
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4113 | 39 | 55 | واتبعوا أحسن ما أنزل إليكم من ربكم من قبل أن يأتيكم العذاب بغتة وأنتم لا تشعرون |
| | | और जो जो अच्छी बातें तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से तुम पर नाज़िल हई हैं उन पर चलो (मगर) उसके क़ब्ल कि तुम पर एक बारगी अज़ाब नाज़िल हो और तुमको उसकी ख़बर भी न हो |
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4114 | 39 | 56 | أن تقول نفس يا حسرتا على ما فرطت في جنب الله وإن كنت لمن الساخرين |
| | | (कहीं ऐसा न हो कि) (तुममें से) कोई शख्स कहने लगे कि हाए अफ़सोस मेरी इस कोताही पर जो मैने ख़ुदा (की बारगाह) का तक़र्रुब हासिल करने में की और मैं तो बस उन बातों पर हँसता ही रहा |
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4115 | 39 | 57 | أو تقول لو أن الله هداني لكنت من المتقين |
| | | या ये कहने लगे कि अगर ख़ुदा मेरी हिदायत करता तो मैं ज़रूर परहेज़गारों में से होता |
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4116 | 39 | 58 | أو تقول حين ترى العذاب لو أن لي كرة فأكون من المحسنين |
| | | या जब अज़ाब को (आते) देखें तो कहने लगे कि काश मुझे (दुनिया में) फिर दोबारा जाना मिले तो मैं नेकी कारों में हो जाऊँ |
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4117 | 39 | 59 | بلى قد جاءتك آياتي فكذبت بها واستكبرت وكنت من الكافرين |
| | | उस वक्त ख़ुदा कहेगा ( हाँ ) हाँ तेरे पास मेरी आयतें पहुँची तो तूने उन्हें झुठलाया और शेख़ी कर बैठा और तू भी काफिरों में से था (अब तेरी एक न सुनी जाएगी) |
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4118 | 39 | 60 | ويوم القيامة ترى الذين كذبوا على الله وجوههم مسودة أليس في جهنم مثوى للمتكبرين |
| | | और जिन लोगों ने ख़ुदा पर झूठे बोहतान बाँधे - तुम क़यामत के दिन देखोगे उनके चेहरे सियाह होंगे क्या गुरूर करने वालों का ठिकाना जहन्नुम में नहीं है (ज़रूर है) |
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4119 | 39 | 61 | وينجي الله الذين اتقوا بمفازتهم لا يمسهم السوء ولا هم يحزنون |
| | | और जो लोग परहेज़गार हैं ख़ुदा उन्हें उनकी कामयाबी (और सआदत) के सबब निजात देगा कि उन्हें तकलीफ छुएगी भी नहीं और न यह लोग (किसी तरह) रंजीदा दिल होंगे |
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