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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4087 | 39 | 29 | ضرب الله مثلا رجلا فيه شركاء متشاكسون ورجلا سلما لرجل هل يستويان مثلا الحمد لله بل أكثرهم لا يعلمون |
| | | अल्लाह एक मिसाल पेश करता है कि एक व्यक्ति है, जिसके मालिक होने में कई क्यक्ति साक्षी है, आपस में खींचातानी करनेवाले, और एक क्यक्ति वह है जो पूरा का पूरा एक ही व्यक्ति का है। क्या दोनों का हाल एक जैसा होगा? सारी प्रशंसा अल्लाह ही के लिए है, किन्तु उनमें से अधिकांश लोग नहीं जानते |
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4088 | 39 | 30 | إنك ميت وإنهم ميتون |
| | | तुम्हें भी मरना है और उन्हें भी मरना है |
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4089 | 39 | 31 | ثم إنكم يوم القيامة عند ربكم تختصمون |
| | | फिर निश्चय ही तुम सब क़ियामत के दिन अपने रब के समक्ष झगड़ोगे |
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4090 | 39 | 32 | فمن أظلم ممن كذب على الله وكذب بالصدق إذ جاءه أليس في جهنم مثوى للكافرين |
| | | फिर उस व्यक्ति से बढ़कर अत्याचारी कौन होगा, जिसने झूठ घड़कर अल्लाह पर थोपा और सत्य को झूठला दिया जब वह उसके पास आया। क्या जहन्नम में इनकार करनेवालों का ठिकाना नहीं हैं? |
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4091 | 39 | 33 | والذي جاء بالصدق وصدق به أولئك هم المتقون |
| | | और जो व्यक्ति सच्चाई लेकर आया और उसने उसकी पुष्टि की, ऐसे ही लोग डर रखते है |
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4092 | 39 | 34 | لهم ما يشاءون عند ربهم ذلك جزاء المحسنين |
| | | उनके लिए उनके रब के पास वह सब कुछ है, जो वे चाहेंगे। यह है उत्तमकारों का बदला |
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4093 | 39 | 35 | ليكفر الله عنهم أسوأ الذي عملوا ويجزيهم أجرهم بأحسن الذي كانوا يعملون |
| | | ताकि जो निकृष्टतम कर्म उन्होंने किए अल्लाह उन (के बुरे प्रभाव) को उनसे दूर कर दे। औऱ जो उत्तम कर्म वे करते रहे उसका उन्हें बदला प्रदान करे |
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4094 | 39 | 36 | أليس الله بكاف عبده ويخوفونك بالذين من دونه ومن يضلل الله فما له من هاد |
| | | क्या अल्लाह अपने बन्दे के लिए काफ़ी नहीं है, यद्यपि वे तुम्हें उनसे डराते है, जो उसके सिवा (उन्होंने अपने सहायक बना रखे) है? अल्लाह जिसे गुमराही में डाल दे उसे मार्ग दिखानेवाला कोई नही |
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4095 | 39 | 37 | ومن يهد الله فما له من مضل أليس الله بعزيز ذي انتقام |
| | | और जिसे अल्लाह मार्ग दिखाए उसे गुमराह करनेवाला भी कोई नहीं। क्या अल्लाह प्रभुत्वशाली, बदला लेनेवाला नहीं है? |
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4096 | 39 | 38 | ولئن سألتهم من خلق السماوات والأرض ليقولن الله قل أفرأيتم ما تدعون من دون الله إن أرادني الله بضر هل هن كاشفات ضره أو أرادني برحمة هل هن ممسكات رحمته قل حسبي الله عليه يتوكل المتوكلون |
| | | यदि तुम उनसे पूछो कि "आकाशों और धरती को किसने पैदा किया?" को वे अवश्य कहेंगे, "अल्लाह ने।" कहो, "तुम्हारा क्या विचार है? यदि अल्लाह मुझे कोई तकलीफ़ पहुँचानी चाहे तो क्या अल्लाह से हटकर जिनको तुम पुकारते हो वे उसकी पहुँचाई हुई तकलीफ़ को दूर कर सकते है? या वह मुझपर कोई दयालुता दर्शानी चाहे तो क्या वे उसकी दयालुता को रोक सकते है?" कह दो, "मेरे लिए अल्लाह काफ़ी है। भरोसा करनेवाले उसी पर भरोसा करते है।" |
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