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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3960 | 37 | 172 | إنهم لهم المنصورون |
| | | कि इन लोगों की (हमारी बारगाह से) यक़ीनी मदद की जाएगी |
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3961 | 37 | 173 | وإن جندنا لهم الغالبون |
| | | और हमारा लश्कर तो यक़ीनन ग़ालिब रहेगा |
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3962 | 37 | 174 | فتول عنهم حتى حين |
| | | तो (ऐ रसूल) तुम उनसे एक ख़ास वक्त तक मुँह फेरे रहो |
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3963 | 37 | 175 | وأبصرهم فسوف يبصرون |
| | | और इनको देखते रहो तो ये लोग अनक़रीब ही (अपना नतीजा) देख लेगे |
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3964 | 37 | 176 | أفبعذابنا يستعجلون |
| | | तो क्या ये लोग हमारे अज़ाब की जल्दी कर रहे हैं |
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3965 | 37 | 177 | فإذا نزل بساحتهم فساء صباح المنذرين |
| | | फिर जब (अज़ाब) उनकी अंगनाई में उतर पडेग़ा तो जो लोग डराए जा चुके हैं उनकी भी क्या बुरी सुबह होगी |
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3966 | 37 | 178 | وتول عنهم حتى حين |
| | | और उन लोगों से एक ख़ास वक्त तक मुँह फेरे रहो |
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3967 | 37 | 179 | وأبصر فسوف يبصرون |
| | | और देखते रहो ये लोग तो खुद अनक़रीब ही अपना अन्जाम देख लेगें |
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3968 | 37 | 180 | سبحان ربك رب العزة عما يصفون |
| | | ये लोग जो बातें (खुदा के बारे में) बनाया करते हैं उनसे तुम्हारा परवरदिगार इज्ज़त का मालिक पाक साफ है |
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3969 | 37 | 181 | وسلام على المرسلين |
| | | और पैग़म्बरों पर (दुरूद) सलाम हो |
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