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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3762 | 36 | 57 | لهم فيها فاكهة ولهم ما يدعون |
| | | बेिहश्त में उनके लिए (ताज़ा) मेवे (तैयार) हैं और जो वह चाहें उनके लिए (हाज़िर) है |
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3763 | 36 | 58 | سلام قولا من رب رحيم |
| | | मेहरबान परवरदिगार की तरफ से सलाम का पैग़ाम आएगा |
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3764 | 36 | 59 | وامتازوا اليوم أيها المجرمون |
| | | और (एक आवाज़ आएगी कि) ऐ गुनाहगारों तुम लोग (इनसे) अलग हो जाओ |
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3765 | 36 | 60 | ألم أعهد إليكم يا بني آدم أن لا تعبدوا الشيطان إنه لكم عدو مبين |
| | | ऐ आदम की औलाद क्या मैंने तुम्हारे पास ये हुक्म नहीं भेजा था कि (ख़बरदार) शैतान की परसतिश न करना वह यक़ीनी तुम्हारा खुल्लम खुल्ला दुश्मन है |
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3766 | 36 | 61 | وأن اعبدوني هذا صراط مستقيم |
| | | और ये कि (देखो) सिर्फ मेरी इबादत करना यही (नजात की) सीधी राह है |
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3767 | 36 | 62 | ولقد أضل منكم جبلا كثيرا أفلم تكونوا تعقلون |
| | | और (बावजूद इसके) उसने तुममें से बहुतेरों को गुमराह कर छोड़ा तो क्या तुम (इतना भी) नहीं समझते थे |
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3768 | 36 | 63 | هذه جهنم التي كنتم توعدون |
| | | ये वही जहन्नुम है जिसका तुमसे वायदा किया गया था |
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3769 | 36 | 64 | اصلوها اليوم بما كنتم تكفرون |
| | | तो अब चूँकि तुम कुफ्र करते थे इस वजह से आज इसमें (चुपके से) चले जाओ |
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3770 | 36 | 65 | اليوم نختم على أفواههم وتكلمنا أيديهم وتشهد أرجلهم بما كانوا يكسبون |
| | | आज हम उनके मुँह पर मुहर लगा देगें और (जो) कारसतानियाँ ये लोग दुनिया में कर रहे थे खुद उनके हाथ हमको बता देगें और उनके पाँव गवाही देगें |
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3771 | 36 | 66 | ولو نشاء لطمسنا على أعينهم فاستبقوا الصراط فأنى يبصرون |
| | | और अगर हम चाहें तो उनकी ऑंखों पर झाडू फेर दें तो ये लोग राह को पड़े चक्कर लगाते ढूँढते फिरें मगर कहाँ देख पाँएगे |
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