بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
34543045ليجزي الذين آمنوا وعملوا الصالحات من فضله إنه لا يحب الكافرين
ताकि जो लोग ईमान लाए और अच्छे अच्छे काम किए उनको ख़ुदा अपने फज़ल व (करम) से अच्छी जज़ा अता करेगा वह यक़ीनन कुफ्फ़ार से उलफ़त नहीं रखता
34553046ومن آياته أن يرسل الرياح مبشرات وليذيقكم من رحمته ولتجري الفلك بأمره ولتبتغوا من فضله ولعلكم تشكرون
उसी की (क़ुदरत) की निशानियों में से एक ये भी है कि वह हवाओं को (बारिश) की ख़ुशख़बरी के वास्ते (क़ब्ल से) भेज दिया करता है और ताकि तुम्हें अपनी रहमत की लज्ज़त चखाए और इसलिए भी कि (इसकी बदौलत) कश्तियां उसके हुक्म से चल खड़ी हो और ताकि तुम उसके फज़ल व करम से (अपनी रोज़ी) की तलाश करो और इसलिए भी ताकि तुम शुक्र करो
34563047ولقد أرسلنا من قبلك رسلا إلى قومهم فجاءوهم بالبينات فانتقمنا من الذين أجرموا وكان حقا علينا نصر المؤمنين
औ (ऐ रसूल) हमने तुमसे पहले और भी बहुत से पैग़म्बर उनकी क़ौमों के पास भेजे तो वह पैग़म्बर वाज़ेए व रौशन लेकर आए (मगर उन लोगों ने न माना) तो उन मुजरिमों से हमने (खूब) बदला लिया और हम पर तो मोमिनीन की मदद करना लाज़िम था ही
34573048الله الذي يرسل الرياح فتثير سحابا فيبسطه في السماء كيف يشاء ويجعله كسفا فترى الودق يخرج من خلاله فإذا أصاب به من يشاء من عباده إذا هم يستبشرون
ख़ुदा ही (क़ादिर तवाना) है जो हवाओं को भेजता है तो वह बादलों को उड़ाए उड़ाए फिरती हैं फिर वही ख़ुदा बादल को जिस तरह चाहता है आसमान में फैला देता है और (कभी) उसको टुकड़े (टुकड़े) कर देता है फिर तुम देखते हो कि बूँदियां उसके दरमियान से निकल पड़ती हैं फिर जब ख़ुदा उन्हें अपने बन्दों में से जिस पर चहता है बरसा देता है तो वह लोग खुशियाँ माानने लगते हैं
34583049وإن كانوا من قبل أن ينزل عليهم من قبله لمبلسين
अगरचे ये लोग उन पर (बाराने रहमत) नाज़िल होने से पहले (बारिश से) शुरु ही से बिल्कुल मायूस (और मज़बूर) थे
34593050فانظر إلى آثار رحمت الله كيف يحيي الأرض بعد موتها إن ذلك لمحيي الموتى وهو على كل شيء قدير
ग़रज़ ख़ुदा की रहमत के आसार की तरफ देखो तो कि वह क्योंकर ज़मीन को उसकी परती होने के बाद आबाद करता है बेशक यक़ीनी वही मुर्दो को ज़िन्दा करने वाला और वही हर चीज़ पर क़ादिर है
34603051ولئن أرسلنا ريحا فرأوه مصفرا لظلوا من بعده يكفرون
और अगर हम (खेती की नुकसान देह) हवा भेजें फिर लोग खेती को (उसी हवा की वजह से) ज़र्द (परस मुर्दा) देखें तो वह लोग इसके बाद (फौरन) नाशुक्री करने लगें
34613052فإنك لا تسمع الموتى ولا تسمع الصم الدعاء إذا ولوا مدبرين
(ऐ रसूल) तुम तो (अपनी) आवाज़ न मुर्दो ही को सुना सकते हो और न बहरों को सुना सकते हो (ख़ुसूसन) जब वह पीठ फेरकर चले जाएँ
34623053وما أنت بهاد العمي عن ضلالتهم إن تسمع إلا من يؤمن بآياتنا فهم مسلمون
और न तुम अंधों को उनकी गुमराही से (फेरकर) राह पर ला सकते हो तो तुम तो बस उन्हीं लोगों को सुना (समझा) सकते हो जो हमारी आयतों को दिल से मानें फिर यही लोग इस्लाम लाने वाले हैं
34633054الله الذي خلقكم من ضعف ثم جعل من بعد ضعف قوة ثم جعل من بعد قوة ضعفا وشيبة يخلق ما يشاء وهو العليم القدير
खुदा ही तो है जिसने तुम्हें (एक निहायत) कमज़ोर चीज़ (नुत्फे) से पैदा किया फिर उसी ने (तुम में) बचपने की कमज़ोरी के बाद (शबाब की) क़ूवत अता की फिर उसी ने (तुममें जवानी की) क़ूवत के बाद कमज़ोरी और बुढ़ापा पैदा कर दिया वह जो चाहता पैदा करता है-और वही बड़ा वाकिफकार और (हर चीज़ पर) क़ाबू रखता है


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