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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3262 | 28 | 10 | وأصبح فؤاد أم موسى فارغا إن كادت لتبدي به لولا أن ربطنا على قلبها لتكون من المؤمنين |
| | | और मूसा की माँ का हृदय विचलित हो गया। निकट था कि वह उसको प्रकट कर देती, यदि हम उसके दिल को इस ध्येय से न सँभालते कि वह मोमिनों में से हो |
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3263 | 28 | 11 | وقالت لأخته قصيه فبصرت به عن جنب وهم لا يشعرون |
| | | उसने उसकी बहन से कहा, "तू उसके पीछे-पीछे जा।" अतएव वह उसे दूर ही दूर से देखती रही और वे महसूस नहीं कर रहे थे |
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3264 | 28 | 12 | وحرمنا عليه المراضع من قبل فقالت هل أدلكم على أهل بيت يكفلونه لكم وهم له ناصحون |
| | | हमने पहले ही से दूध पिलानेवालियों को उसपर हराम कर दिया। अतः उसने (मूसा की बहन से) कहा कि "क्या मैं तुम्हें ऐसे घरवालों का पता बताऊँ जो तुम्हारे लिए इसके पालन-पोषण का ज़िम्मा लें और इसके शुभ-चिंतक हों?" |
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3265 | 28 | 13 | فرددناه إلى أمه كي تقر عينها ولا تحزن ولتعلم أن وعد الله حق ولكن أكثرهم لا يعلمون |
| | | इस प्रकार हम उसे उसकी माँ के पास लौटा लाए, ताकि उसकी आँख ठंड़ी हो और वह शोकाकुल न हो और ताकि वह जान ले कि अल्लाह का वादा सच्चा है, किन्तु उनमें से अधिकतर लोग जानते नहीं |
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3266 | 28 | 14 | ولما بلغ أشده واستوى آتيناه حكما وعلما وكذلك نجزي المحسنين |
| | | और जब वह अपनी जवानी को पहुँचा और भरपूर हो गया, तो हमने उसे निर्णय-शक्ति और ज्ञान प्रदान किया। और सुकर्मी लोगों को हम इसी प्रकार बदला देते है |
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3267 | 28 | 15 | ودخل المدينة على حين غفلة من أهلها فوجد فيها رجلين يقتتلان هذا من شيعته وهذا من عدوه فاستغاثه الذي من شيعته على الذي من عدوه فوكزه موسى فقضى عليه قال هذا من عمل الشيطان إنه عدو مضل مبين |
| | | उसने नगर में ऐसे समय प्रवेश किया जबकि वहाँ के लोग बेख़बर थे। उसने वहाँ दो आदमियों को लड़ते पाया। यह उसके अपने गिरोह का था और यह उसके शत्रुओं में से था। जो उसके गिरोह में से था उसने उसके मुक़ाबले में, जो उसके शत्रुओं में से था, सहायता के लिए उसे पुकारा। मूसा ने उसे घूँसा मारा और उसका काम तमाम कर दिया। कहा, "यह शैतान की कार्यवाई है। निश्चय ही वह खुला पथभ्रष्ट करनेवाला शत्रु है।" |
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3268 | 28 | 16 | قال رب إني ظلمت نفسي فاغفر لي فغفر له إنه هو الغفور الرحيم |
| | | उसने कहा, "ऐ मेरे रब, मैंने अपने आपपर ज़ुल्म किया। अतः तू मुझे क्षमा कर दे।" अतएव उसने उसे क्षमा कर दिया। निश्चय ही वही बड़ी क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है |
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3269 | 28 | 17 | قال رب بما أنعمت علي فلن أكون ظهيرا للمجرمين |
| | | उसने कहा, "ऐ मेरे रब! जैसे तूने मुझपर अनुकम्पा दर्शाई है, अब मैं भी कभी अपराधियों का सहायक नहीं बनूँगा।" |
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3270 | 28 | 18 | فأصبح في المدينة خائفا يترقب فإذا الذي استنصره بالأمس يستصرخه قال له موسى إنك لغوي مبين |
| | | फिर दूसरे दिन वह नगर में डरता, टोह लेता हुआ प्रविष्ट हुआ। इतने में अचानक क्या देखता है कि वही व्यक्ति जिसने कल उससे सहायता चाही थी, उसे पुकार रहा है। मूसा ने उससे कहा, "तू तो प्रत्यक्ष बहका हुआ व्यक्ति है।" |
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3271 | 28 | 19 | فلما أن أراد أن يبطش بالذي هو عدو لهما قال يا موسى أتريد أن تقتلني كما قتلت نفسا بالأمس إن تريد إلا أن تكون جبارا في الأرض وما تريد أن تكون من المصلحين |
| | | फिर जब उसने वादा किया कि उस व्यक्ति को पकड़े, जो उन लोगों का शत्रु था, तो वह बोल उठा, "ऐ मूसा, क्या तू चाहता है कि मुझे मार डाले, जिस प्रकार तूने कल एक व्यक्ति को मार डाला? धरती में बस तू निर्दय अत्याचारी बनकर रहना चाहता है और यह नहीं चाहता कि सुधार करनेवाला हो।" |
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