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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2976 | 26 | 44 | فألقوا حبالهم وعصيهم وقالوا بعزة فرعون إنا لنحن الغالبون |
| | | तब उन्होंने अपनी रस्सियाँ और लाठियाँ डाल दी और बोले, "फ़िरऔन के प्रताप से हम ही विजयी रहेंगे।" |
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2977 | 26 | 45 | فألقى موسى عصاه فإذا هي تلقف ما يأفكون |
| | | फिर मूसा ने अपनी लाठी फेकी तो क्या देखते है कि वह उसे स्वाँग को, जो वे रचाते है, निगलती जा रही है |
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2978 | 26 | 46 | فألقي السحرة ساجدين |
| | | इसपर जादूगर सजदे में गिर पड़े |
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2979 | 26 | 47 | قالوا آمنا برب العالمين |
| | | वे बोल उठे, "हम सारे संसार के रब पर ईमान ले आए - |
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2980 | 26 | 48 | رب موسى وهارون |
| | | मूसा और हारून के रब पर!" |
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2981 | 26 | 49 | قال آمنتم له قبل أن آذن لكم إنه لكبيركم الذي علمكم السحر فلسوف تعلمون لأقطعن أيديكم وأرجلكم من خلاف ولأصلبنكم أجمعين |
| | | उसने कहा, "तुमने उसको मान लिया, इससे पहले कि मैं तुम्हें अनुमति देता। निश्चय ही वह तुम सबका प्रमुख है, जिसने तुमको जादू सिखाया है। अच्छा, शीघ्र ही तुम्हें मालूम हुआ जाता है! मैं तुम्हारे हाथ और पाँव विपरीत दिशाओं से कटवा दूँगा और तुम सभी को सूली पर चढ़ा दूँगा।" |
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2982 | 26 | 50 | قالوا لا ضير إنا إلى ربنا منقلبون |
| | | उन्होंने कहा, "कुछ हरज नहीं; हम तो अपने रब ही की ओर पलटकर जानेवाले है |
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2983 | 26 | 51 | إنا نطمع أن يغفر لنا ربنا خطايانا أن كنا أول المؤمنين |
| | | हमें तो इसी की लालसा है कि हमारा रब हमारी ख़ताओं को क्षमा कर दें, क्योंकि हम सबसे पहले ईमान लाए।" |
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2984 | 26 | 52 | وأوحينا إلى موسى أن أسر بعبادي إنكم متبعون |
| | | हमने मूसा की ओर प्रकाशना की, "मेरे बन्दों को लेकर रातों-रात निकल जा। निश्चय ही तुम्हारा पीछा किया जाएगा।" |
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2985 | 26 | 53 | فأرسل فرعون في المدائن حاشرين |
| | | इसपर फ़िरऔन ने एकत्र करनेवालों को नगर में भेजा |
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