بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
2934262تلك آيات الكتاب المبين
ये वाज़ेए व रौशन किताब की आयतें है
2935263لعلك باخع نفسك ألا يكونوا مؤمنين
(ऐ रसूल) शायद तुम (इस फिक्र में) अपनी जान हलाक कर डालोगे कि ये (कुफ्फार) मोमिन क्यो नहीं हो जाते
2936264إن نشأ ننزل عليهم من السماء آية فظلت أعناقهم لها خاضعين
अगर हम चाहें तो उन लोगों पर आसमान से कोई ऐसा मौजिज़ा नाज़िल करें कि उन लोगों की गर्दनें उसके सामने झुक जाएँ
2937265وما يأتيهم من ذكر من الرحمن محدث إلا كانوا عنه معرضين
और (लोगों का क़ायदा है कि) जब उनके पास कोई कोई नसीहत की बात ख़ुदा की तरफ से आयी तो ये लोग उससे मुँह फेरे बगैर नहीं रहे
2938266فقد كذبوا فسيأتيهم أنباء ما كانوا به يستهزئون
उन लोगों ने झुठलाया ज़रुर तो अनक़रीब ही (उन्हें) इस (अज़ाब) की हक़ीकत मालूम हो जाएगी जिसकी ये लोग हँसी उड़ाया करते थे
2939267أولم يروا إلى الأرض كم أنبتنا فيها من كل زوج كريم
क्या इन लोगों ने ज़मीन की तरफ भी (ग़ौर से) नहीं देखा कि हमने हर रंग की उम्दा उम्दा चीजें उसमें किस कसरत से उगायी हैं
2940268إن في ذلك لآية وما كان أكثرهم مؤمنين
यक़ीनन इसमें (भी क़ुदरत) ख़ुदा की एक बड़ी निशानी है मगर उनमें से अक्सर ईमान लाने वाले ही नहीं
2941269وإن ربك لهو العزيز الرحيم
और इसमें शक नहीं कि तेरा परवरदिगार यक़ीनन (हर चीज़ पर) ग़ालिब (और) मेहरबान है
29422610وإذ نادى ربك موسى أن ائت القوم الظالمين
(ऐ रसूल वह वक्त याद करो) जब तुम्हारे परवरदिगार ने मूसा को आवाज़ दी कि (इन) ज़ालिमों फिरऔन की क़ौम के पास जाओ (हिदायत करो)
29432611قوم فرعون ألا يتقون
क्या ये लोग (मेरे ग़ज़ब से) डरते नहीं है


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