بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
27252352وإن هذه أمتكم أمة واحدة وأنا ربكم فاتقون
(लोगों ये दीन इस्लाम) तुम सबका मज़हब एक ही मज़हब है और मै तुम लोगों का परवरदिगार हूँ
27262353فتقطعوا أمرهم بينهم زبرا كل حزب بما لديهم فرحون
तो बस मुझी से डरते रहो फिर लोगों ने अपने काम (में एख़तिलाफ करके उस) को टुकड़े टुकड़े कर डाला हर गिरो जो कुछ उसके पास है उसी में निहाल निहाल है
27272354فذرهم في غمرتهم حتى حين
तो (ऐ रसूल) तुम उन लोगों को उन की ग़फलत में एक ख़ास वक्त तक (पड़ा) छोड़ दो
27282355أيحسبون أنما نمدهم به من مال وبنين
क्या ये लोग ये ख्याल करते है कि हम जो उन्हें माल और औलाद में तरक्क़ी दे रहे है तो हम उनके साथ भलाईयाँ करने में जल्दी कर रहे है
27292356نسارع لهم في الخيرات بل لا يشعرون
(ऐसा नहीं) बल्कि ये लोग समझते नहीं
27302357إن الذين هم من خشية ربهم مشفقون
उसमें शक नहीं कि जो लोग अपने परवरदिगार की वहशत से लरज़ रहे है
27312358والذين هم بآيات ربهم يؤمنون
और जो लोग अपने परवरदिगार की (क़ुदरत की) निशानियों पर ईमान रखते हैं
27322359والذين هم بربهم لا يشركون
और अपने परवरदिगार का किसी को शरीक नही बनाते
27332360والذين يؤتون ما آتوا وقلوبهم وجلة أنهم إلى ربهم راجعون
और जो लोग (ख़ुदा की राह में) जो कुछ बन पड़ता है देते हैं और फिर उनके दिल को इस बात का खटका लगा हुआ है कि उन्हें अपने परवरदिगार के सामने लौट कर जाना है
27342361أولئك يسارعون في الخيرات وهم لها سابقون
(देखिये क्या होता है) यही लोग अलबत्ता नेकियों में जल्दी करते हैं और भलाई की तरफ (दूसरों से) लपक के आगे बढ़ जाते हैं


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