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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2725 | 23 | 52 | وإن هذه أمتكم أمة واحدة وأنا ربكم فاتقون |
| | | (लोगों ये दीन इस्लाम) तुम सबका मज़हब एक ही मज़हब है और मै तुम लोगों का परवरदिगार हूँ |
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2726 | 23 | 53 | فتقطعوا أمرهم بينهم زبرا كل حزب بما لديهم فرحون |
| | | तो बस मुझी से डरते रहो फिर लोगों ने अपने काम (में एख़तिलाफ करके उस) को टुकड़े टुकड़े कर डाला हर गिरो जो कुछ उसके पास है उसी में निहाल निहाल है |
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2727 | 23 | 54 | فذرهم في غمرتهم حتى حين |
| | | तो (ऐ रसूल) तुम उन लोगों को उन की ग़फलत में एक ख़ास वक्त तक (पड़ा) छोड़ दो |
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2728 | 23 | 55 | أيحسبون أنما نمدهم به من مال وبنين |
| | | क्या ये लोग ये ख्याल करते है कि हम जो उन्हें माल और औलाद में तरक्क़ी दे रहे है तो हम उनके साथ भलाईयाँ करने में जल्दी कर रहे है |
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2729 | 23 | 56 | نسارع لهم في الخيرات بل لا يشعرون |
| | | (ऐसा नहीं) बल्कि ये लोग समझते नहीं |
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2730 | 23 | 57 | إن الذين هم من خشية ربهم مشفقون |
| | | उसमें शक नहीं कि जो लोग अपने परवरदिगार की वहशत से लरज़ रहे है |
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2731 | 23 | 58 | والذين هم بآيات ربهم يؤمنون |
| | | और जो लोग अपने परवरदिगार की (क़ुदरत की) निशानियों पर ईमान रखते हैं |
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2732 | 23 | 59 | والذين هم بربهم لا يشركون |
| | | और अपने परवरदिगार का किसी को शरीक नही बनाते |
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2733 | 23 | 60 | والذين يؤتون ما آتوا وقلوبهم وجلة أنهم إلى ربهم راجعون |
| | | और जो लोग (ख़ुदा की राह में) जो कुछ बन पड़ता है देते हैं और फिर उनके दिल को इस बात का खटका लगा हुआ है कि उन्हें अपने परवरदिगार के सामने लौट कर जाना है |
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2734 | 23 | 61 | أولئك يسارعون في الخيرات وهم لها سابقون |
| | | (देखिये क्या होता है) यही लोग अलबत्ता नेकियों में जल्दी करते हैं और भलाई की तरफ (दूसरों से) लपक के आगे बढ़ जाते हैं |
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