بسم الله الرحمن الرحيم

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26072212يدعو من دون الله ما لا يضره وما لا ينفعه ذلك هو الضلال البعيد
खुदा को छोड़कर उन चीज़ों को (हाजत के वक्त) बुलाता है जो न उसको नुक़सान ही पहुँचा सकते हैं और न कुछ नफा ही पहुँचा सकते हैं
26082213يدعو لمن ضره أقرب من نفعه لبئس المولى ولبئس العشير
यही तो पल्ले दरने की गुमराही है और उसको अपनी हाजत रवाई के लिए पुकारता है जिस का नुक़सान उसके नफे से ज्यादा क़रीब है बेशक ऐसा मालिक भी बुरा और ऐसा रफीक़ भी बुरा
26092214إن الله يدخل الذين آمنوا وعملوا الصالحات جنات تجري من تحتها الأنهار إن الله يفعل ما يريد
बेशक जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए उनको (खुदा बेहश्त के) उन (हरे-भरे) बाग़ात में ले जाकर दाख़िल करेगा जिनके नीचे नहरें जारी होगीं बेशक खुदा जो चाहता है करता है
26102215من كان يظن أن لن ينصره الله في الدنيا والآخرة فليمدد بسبب إلى السماء ثم ليقطع فلينظر هل يذهبن كيده ما يغيظ
जो शख्स (गुस्से में) ये बदगुमानी करता है कि दुनिया और आख़ेरत में खुदा उसकी हरग़िज मदद न करेगा तो उसे चाहिए कि आसमान तक रस्सी ताने (और अपने गले में फाँसी डाल दे) फिर उसे काट दे (ताकि घुट कर मर जाए) फिर देखिए कि जो चीज़ उसे गुस्से में ला रही थी उसे उसकी तद्बीर दूर दफ़ा कर देती है
26112216وكذلك أنزلناه آيات بينات وأن الله يهدي من يريد
(या नहीं) और हमने इस कुरान को यूँ ही वाजेए व रौशन निशानियाँ (बनाकर) नाज़िल किया और बेशक खुदा जिसकी चाहता है हिदायत करता है
26122217إن الذين آمنوا والذين هادوا والصابئين والنصارى والمجوس والذين أشركوا إن الله يفصل بينهم يوم القيامة إن الله على كل شيء شهيد
इसमें शक नहीं कि जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया (मुसलमान) और यहूदी और लामज़हब लोग और ईसाई और मजूसी (आतिशपरस्त) और मुशरेकीन (कुफ्फ़ार) यक़ीनन खुदा उन लोगों के दरमियान क़यामत के दिन (ठीक ठीक) फ़ैसला कर देगा इसमें शक नहीं कि खुदा हर चीज़ को देख रहा है
26132218ألم تر أن الله يسجد له من في السماوات ومن في الأرض والشمس والقمر والنجوم والجبال والشجر والدواب وكثير من الناس وكثير حق عليه العذاب ومن يهن الله فما له من مكرم إن الله يفعل ما يشاء
क्या तुमने इसको भी नहीं देखा कि जो लोग आसमानों में हैं और जो लोग ज़मीन में हैं और आफताब और माहताब और सितारे और पहाड़ और दरख्त और चारपाए (ग़रज़ कुल मख़लूक़ात) और आदमियों में से बहुत से लोग सब खुदा ही को सजदा करते हैं और बहुतेरे ऐसे भी हैं जिन पर नाफ़रमानी की वजह से अज़ाब का (का आना) लाज़िम हो चुका है और जिसको खुदा ज़लील करे फिर उसका कोई इज्ज़त देने वाला नहीं कुछ शक नहीं कि खुदा जो चाहता है करता है (18) सजदा
26142219هذان خصمان اختصموا في ربهم فالذين كفروا قطعت لهم ثياب من نار يصب من فوق رءوسهم الحميم
ये दोनों (मोमिन व काफिर) दो फरीक़ हैं आपस में अपने परवरदिगार के बारे में लड़ते हैं ग़रज़ जो लोग काफ़िर हो बैठे उनके लिए तो आग के कपड़े केता किए गए हैं (वह उन्हें पहनाए जाएँगें और) उनके सरों पर खौलता हुआ पानी उँडेला जाएगा
26152220يصهر به ما في بطونهم والجلود
जिस (की गर्मी) से जो कुछ उनके पेट में है (ऑंतें वग़ैरह) और खालें सब गल जाएँगी
26162221ولهم مقامع من حديد
और उनके (मारने के) लिए लोहे के गुर्ज़ होंगे


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