بسم الله الرحمن الرحيم

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1132106ما ننسخ من آية أو ننسها نأت بخير منها أو مثلها ألم تعلم أن الله على كل شيء قدير
(ऐ रसूल) हम जब कोई आयत मन्सूख़ करते हैं या तुम्हारे ज़ेहन से मिटा देते हैं तो उससे बेहतर या वैसी ही (और) नाज़िल भी कर देते हैं क्या तुम नहीं जानते कि बेशुबहा खुदा हर चीज़ पर क़ादिर है
1142107ألم تعلم أن الله له ملك السماوات والأرض وما لكم من دون الله من ولي ولا نصير
क्या तुम नहीं जानते कि आसमान की सलतनत बेशुबहा ख़ास खुदा ही के लिए है और खुदा के सिवा तुम्हारा न कोई सरपरस्त है न मददगार
1152108أم تريدون أن تسألوا رسولكم كما سئل موسى من قبل ومن يتبدل الكفر بالإيمان فقد ضل سواء السبيل
(मुसलमानों) क्या तुम चाहते हो कि तुम भी अपने रसूल से वैसै ही (बेढ़ंगे) सवालात करो जिस तरह साबिक़ (पहले) ज़माने में मूसा से (बेतुके) सवालात किए गए थे और जिस शख्स ने ईमान के बदले कुफ्र एख़तेयार किया वह तो यक़ीनी सीधे रास्ते से भटक गया
1162109ود كثير من أهل الكتاب لو يردونكم من بعد إيمانكم كفارا حسدا من عند أنفسهم من بعد ما تبين لهم الحق فاعفوا واصفحوا حتى يأتي الله بأمره إن الله على كل شيء قدير
(मुसलमानों) अहले किताब में से अक्सर लोग अपने दिली हसद की वजह से ये ख्वाहिश रखते हैं कि तुमको ईमान लाने के बाद फिर काफ़िर बना दें (और लुत्फ तो ये है कि) उन पर हक़ ज़ाहिर हो चुका है उसके बाद भी (ये तमन्ना बाक़ी है) पस तुम माफ करो और दरगुज़र करो यहाँ तक कि खुदा अपना (कोई और) हुक्म भेजे बेशक खुदा हर चीज़ पर क़ादिर है
1172110وأقيموا الصلاة وآتوا الزكاة وما تقدموا لأنفسكم من خير تجدوه عند الله إن الله بما تعملون بصير
और नमाज़ पढ़ते रहो और ज़कात दिये जाओ और जो कुछ भलाई अपने लिए (खुदा के यहाँ) पहले से भेज दोगे उस (के सवाब) को मौजूद पाआगे जो कुछ तुम करते हो उसे खुदा ज़रूर देख रहा है
1182111وقالوا لن يدخل الجنة إلا من كان هودا أو نصارى تلك أمانيهم قل هاتوا برهانكم إن كنتم صادقين
और (यहूद) कहते हैं कि यहूद (के सिवा) और (नसारा कहते हैं कि) नसारा के सिवा कोई बेहिश्त में जाने ही न पाएगा ये उनके ख्याली पुलाव है (ऐ रसूल) तुम उन से कहो कि भला अगर तुम सच्चे हो कि हम ही बेहिश्त में जाएँगे तो अपनी दलील पेश करो
1192112بلى من أسلم وجهه لله وهو محسن فله أجره عند ربه ولا خوف عليهم ولا هم يحزنون
हाँ अलबत्ता जिस शख्स ने खुदा के आगे अपना सर झुका दिया और अच्छे काम भी करता है तो उसके लिए उसके परवरदिगार के यहाँ उसका बदला (मौजूद) है और (आख़ेरत में) ऐसे लोगों पर न किसी तरह का ख़ौफ़ होगा और न ऐसे लोग ग़मग़ीन होगे
1202113وقالت اليهود ليست النصارى على شيء وقالت النصارى ليست اليهود على شيء وهم يتلون الكتاب كذلك قال الذين لا يعلمون مثل قولهم فالله يحكم بينهم يوم القيامة فيما كانوا فيه يختلفون
और यहूद कहते हैं कि नसारा का मज़हब कुछ (ठीक) नहीं और नसारा कहते हैं कि यहूद का मज़हब कुछ (ठीक) नहीं हालाँकि ये दोनों फरीक़ किताबे (खुदा) पढ़ते रहते हैं इसी तरह उन्हीं जैसी बातें वह (मुशरेकीन अरब) भी किया करते हैं जो (खुदा के एहकाम) कुछ नहीं जानते तो जिस बात में ये लोग पड़े झगड़ते हैं (दुनिया में तो तय न होगा) क़यामत के दिन खुदा उनके दरमियान ठीक फैसला कर देगा
1212114ومن أظلم ممن منع مساجد الله أن يذكر فيها اسمه وسعى في خرابها أولئك ما كان لهم أن يدخلوها إلا خائفين لهم في الدنيا خزي ولهم في الآخرة عذاب عظيم
और उससे बढ़कर ज़ालिम कौन होगा जो खुदा की मसजिदों में उसका नाम लिए जाने से (लोगों को) रोके और उनकी बरबादी के दर पे हो, ऐसों ही को उसमें जाना मुनासिब नहीं मगर सहमे हुए ऐसे ही लोगों के लिए दुनिया में रूसवाई है और ऐसे ही लोगों के लिए आख़ेरत में बड़ा भारी अज़ाब है
1222115ولله المشرق والمغرب فأينما تولوا فثم وجه الله إن الله واسع عليم
(तुम्हारे मसजिद में रोकने से क्या होता है क्योंकि सारी ज़मीन) खुदा ही की है (क्या) पूरब (क्या) पश्चिम बस जहाँ कहीं क़िब्ले की तरफ रूख़ करो वही खुदा का सामना है बेशक खुदा बड़ी गुन्जाइश वाला और खूब वाक़िफ है


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