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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2579 | 21 | 96 | حتى إذا فتحت يأجوج ومأجوج وهم من كل حدب ينسلون |
| | | बस इतना (तवक्कुफ़ तो ज़रूर होगा) कि जब याजूज माजूज (सद्दे सिकन्दरी) की कैद से खोल दिए जाएँगे और ये लोग (ज़मीन की) हर बुलन्दी से दौड़ते हुए निकल पड़े |
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2580 | 21 | 97 | واقترب الوعد الحق فإذا هي شاخصة أبصار الذين كفروا يا ويلنا قد كنا في غفلة من هذا بل كنا ظالمين |
| | | और क़यामत का सच्चा वायदा नज़दीक आ जाए तो फिर काफिरों की ऑंखें एक दम से पथरा दी जाएँ (और कहने लगे) हाय हमारी शामत कि हम तो इस (दिन) से ग़फलत ही में (पड़े) रहे बल्कि (सच तो यूँ है कि अपने ऊपर) हम आप ज़ालिम थे |
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2581 | 21 | 98 | إنكم وما تعبدون من دون الله حصب جهنم أنتم لها واردون |
| | | (उस दिन किहा जाएगा कि ऐ कुफ्फ़ार) तुम और जिस चीज़ की तुम खुदा के सिवा परसतिश करते थे यक़ीनन जहन्नुम की ईधन (जलावन) होंगे (और) तुम सबको उसमें उतरना पड़ेगा |
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2582 | 21 | 99 | لو كان هؤلاء آلهة ما وردوها وكل فيها خالدون |
| | | अगर ये (सच्चे) माबूद होते तो उन्हें दोज़ख़ में न जाना पड़ता और (अब तो) सबके सब उसी में हमेशा रहेंगे |
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2583 | 21 | 100 | لهم فيها زفير وهم فيها لا يسمعون |
| | | उन लोगों की दोज़ख़ में चिंघाड़ होगी और ये लोग (अपने शोर व ग़ुल में) किसी की बात भी न सुन सकेंगे |
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2584 | 21 | 101 | إن الذين سبقت لهم منا الحسنى أولئك عنها مبعدون |
| | | ज़बान अलबत्ता जिन लोगों के वास्ते हमारी तरफ से पहले ही भलाई (तक़दीर में लिखी जा चुकी) वह लोग दोज़ख़ से दूर ही दूर रखे जाएँगे |
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2585 | 21 | 102 | لا يسمعون حسيسها وهم في ما اشتهت أنفسهم خالدون |
| | | (यहाँ तक) कि ये लोग उसकी भनक भी न सुनेंगे और ये लोग हमेशा अपनी मनमाँगी मुरादों में (चैन से) रहेंगे |
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2586 | 21 | 103 | لا يحزنهم الفزع الأكبر وتتلقاهم الملائكة هذا يومكم الذي كنتم توعدون |
| | | और उनको (क़यामत का) बड़े से बड़ा ख़ौफ़ भी दहशत में न लाएगा और फ़रिश्ते उन से खुशी-खुशी मुलाक़ात करेंगे और ये खुशख़बरी देंगे कि यही वह तुम्हारा (खुशी का) दिन है जिसका (दुनिया में) तुमसे वायदा किया जाता था |
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2587 | 21 | 104 | يوم نطوي السماء كطي السجل للكتب كما بدأنا أول خلق نعيده وعدا علينا إنا كنا فاعلين |
| | | (ये) वह दिन (होगा) जब हम आसमान को इस तरह लपेटेगे जिस तरह ख़तों का तूमार लपेटा जाता है जिस तरह हमने (मख़लूक़ात को) पहली बार पैदा किया था (उसी तरह) दोबारा (पैदा) कर छोड़ेगें (ये वह) वायदा (है जिसका करना) हम पर (लाज़िम) है और हम उसे ज़रूर करके रहेंगे |
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2588 | 21 | 105 | ولقد كتبنا في الزبور من بعد الذكر أن الأرض يرثها عبادي الصالحون |
| | | और हमने तो नसीहत (तौरेत) के बाद यक़ीनन जुबूर में लिख ही दिया था कि रूए ज़मीन के वारिस हमारे नेक बन्दे होंगे |
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