بسم الله الرحمن الرحيم

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25792196حتى إذا فتحت يأجوج ومأجوج وهم من كل حدب ينسلون
बस इतना (तवक्कुफ़ तो ज़रूर होगा) कि जब याजूज माजूज (सद्दे सिकन्दरी) की कैद से खोल दिए जाएँगे और ये लोग (ज़मीन की) हर बुलन्दी से दौड़ते हुए निकल पड़े
25802197واقترب الوعد الحق فإذا هي شاخصة أبصار الذين كفروا يا ويلنا قد كنا في غفلة من هذا بل كنا ظالمين
और क़यामत का सच्चा वायदा नज़दीक आ जाए तो फिर काफिरों की ऑंखें एक दम से पथरा दी जाएँ (और कहने लगे) हाय हमारी शामत कि हम तो इस (दिन) से ग़फलत ही में (पड़े) रहे बल्कि (सच तो यूँ है कि अपने ऊपर) हम आप ज़ालिम थे
25812198إنكم وما تعبدون من دون الله حصب جهنم أنتم لها واردون
(उस दिन किहा जाएगा कि ऐ कुफ्फ़ार) तुम और जिस चीज़ की तुम खुदा के सिवा परसतिश करते थे यक़ीनन जहन्नुम की ईधन (जलावन) होंगे (और) तुम सबको उसमें उतरना पड़ेगा
25822199لو كان هؤلاء آلهة ما وردوها وكل فيها خالدون
अगर ये (सच्चे) माबूद होते तो उन्हें दोज़ख़ में न जाना पड़ता और (अब तो) सबके सब उसी में हमेशा रहेंगे
258321100لهم فيها زفير وهم فيها لا يسمعون
उन लोगों की दोज़ख़ में चिंघाड़ होगी और ये लोग (अपने शोर व ग़ुल में) किसी की बात भी न सुन सकेंगे
258421101إن الذين سبقت لهم منا الحسنى أولئك عنها مبعدون
ज़बान अलबत्ता जिन लोगों के वास्ते हमारी तरफ से पहले ही भलाई (तक़दीर में लिखी जा चुकी) वह लोग दोज़ख़ से दूर ही दूर रखे जाएँगे
258521102لا يسمعون حسيسها وهم في ما اشتهت أنفسهم خالدون
(यहाँ तक) कि ये लोग उसकी भनक भी न सुनेंगे और ये लोग हमेशा अपनी मनमाँगी मुरादों में (चैन से) रहेंगे
258621103لا يحزنهم الفزع الأكبر وتتلقاهم الملائكة هذا يومكم الذي كنتم توعدون
और उनको (क़यामत का) बड़े से बड़ा ख़ौफ़ भी दहशत में न लाएगा और फ़रिश्ते उन से खुशी-खुशी मुलाक़ात करेंगे और ये खुशख़बरी देंगे कि यही वह तुम्हारा (खुशी का) दिन है जिसका (दुनिया में) तुमसे वायदा किया जाता था
258721104يوم نطوي السماء كطي السجل للكتب كما بدأنا أول خلق نعيده وعدا علينا إنا كنا فاعلين
(ये) वह दिन (होगा) जब हम आसमान को इस तरह लपेटेगे जिस तरह ख़तों का तूमार लपेटा जाता है जिस तरह हमने (मख़लूक़ात को) पहली बार पैदा किया था (उसी तरह) दोबारा (पैदा) कर छोड़ेगें (ये वह) वायदा (है जिसका करना) हम पर (लाज़िम) है और हम उसे ज़रूर करके रहेंगे
258821105ولقد كتبنا في الزبور من بعد الذكر أن الأرض يرثها عبادي الصالحون
और हमने तो नसीहत (तौरेत) के बाद यक़ीनन जुबूर में लिख ही दिया था कि रूए ज़मीन के वारिस हमारे नेक बन्दे होंगे


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