بسم الله الرحمن الرحيم

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25292146ولئن مستهم نفحة من عذاب ربك ليقولن يا ويلنا إنا كنا ظالمين
और (ऐ रसूल) अगर कहीं उनको तुम्हारे परवरदिगार के अज़ाब की ज़रा सी हवा भी लग गई तो वे सख्त! बोल उठे हाय अफसोस वाक़ई हम ही ज़ालिम थे
25302147ونضع الموازين القسط ليوم القيامة فلا تظلم نفس شيئا وإن كان مثقال حبة من خردل أتينا بها وكفى بنا حاسبين
और क़यामत के दिन तो हम (बन्दों के भले बुरे आमाल तौलने के लिए) इन्साफ़ की तराज़ू में खड़ी कर देंगे तो फिर किसी शख्स पर कुछ भी ज़ुल्म न किया जाएगा और अगर राई के दाने के बराबर भी किसी का (अमल) होगा तो तुम उसे ला हाज़िर करेंगे और हम हिसाब करने के वास्ते बहुत काफ़ी हैं
25312148ولقد آتينا موسى وهارون الفرقان وضياء وذكرا للمتقين
और हम ही ने यक़ीनन मूसा और हारून को (हक़ व बातिल की) जुदा करने वाली किताब (तौरेत) और परहेज़गारों के लिए अज़सरतापा बनूँ और नसीहत अता की
25322149الذين يخشون ربهم بالغيب وهم من الساعة مشفقون
जो बे देखे अपने परवरदिगार से ख़ौफ खाते हैं और ये लोग रोज़े क़यामत से भी डरते हैं
25332150وهذا ذكر مبارك أنزلناه أفأنتم له منكرون
और ये (कुरान भी) एक बाबरकत तज़किरा है जिसको हमने उतारा है तो क्या तुम लोग इसको नहीं मानते
25342151ولقد آتينا إبراهيم رشده من قبل وكنا به عالمين
और इसमें भी शक नहीं कि हमने इबराहीम को पहले ही से फ़हेम सलीम अता की थी और हम उन (की हालत) से खूब वाक़िफ थे
25352152إذ قال لأبيه وقومه ما هذه التماثيل التي أنتم لها عاكفون
जब उन्होंने अपने (मुँह बोले) बाप और अपनी क़ौम से कहा ये मूर्ते जिनकी तुम लोग मुजाबिरी करते हो आख़िर क्या (बला) है
25362153قالوا وجدنا آباءنا لها عابدين
वह लोग बोले (और तो कुछ नहीं जानते मगर) अपने बडे बूढ़ों को इनही की परसतिश करते देखा है
25372154قال لقد كنتم أنتم وآباؤكم في ضلال مبين
इबराहीम ने कहा यक़ीनन तुम भी और तुम्हारे बुर्जुग़ भी खुली हुईगुमराही में पड़े हुए थे
25382155قالوا أجئتنا بالحق أم أنت من اللاعبين
वह लोग कहने लगे तो क्या तुम हमारे पास हक़ बात लेकर आए हो या तुम भी (यूँ ही) दिल्लगी करते हो


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