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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2480 | 20 | 132 | وأمر أهلك بالصلاة واصطبر عليها لا نسألك رزقا نحن نرزقك والعاقبة للتقوى |
| | | और अपने घर वालों को नमाज़ का हुक्म दो और तुम खुद भी उसके पाबन्द रहो हम तुम से रोज़ी तो तलब करते नहीं (बल्कि) हम तो खुद तुमको रोज़ी देते हैं और परहेज़गारी ही का तो अन्जाम बखैर है |
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2481 | 20 | 133 | وقالوا لولا يأتينا بآية من ربه أولم تأتهم بينة ما في الصحف الأولى |
| | | और (अहले मक्का) कहते हैं कि अपने परवरदिगार की तरफ से हमारे पास कोई मौजिज़ा हमारी मर्ज़ी के मुवाफिक़ क्यों नहीं लाते तो क्या जो (पेशीव गोइयाँ) अगली किताबों (तौरेत, इन्जील) में (इसकी) गवाह हैं वह भी उनके पास नहीं पहुँची |
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2482 | 20 | 134 | ولو أنا أهلكناهم بعذاب من قبله لقالوا ربنا لولا أرسلت إلينا رسولا فنتبع آياتك من قبل أن نذل ونخزى |
| | | और अगर हम उनको इस रसूल से पहले अज़ाब से हलाक कर डालते तो ज़रूर कहते कि ऐ हमारे पालने वाले तूने हमारे पास (अपना) रसूल क्यों न भेजा तो हम अपने ज़लील व रूसवा होने से पहले तेरी आयतों की पैरवी ज़रूर करते |
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2483 | 20 | 135 | قل كل متربص فتربصوا فستعلمون من أصحاب الصراط السوي ومن اهتدى |
| | | रसूल तुम कह दो कि हर शख्स (अपने अन्जामकार का) मुन्तिज़र है तो तुम भी इन्तिज़ार करो फिर तो तुम्हें बहुत जल्द मालूम हो जाएगा कि सीधी राह वाले कौन हैं (और कज़ी पर कौन हैं) हिदायत याफ़ता कौन है और गुमराह कौन है। |
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2484 | 21 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم اقترب للناس حسابهم وهم في غفلة معرضون |
| | | लोगों के पास उनका हिसाब (उसका वक्त) अा पहुँचा और वह है कि गफ़लत में पड़े मुँह मोड़े ही जाते हैं |
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2485 | 21 | 2 | ما يأتيهم من ذكر من ربهم محدث إلا استمعوه وهم يلعبون |
| | | जब उनके परवरदिगार की तरफ से उनके पास कोई नया हुक्म आता है तो उसे सिर्फ कान लगाकर सुन लेते हैं और (फिर उसका) हँसी खेल उड़ाते हैं |
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2486 | 21 | 3 | لاهية قلوبهم وأسروا النجوى الذين ظلموا هل هذا إلا بشر مثلكم أفتأتون السحر وأنتم تبصرون |
| | | उनके दिल (आख़िरत के ख्याल से) बिल्कुल बेख़बर हैं और ये ज़ालिम चुपके-चुपके कानाफूसी किया करते हैं कि ये शख्स (मोहम्मद कुछ भी नहीं) बस तुम्हारे ही सा आदमी है तो क्या तुम दीन व दानिस्ता जादू में फँसते हो |
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2487 | 21 | 4 | قال ربي يعلم القول في السماء والأرض وهو السميع العليم |
| | | (तो उस पर) रसूल ने कहा कि मेरा परवरदिगार जितनी बातें आसमान और ज़मीन में होती हैं खूब जानता है (फिर क्यों कानाफूसी करते हो) और वह तो बड़ा सुनने वाला वाक़िफ़कार है |
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2488 | 21 | 5 | بل قالوا أضغاث أحلام بل افتراه بل هو شاعر فليأتنا بآية كما أرسل الأولون |
| | | (उस पर भी उन लोगों ने इक्तिफ़ा न की) बल्कि कहने लगे (ये कुरान तो) ख़ाबहाय परीशाँ का मजमूआ है बल्कि उसने खुद अपने जी से झूट-मूट गढ़ लिया है बल्कि ये शख्स शायर है और अगर हक़ीकतन रसूल है) तो जिस तरह अगले पैग़म्बर मौजिज़ों के साथ भेजे गए थे |
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2489 | 21 | 6 | ما آمنت قبلهم من قرية أهلكناها أفهم يؤمنون |
| | | उसी तरह ये भी कोई मौजिज़ा (जैसा हम कहें) हमारे पास भला लाए तो सही इनसे पहले जिन बस्तियों को तबाह कर डाला (मौजिज़े भी देखकर तो) ईमान न लाए |
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