بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
22841934ذلك عيسى ابن مريم قول الحق الذي فيه يمترون
सच्ची और पक्की बात की स्पष्ट से यह है कि मरयम का बेटा ईसा, जिसके विषय में वे सन्देह में पड़े हुए है
22851935ما كان لله أن يتخذ من ولد سبحانه إذا قضى أمرا فإنما يقول له كن فيكون
अल्लाह ऐसा नहीं कि वह किसी को अपना बेटा बनाए। महान और उच्च है, वह! जब वह किसी चीज़ का फ़ैसला करता है तो बस उसे कह देता है, "हो जा!" तो वह हो जाती है। -
22861936وإن الله ربي وربكم فاعبدوه هذا صراط مستقيم
"और निस्संदेह अल्लाह मेरा रब भी है और तुम्हारा रब भी। अतः तुम उसी की बन्दगी करो यही सीधा मार्ग है।"
22871937فاختلف الأحزاب من بينهم فويل للذين كفروا من مشهد يوم عظيم
किन्तु उनमें कितने ही गिरोहों ने पारस्परिक वैमनस्य के कारण विभेद किया, तो जिन लोगों ने इनकार किया उनके लिए बड़ी तबाही है एक बड़े दिन की उपस्थिति से
22881938أسمع بهم وأبصر يوم يأتوننا لكن الظالمون اليوم في ضلال مبين
भली-भाँति सुननेवाले और भली-भाँति देखनेवाले होंगे, जिस दिन वे हमारे समाने आएँगे! किन्तु आज ये ज़ालिम खुली गुमराही में पड़े हुए है
22891939وأنذرهم يوم الحسرة إذ قضي الأمر وهم في غفلة وهم لا يؤمنون
उन्हें पश्चाताप के दिन से डराओ, जबकि मामले का फ़ैसला कर दिया जाएगा, और उनका हाल यह है कि वे ग़फ़लत में पड़े हुए है और वे ईमान नहीं ला रहे है
22901940إنا نحن نرث الأرض ومن عليها وإلينا يرجعون
धरती और जो भी उसके ऊपर है उसके वारिस हम ही रह जाएँगे और हमारी ही ओर उन्हें लौटना होगा
22911941واذكر في الكتاب إبراهيم إنه كان صديقا نبيا
और इस किताब में इबराहीम की चर्चा करो। निस्संदेह वह एक सत्यवान नबी था
22921942إذ قال لأبيه يا أبت لم تعبد ما لا يسمع ولا يبصر ولا يغني عنك شيئا
जबकि उसने अपने बाप से कहा, "ऐ मेरे बाप! आप उस चीज़ को क्यों पूजते हो, जो न सुने और न देखे और न आपके कुछ काम आए?
22931943يا أبت إني قد جاءني من العلم ما لم يأتك فاتبعني أهدك صراطا سويا
ऐ मेरे बाप! मेरे पास ज्ञान आ गया है जो आपके पास नहीं आया। अतः आप मेरा अनुसरण करें, मैं आपको सीधा मार्ग दिखाऊँगा


0 ... 218.3 219.3 220.3 221.3 222.3 223.3 224.3 225.3 226.3 227.3 229.3 230.3 231.3 232.3 233.3 234.3 235.3 236.3 237.3 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.02 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

3815504461775150182549773787590820564265