بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
22041864قال ذلك ما كنا نبغ فارتدا على آثارهما قصصا
(मूसा ने) कहा, "यही तो है जिसे हम तलाश कर रहे थे।" फिर वे दोनों अपने पदचिन्हों को देखते हुए वापस हुए
22051865فوجدا عبدا من عبادنا آتيناه رحمة من عندنا وعلمناه من لدنا علما
फिर उन्होंने हमारे बन्दों में से एक बन्दे को पाया, जिसे हमने अपने पास से दयालुता प्रदान की थी और जिसे अपने पास से ज्ञान प्रदान किया था
22061866قال له موسى هل أتبعك على أن تعلمن مما علمت رشدا
मूसा ने उससे कहा, "क्या मैं आपके पीछे चलूँ, ताकि आप मुझे उस ज्ञान औऱ विवेक की शिक्षा दें, जो आपको दी गई है?"
22071867قال إنك لن تستطيع معي صبرا
उसने कहा, "तुम मेरे साथ धैर्य न रख सकोगे,
22081868وكيف تصبر على ما لم تحط به خبرا
और जो चीज़ तुम्हारे ज्ञान-परिधि से बाहर हो, उस पर तुम धैर्य कैसे रख सकते हो?"
22091869قال ستجدني إن شاء الله صابرا ولا أعصي لك أمرا
(मूसा ने) कहा, "यदि अल्लाह ने चाहा तो आप मुझे धैर्यवान पाएँगे। और मैं किसी मामले में भी आपकी अवज्ञा नहीं करूँगा।"
22101870قال فإن اتبعتني فلا تسألني عن شيء حتى أحدث لك منه ذكرا
उसने कहा, "अच्छा, यदि तुम मेरे साथ चलते हो तो मुझसे किसी चीज़ के विषय में न पूछना, यहाँ तक कि मैं स्वयं ही तुमसे उसकी चर्चा करूँ।"
22111871فانطلقا حتى إذا ركبا في السفينة خرقها قال أخرقتها لتغرق أهلها لقد جئت شيئا إمرا
अन्ततः दोनों चले, यहाँ तक कि जब नौका में सवार हुए तो उसने उसमें दरार डाल दी। (मूसा ने) कहा, "आपने इसमें दरार डाल दी, ताकि उसके सवारों को डुबो दें? आपने तो एक अनोखी हरकत कर डाली।"
22121872قال ألم أقل إنك لن تستطيع معي صبرا
उसने कहा, "क्या मैंने कहा नहीं था कि तुम मेरे साथ धैर्य न रख सकोंगे?"
22131873قال لا تؤاخذني بما نسيت ولا ترهقني من أمري عسرا
कहा, "जो भूल-चूक मुझसे हो गई उसपर मुझे न पकड़िए और मेरे मामलें में मुझे तंगी में न डालिए।"


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