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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2204 | 18 | 64 | قال ذلك ما كنا نبغ فارتدا على آثارهما قصصا |
| | | (मूसा ने) कहा, "यही तो है जिसे हम तलाश कर रहे थे।" फिर वे दोनों अपने पदचिन्हों को देखते हुए वापस हुए |
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2205 | 18 | 65 | فوجدا عبدا من عبادنا آتيناه رحمة من عندنا وعلمناه من لدنا علما |
| | | फिर उन्होंने हमारे बन्दों में से एक बन्दे को पाया, जिसे हमने अपने पास से दयालुता प्रदान की थी और जिसे अपने पास से ज्ञान प्रदान किया था |
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2206 | 18 | 66 | قال له موسى هل أتبعك على أن تعلمن مما علمت رشدا |
| | | मूसा ने उससे कहा, "क्या मैं आपके पीछे चलूँ, ताकि आप मुझे उस ज्ञान औऱ विवेक की शिक्षा दें, जो आपको दी गई है?" |
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2207 | 18 | 67 | قال إنك لن تستطيع معي صبرا |
| | | उसने कहा, "तुम मेरे साथ धैर्य न रख सकोगे, |
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2208 | 18 | 68 | وكيف تصبر على ما لم تحط به خبرا |
| | | और जो चीज़ तुम्हारे ज्ञान-परिधि से बाहर हो, उस पर तुम धैर्य कैसे रख सकते हो?" |
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2209 | 18 | 69 | قال ستجدني إن شاء الله صابرا ولا أعصي لك أمرا |
| | | (मूसा ने) कहा, "यदि अल्लाह ने चाहा तो आप मुझे धैर्यवान पाएँगे। और मैं किसी मामले में भी आपकी अवज्ञा नहीं करूँगा।" |
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2210 | 18 | 70 | قال فإن اتبعتني فلا تسألني عن شيء حتى أحدث لك منه ذكرا |
| | | उसने कहा, "अच्छा, यदि तुम मेरे साथ चलते हो तो मुझसे किसी चीज़ के विषय में न पूछना, यहाँ तक कि मैं स्वयं ही तुमसे उसकी चर्चा करूँ।" |
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2211 | 18 | 71 | فانطلقا حتى إذا ركبا في السفينة خرقها قال أخرقتها لتغرق أهلها لقد جئت شيئا إمرا |
| | | अन्ततः दोनों चले, यहाँ तक कि जब नौका में सवार हुए तो उसने उसमें दरार डाल दी। (मूसा ने) कहा, "आपने इसमें दरार डाल दी, ताकि उसके सवारों को डुबो दें? आपने तो एक अनोखी हरकत कर डाली।" |
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2212 | 18 | 72 | قال ألم أقل إنك لن تستطيع معي صبرا |
| | | उसने कहा, "क्या मैंने कहा नहीं था कि तुम मेरे साथ धैर्य न रख सकोंगे?" |
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2213 | 18 | 73 | قال لا تؤاخذني بما نسيت ولا ترهقني من أمري عسرا |
| | | कहा, "जो भूल-चूक मुझसे हो गई उसपर मुझे न पकड़िए और मेरे मामलें में मुझे तंगी में न डालिए।" |
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