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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1902 | 16 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم أتى أمر الله فلا تستعجلوه سبحانه وتعالى عما يشركون |
| | | आ गया आदेश अल्लाह का, तो अब उसके लिए जल्दी न मचाओ। वह महान और उच्च है उस शिर्क से जो व कर रहे है |
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1903 | 16 | 2 | ينزل الملائكة بالروح من أمره على من يشاء من عباده أن أنذروا أنه لا إله إلا أنا فاتقون |
| | | वह फ़रिश्तों को अपने हुक्म की रूह (वह्यल) के साथ अपने जिस बन्दे पर चाहता है उतारता है कि "सचेत कर दो, मेरे सिवा कोई पूज्य-प्रभु नहीं। अतः तुम मेरा ही डर रखो।" |
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1904 | 16 | 3 | خلق السماوات والأرض بالحق تعالى عما يشركون |
| | | उसने आकाशों और धरती को सोद्देश्य पैदा किया। वह अत्यन्त उच्च है उस शिर्क से जो वे कर रहे है |
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1905 | 16 | 4 | خلق الإنسان من نطفة فإذا هو خصيم مبين |
| | | उसने मनुष्यों को एक बूँद से पैदा किया। फिर क्या देखते है कि वह खुला झगड़नेवाला बन गया! |
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1906 | 16 | 5 | والأنعام خلقها لكم فيها دفء ومنافع ومنها تأكلون |
| | | रहे पशु, उन्हें भी उसी ने पैदा किया, जिसमें तुम्हारे लिए ऊष्मा प्राप्त करने का सामान भी है और हैं अन्य कितने ही लाभ। उनमें से कुछ को तुम खाते भी हो |
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1907 | 16 | 6 | ولكم فيها جمال حين تريحون وحين تسرحون |
| | | उनमें तुम्हारे लिए सौन्दर्य भी है, जबकि तुम सायंकाल उन्हें लाते और जबकि तुम उन्हें चराने ले जाते हो |
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1908 | 16 | 7 | وتحمل أثقالكم إلى بلد لم تكونوا بالغيه إلا بشق الأنفس إن ربكم لرءوف رحيم |
| | | वे तुम्हारे बोझ ढोकर ऐसे भूभाग तक ले जाते हैं, जहाँ तुम जी-तोड़ परिश्रम के बिना नहीं पहुँच सकते थे। निस्संदेह तुम्हारा रब बड़ा ही करुणामय, दयावान है |
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1909 | 16 | 8 | والخيل والبغال والحمير لتركبوها وزينة ويخلق ما لا تعلمون |
| | | और घोड़े और खच्चर और गधे भी पैदा किए, ताकि तुम उनपर सवार हो और शोभा का कारण भी। और वह उसे भी पैदा करता है, जिसे तुम नहीं जानते |
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1910 | 16 | 9 | وعلى الله قصد السبيل ومنها جائر ولو شاء لهداكم أجمعين |
| | | अल्लाह के लिए ज़रूरी है उचित एवं अनुकूल मार्ग दिखाना और कुछ मार्ग टेढ़े भी है। यदि वह चाहता तो तुम सबको अवश्य सीधा मार्ग दिखा देता |
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1911 | 16 | 10 | هو الذي أنزل من السماء ماء لكم منه شراب ومنه شجر فيه تسيمون |
| | | वही है जिसने आकाश से तुम्हारे लिए पानी उतारा, जिसे तुम पीते हो और उसी से पेड़ और वनस्पतियाँ भी उगती है, जिनमें तुम जानवरों को चराते हो |
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