بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
16911295قالوا تالله إنك لفي ضلالك القديم
वे बोले, "अल्लाह की क़सम! आप तो अभी तक अपनी उसी पुरानी भ्रांति में पड़े हुए है।"
16921296فلما أن جاء البشير ألقاه على وجهه فارتد بصيرا قال ألم أقل لكم إني أعلم من الله ما لا تعلمون
फिर जब शुभ सूचना देनेवाला आया तो उसने उस (कुर्ते) को उसके मुँह पर डाल दिया और तत्क्षण उसकी नेत्र-ज्योति लौट आई। उसने कहा, "क्या मैंने तुमसे कहा नहीं था कि अल्लाह की ओर से जो मैं जानता हूँ, तुम नहीं जानते।"
16931297قالوا يا أبانا استغفر لنا ذنوبنا إنا كنا خاطئين
वे बोले, "ऐ मेरे बाप! आप हमारे गुनाहों की क्षमा के लिए प्रार्थना करें। वास्तव में चूक हमसे ही हुई।"
16941298قال سوف أستغفر لكم ربي إنه هو الغفور الرحيم
उसने कहा, "मैं अपने रब से तुम्हारे लिए प्रार्थना करूँगा। वह बहुत क्षमाशील, दयावान है।"
16951299فلما دخلوا على يوسف آوى إليه أبويه وقال ادخلوا مصر إن شاء الله آمنين
फिर जब वे यूसुफ़ के पास पहुँचे तो उसने अपने माँ-बाप को ख़ास अपने पास जगह दी औऱ कहा, "तुम सब नगर में प्रवेश करो। अल्लाह ने चाहा तो यह प्रवेश निश्चिन्तता के साथ होगा।"
169612100ورفع أبويه على العرش وخروا له سجدا وقال يا أبت هذا تأويل رؤياي من قبل قد جعلها ربي حقا وقد أحسن بي إذ أخرجني من السجن وجاء بكم من البدو من بعد أن نزغ الشيطان بيني وبين إخوتي إن ربي لطيف لما يشاء إنه هو العليم الحكيم
उसने अपने माँ-बाप को ऊँची जगह सिंहासन पर बिठाया और सब उसके आगे सजदे मे गिर पड़े। इस अवसर पर उसने कहा, "ऐ मेरे बाप! यह मेरे विगत स्वप्न का साकार रूप है। इसे मेरे रब ने सच बना दिया। और उसने मुझपर उपकार किया जब मुझे क़ैदख़ाने से निकाला और आप भाइयों के बीच फ़साद डलवा दिया था। निस्संदेह मेरा रब जो चाहता है उसके लिए सूक्ष्म उपाय करता है। वास्तव में वही सर्वज्ञ, अत्यन्त तत्वदर्शी है
169712101رب قد آتيتني من الملك وعلمتني من تأويل الأحاديث فاطر السماوات والأرض أنت وليي في الدنيا والآخرة توفني مسلما وألحقني بالصالحين
मेरे रब! तुने मुझे राज्य प्रदान किया और मुझे घटनाओं और बातों के निष्कर्ष तक पहुँचना सिखाया। आकाश और धरती के पैदा करनेवाले! दुनिया और आख़िरत में तू ही मेरा संरक्षक मित्र है। तू मुझे इस दशा से उठा कि मैं मुस्लिम (आज्ञाकारी) हूँ और मुझे अच्छे लोगों के साथ मिला।"
169812102ذلك من أنباء الغيب نوحيه إليك وما كنت لديهم إذ أجمعوا أمرهم وهم يمكرون
ये परोक्ष की ख़बरे हैं जिनकी हम तुम्हारी ओर प्रकाशना कर रहे है। तुम तो उनके पास नहीं थे, जब उन्होंने अपने मामले को पक्का करके षड्यंत्र किया था
169912103وما أكثر الناس ولو حرصت بمؤمنين
किन्तु चाहे तुम कितना ही चाहो, अधिकतर लोग तो मानेंगे नहीं
170012104وما تسألهم عليه من أجر إن هو إلا ذكر للعالمين
तुम उनसे इसका कोई बदला भी नहीं माँगते। यह तो सारे संसार के लिए बस एक अनुस्मरण है


0 ... 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 170 171 172 173 174 175 176 177 178 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.02 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

2381228610983528023082369567948435825