بسم الله الرحمن الرحيم

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16271231فلما سمعت بمكرهن أرسلت إليهن وأعتدت لهن متكأ وآتت كل واحدة منهن سكينا وقالت اخرج عليهن فلما رأينه أكبرنه وقطعن أيديهن وقلن حاش لله ما هذا بشرا إن هذا إلا ملك كريم
तो जब ज़ुलेख़ा ने उनके ताने सुने तो उस ने उन औरतों को बुला भेजा और उनके लिए एक मजलिस आरास्ता की और उसमें से हर एक के हाथ में एक छुरी और एक (नारंगी) दी (और कह दिया कि जब तुम्हारे सामने आए तो काट के एक फ़ाक उसको दे देना) और यूसुफ़ से कहा कि अब इनके सामने से निकल तो जाओ तो जब उन औरतों ने उसे देखा तो उसके बड़ा हसीन पाया तो सब के सब ने (बे खुदी में) अपने अपने हाथ काट डाले और कहने लगी हाय अल्लाह ये आदमी नहीं है ये तो हो न हो बस एक मुअज़िज़ (इज्ज़त वाला) फ़रिश्ता है
16281232قالت فذلكن الذي لمتنني فيه ولقد راودته عن نفسه فاستعصم ولئن لم يفعل ما آمره ليسجنن وليكونا من الصاغرين
(तब ज़ुलेख़ा उन औरतों से) बोली कि बस ये वही तो है जिसकी बदौलत तुम सब मुझे मलामत (बुरा भला) करती थीं और हाँ बेशक मैं उससे अपना मतलब हासिल करने की खुद उससे आरज़ू मन्द थी मगर ये बचा रहा और जिस काम का मैं हुक्म देती हूँ अगर ये न करेगा तो ज़रुर क़ैद भी किया जाएगा और ज़लील भी होगा (ये सब बातें यूसुफ ने मेरी बारगाह में) अर्ज़ की
16291233قال رب السجن أحب إلي مما يدعونني إليه وإلا تصرف عني كيدهن أصب إليهن وأكن من الجاهلين
ऐ मेरे पालने वाले जिस बात की ये औरते मुझ से ख्वाहिश रखती हैं उसकी निस्वत (बदले में) मुझे क़ैद ख़ानों ज्यादा पसन्द है और अगर तू इन औरतों के फ़रेब मुझसे दफा न फरमाएगा तो (शायद) मै उनकी तरफ माएल (झुक) हो जाँऊ ले तो जाओ और जाहिलों से शुमार किया जाऊँ
16301234فاستجاب له ربه فصرف عنه كيدهن إنه هو السميع العليم
तो उनके परवरदिगार ने उनकी सुन ली और उन औरतों के मकर को दफा कर दिया इसमें शक़ नहीं कि वह बड़ा सुनने वाला वाक़िफकार है
16311235ثم بدا لهم من بعد ما رأوا الآيات ليسجننه حتى حين
फिर (अज़ीज़ मिस्र और उसके लोगों ने) बावजूद के (यूसुफ की पाक दामिनी की) निशानियाँ देख ली थी उसके बाद भी उनको यही मुनासिब मालूम हुआ
16321236ودخل معه السجن فتيان قال أحدهما إني أراني أعصر خمرا وقال الآخر إني أراني أحمل فوق رأسي خبزا تأكل الطير منه نبئنا بتأويله إنا نراك من المحسنين
कि कुछ मियाद के लिए उनको क़ैद ही करे दें और यूसुफ के साथ और भी दो जवान आदमी (क़ैद ख़ाने) में दाख़िल हुए (चन्द दिन के बाद) उनमें से एक ने कहा कि मैने ख्वाब में देखा है कि मै (शराब बनाने के वास्ते अंगूर) निचोड़ रहा हूँ और दूसरे ने कहा (मै ने भी ख्वाब में) अपने को देखा कि मै अपने सर पर रोटिया उठाए हुए हूँ और चिड़ियाँ उसे खा रही हैं (यूसुफ) हमको उसकी ताबीर (मतलब) बताओ क्योंकि हम तुमको यक़ीनन नेकी कारों से समझते हैं
16331237قال لا يأتيكما طعام ترزقانه إلا نبأتكما بتأويله قبل أن يأتيكما ذلكما مما علمني ربي إني تركت ملة قوم لا يؤمنون بالله وهم بالآخرة هم كافرون
यूसुफ ने कहा जो खाना तुम्हें (क़ैद ख़ाने से) दिया जाता है वह आने भी न पाएगा कि मै उसके तुम्हारे पास आने के क़ब्ल ही तुम्हे उसकी ताबीर बताऊँगा ये ताबीरे ख्वाब भी उन बातों के साथ है जो मेरे परवरदिगार ने मुझे तालीम फरमाई है मैं उन लोगों का मज़हब छोड़ बैठा हूँ जो ख़ुदा पर ईमान नहीं लाते और वह लोग आख़िरत के भी मुन्किर है
16341238واتبعت ملة آبائي إبراهيم وإسحاق ويعقوب ما كان لنا أن نشرك بالله من شيء ذلك من فضل الله علينا وعلى الناس ولكن أكثر الناس لا يشكرون
और मैं तो अपने बाप दादा इबराहीम व इसहाक़ व याक़ूब के मज़हब पर चलने वाला हूँ मुनासिब नहीं कि हम ख़ुदा के साथ किसी चीज़ को (उसका) शरीक बनाएँ ये भी ख़ुदा की एक बड़ी मेहरबानी है हम पर भी और तमाम लोगों पर मगर बहुतेरे लोग उसका शुक्रिया (भी) अदा नहीं करते
16351239يا صاحبي السجن أأرباب متفرقون خير أم الله الواحد القهار
ऐ मेरे कैद ख़ाने के दोनो रफीक़ों (साथियों) (ज़रा ग़ौर तो करो कि) भला जुदा जुदा माबूद अच्छे या ख़ुदाए यकता ज़बरदस्त (अफसोस)
16361240ما تعبدون من دونه إلا أسماء سميتموها أنتم وآباؤكم ما أنزل الله بها من سلطان إن الحكم إلا لله أمر ألا تعبدوا إلا إياه ذلك الدين القيم ولكن أكثر الناس لا يعلمون
तुम लोग तो ख़ुदा को छोड़कर बस उन चन्द नामों ही को परसतिश करते हो जिन को तुमने और तुम्हारे बाप दादाओं ने गढ़ लिया है ख़ुदा ने उनके लिए कोई दलील नहीं नाज़िल की हुकूमत तो बस ख़ुदा ही के वास्ते ख़ास है उसने तो हुक्म दिया है कि उसके सिवा किसी की इबादत न करो यही साीधा दीन है मगर (अफसोस) बहुतेरे लोग नहीं जानते हैं


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