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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
3993 | 38 | 23 | إن هذا أخي له تسع وتسعون نعجة ولي نعجة واحدة فقال أكفلنيها وعزني في الخطاب |
| | | (मुराद ये हैं कि) ये (शख्स) मेरा भाई है और उसके पास निनान्नवे दुम्बियाँ हैं और मेरे पास सिर्फ एक दुम्बी है उस पर भी ये मुझसे कहता है कि ये दुम्बी भी मुझी को दे दें और बातचीत में मुझ पर सख्ती करता है |
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3994 | 38 | 24 | قال لقد ظلمك بسؤال نعجتك إلى نعاجه وإن كثيرا من الخلطاء ليبغي بعضهم على بعض إلا الذين آمنوا وعملوا الصالحات وقليل ما هم وظن داوود أنما فتناه فاستغفر ربه وخر راكعا وأناب |
| | | दाऊद ने (बग़ैर इसके कि मुदा आलैह से कुछ पूछें) कह दिया कि ये जो तेरी दुम्बी माँग कर अपनी दुम्बियों में मिलाना चाहता है तो ये तुझ पर ज़ुल्म करता है और अक्सर शुरका (की) यकीनन (ये हालत है कि) एक दूसरे पर जुल्म किया करते हैं मगर जिन लोगों ने (सच्चे दिल से) ईमान कुबूल किया और अच्छे (अच्छे) काम किए (वह ऐसा नहीं करते) और ऐसे लोग बहुत ही कम हैं (ये सुनकर दोनों चल दिए) और अब दाऊद ने समझा कि हमने उनका इमितेहान लिया (और वह ना कामयाब रहे) फिर तो अपने परवरदिगार से बख्शिश की दुआ माँगने लगे और सजदे में गिर पड़े और (मेरी) तरफ रूजू की (24) (सजदा) |
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3995 | 38 | 25 | فغفرنا له ذلك وإن له عندنا لزلفى وحسن مآب |
| | | तो हमने उनकी वह ग़लती माफ कर दी और इसमें शक नहीं कि हमारी बारगाह में उनका तक़र्रुब और अन्जाम अच्छा हुआ |
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3996 | 38 | 26 | يا داوود إنا جعلناك خليفة في الأرض فاحكم بين الناس بالحق ولا تتبع الهوى فيضلك عن سبيل الله إن الذين يضلون عن سبيل الله لهم عذاب شديد بما نسوا يوم الحساب |
| | | (हमने फरमाया) ऐ दाऊद हमने तुमको ज़मीन में (अपना) नाएब क़रार दिया तो तुम लोगों के दरमियान बिल्कुल ठीक फैसला किया करो और नफ़सियानी ख्वाहिश की पैरवी न करो बसा ये पीरों तुम्हें ख़ुदा की राह से बहका देगी इसमें शक नहीं कि जो लोग खुदा की राह में भटकते हैं उनकी बड़ी सख्त सज़ा होगी क्योंकि उन लोगों ने हिसाब के दिन (क़यामत) को भुला दिया |
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3997 | 38 | 27 | وما خلقنا السماء والأرض وما بينهما باطلا ذلك ظن الذين كفروا فويل للذين كفروا من النار |
| | | और हमने आसमान और ज़मीन और जो चीज़ें उन दोनों के दरमियान हैं बेकार नहीं पैदा किया ये उन लोगों का ख्याल है जो काफ़िर हो बैठे तो जो लोग दोज़ख़ के मुनकिर हैं उन पर अफ़सोस है |
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3998 | 38 | 28 | أم نجعل الذين آمنوا وعملوا الصالحات كالمفسدين في الأرض أم نجعل المتقين كالفجار |
| | | क्या जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया और अच्छे-अच्छे काम किए उनको हम (उन लोगों के बराबर) कर दें जो रूए ज़मीन में फसाद फैलाया करते हैं या हम परहेज़गारों को मिसल बदकारों के बना दें |
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3999 | 38 | 29 | كتاب أنزلناه إليك مبارك ليدبروا آياته وليتذكر أولو الألباب |
| | | (ऐ रसूल) किताब (कुरान) जो हमने तुम्हारे पास नाज़िल की है (बड़ी) बरकत वाली है ताकि लोग इसकी आयतों में ग़ौर करें और ताकि अक्ल वाले नसीहत हासिल करें |
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4000 | 38 | 30 | ووهبنا لداوود سليمان نعم العبد إنه أواب |
| | | और हमने दाऊद को सुलेमान (सा बेटा) अता किया (सुलेमान भी) क्या अच्छे बन्दे थे |
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4001 | 38 | 31 | إذ عرض عليه بالعشي الصافنات الجياد |
| | | बेशक वह हमारी तरफ रूजू करने वाले थे इत्तोफाक़न एक दफ़ा तीसरे पहर को ख़ासे के असील घोड़े उनके सामने पेश किए गए |
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4002 | 38 | 32 | فقال إني أحببت حب الخير عن ذكر ربي حتى توارت بالحجاب |
| | | तो देखने में उलझे के नवाफिल में देर हो गयी जब याद आया तो बोले कि मैंने अपने परवरदिगार की याद पर माल की उलफ़त को तरजीह दी यहाँ तक कि आफ़ताब (मग़रिब के) पर्दे में छुप गया |
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