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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1525 | 11 | 52 | ويا قوم استغفروا ربكم ثم توبوا إليه يرسل السماء عليكم مدرارا ويزدكم قوة إلى قوتكم ولا تتولوا مجرمين |
| | | ऐ मेरी क़ौम के लोगो! अपने रब से क्षमा याचना करो, फिर उसकी ओर पलट आओ। वह तुमपर आकाश को ख़ूब बरसता छोड़ेगा और तुममें शक्ति पर शक्ति की अभिवृद्धि करेगा। तुम अपराधी बनकर मुँह न फेरो।" |
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1526 | 11 | 53 | قالوا يا هود ما جئتنا ببينة وما نحن بتاركي آلهتنا عن قولك وما نحن لك بمؤمنين |
| | | उन्होंने कहा, "ऐ हूद! तू हमारे पास कोई स्पष्ट प्रमाण लेकर नहीं आया है। तेरे कहने से हम अपने इष्ट -पूज्यों को नहीं छोड़ सकते और न हम तुझपर ईमान लानेवाले है |
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1527 | 11 | 54 | إن نقول إلا اعتراك بعض آلهتنا بسوء قال إني أشهد الله واشهدوا أني بريء مما تشركون |
| | | हम तो केवल यही कहते है कि हमारे इष्ट-पूज्यों में से किसी की तुझपर मार पड़ गई है।" उसने कहा, "मैं तो अल्लाह को गवाह बनाता हूँ और तुम भी गवाह रहो कि उनसे मेरा कोई सम्बन्ध नहीं, |
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1528 | 11 | 55 | من دونه فكيدوني جميعا ثم لا تنظرون |
| | | जिनको तुम साझी ठहराकर उसके सिवा पूज्य मानते हो। अतः तुम सब मिलकर मेरे साथ दाँव-घात लगाकर देखो और मुझे मुहलत न दो |
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1529 | 11 | 56 | إني توكلت على الله ربي وربكم ما من دابة إلا هو آخذ بناصيتها إن ربي على صراط مستقيم |
| | | मेरा भरोसा तो अल्लाह, अपने रब और तुम्हारे रब, पर है। चलने-फिरनेवाला जो प्राणी भी है, उसकी चोटी तो उसी के हाथ में है। निस्संदेह मेरा रब सीधे मार्ग पर है |
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1530 | 11 | 57 | فإن تولوا فقد أبلغتكم ما أرسلت به إليكم ويستخلف ربي قوما غيركم ولا تضرونه شيئا إن ربي على كل شيء حفيظ |
| | | किन्तु यदि तुम मुँह मोड़ते हो तो जो कुछ देकर मुझे तुम्हारी ओर भेजा गया था, वह तो मैं तुम्हें पहुँचा ही चुका। मेरा रब तुम्हारे स्थान पर दूसरी किसी क़ौम को लाएगा और तुम उसका कुछ न बिगाड़ सकोगे। निस्संदेह मेरा रब हर चीज़ की देख-भाल कर रहा है।" |
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1531 | 11 | 58 | ولما جاء أمرنا نجينا هودا والذين آمنوا معه برحمة منا ونجيناهم من عذاب غليظ |
| | | और जब हमारा आदेश आ पहुँचा तो हमने हूद और उसके साथ के ईमान लानेवालों को अपनी दयालुता से बचा लिया। और एक कठोर यातना से हमने उन्हें छुटकारा दिया |
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1532 | 11 | 59 | وتلك عاد جحدوا بآيات ربهم وعصوا رسله واتبعوا أمر كل جبار عنيد |
| | | ये आद है, जिन्होंने अपने रब की आयतों का इनकार किया; उसके रसूलों की अवज्ञा की और हर सरकश विरोधी के पीछे चलते रहे |
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1533 | 11 | 60 | وأتبعوا في هذه الدنيا لعنة ويوم القيامة ألا إن عادا كفروا ربهم ألا بعدا لعاد قوم هود |
| | | इस संसार में भी लानत ने उनका पीछा किया और क़ियामत के दिन भी, "सुन लो! निस्संदेह आद ने अपने रब के साथ कुफ़्र किया। सुनो! विनष्ट हो आद, हूद की क़ौम।" |
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1534 | 11 | 61 | وإلى ثمود أخاهم صالحا قال يا قوم اعبدوا الله ما لكم من إله غيره هو أنشأكم من الأرض واستعمركم فيها فاستغفروه ثم توبوا إليه إن ربي قريب مجيب |
| | | समूद को और उसके भाई सालेह को भेजा। उसने कहा, "ऐ मेरी क़़ौम के लोगों! अल्लाह की बन्दगी करो। उसके सिवा तुम्हारा कोई अन्य पूज्य-प्रभु नहीं। उसी ने तुम्हें धरती से पैदा किया और उसमें तुम्हें बसायाय़ अतः उससे क्षमा माँगो; फिर उसकी ओर पलट आओ। निस्संदेह मेरा रब निकट है, प्रार्थनाओं को स्वीकार करनेवाला भी।" |
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