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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1487 | 11 | 14 | فإلم يستجيبوا لكم فاعلموا أنما أنزل بعلم الله وأن لا إله إلا هو فهل أنتم مسلمون |
| | | और ख़ुदा के सिवा जिस जिस के तुम्हे बुलाते बन पड़े मदद के वास्ते बुला लो उस पर अगर वह तुम्हारी न सुने तो समझ ले कि (ये क़ुरान) सिर्फ ख़ुदा के इल्म से नाज़िल किया गया है और ये कि ख़ुदा के सिवा कोई माबूद नहीं तो क्या तुम अब भी इस्लाम लाओगे (या नहीं) |
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1488 | 11 | 15 | من كان يريد الحياة الدنيا وزينتها نوف إليهم أعمالهم فيها وهم فيها لا يبخسون |
| | | नेकी करने वालों में से जो शख़्श दुनिया की ज़िन्दगी और उसके रिज़क़ का तालिब हो तो हम उन्हें उनकी कारगुज़ारियों का बदला दुनिया ही में पूरा पूरा भर देते हैं और ये लोग दुनिया में घाटे में नहीं रहेगें |
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1489 | 11 | 16 | أولئك الذين ليس لهم في الآخرة إلا النار وحبط ما صنعوا فيها وباطل ما كانوا يعملون |
| | | मगर (हाँ) ये वह लोग हैं जिनके लिए आख़िरत में (जहन्नुम की) आग के सिवा कुछ नहीं और जो कुछ दुनिया में उन लोगों ने किया धरा था सब अकारत (बर्बाद) हो गया और जो कुछ ये लोग करते थे सब मिटियामेट हो गया |
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1490 | 11 | 17 | أفمن كان على بينة من ربه ويتلوه شاهد منه ومن قبله كتاب موسى إماما ورحمة أولئك يؤمنون به ومن يكفر به من الأحزاب فالنار موعده فلا تك في مرية منه إنه الحق من ربك ولكن أكثر الناس لا يؤمنون |
| | | तो क्या जो शख़्श अपने परवरदिगार की तरफ से रौशन दलील पर हो और उसके पीछे ही पीछे उनका एक गवाह हो और उसके क़बल मूसा की किताब (तौरैत) जो (लोगों के लिए) पेशवा और रहमत थी (उसकी तसदीक़ करती हो वह बेहतर है या कोई दूसरा) यही लोग सच्चे ईमान लाने वाले और तमाम फिरक़ों में से जो शख़्श भी उसका इन्कार करे तो उसका ठिकाना बस आतिश (जहन्नुम) है तो फिर तुम कहीं उसकी तरफ से शक़ में न पड़े रहना, बेशक ये क़ुरान तुम्हारे परवरदिगार की तरफ़ से बरहक़ है मगर बहुतेरे लोग ईमान नही लाते |
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1491 | 11 | 18 | ومن أظلم ممن افترى على الله كذبا أولئك يعرضون على ربهم ويقول الأشهاد هؤلاء الذين كذبوا على ربهم ألا لعنة الله على الظالمين |
| | | और ये जो शख़्श ख़ुदा पर झूठ मूठ बोहतान बॉधे उससे ज्यादा ज़ालिम कौन होगा ऐसे लोग अपने परवरदिगार के हुज़ूर में पेश किए जाएंगें और गवाह इज़हार करेगें कि यही वह लोग हैं जिन्होंने अपने परवरदिगार पर झूट (बोहतान) बाँधा था सुन रखो कि ज़ालिमों पर ख़ुदा की फिटकार है |
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1492 | 11 | 19 | الذين يصدون عن سبيل الله ويبغونها عوجا وهم بالآخرة هم كافرون |
| | | जो ख़ुदा के रास्ते से लोगों को रोकते हैं और उसमें कज़ी (टेढ़ा पन) निकालना चाहते हैं और यही लोग आख़िरत के भी मुन्किर है |
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1493 | 11 | 20 | أولئك لم يكونوا معجزين في الأرض وما كان لهم من دون الله من أولياء يضاعف لهم العذاب ما كانوا يستطيعون السمع وما كانوا يبصرون |
| | | ये लोग रुए ज़मीन में न ख़ुदा को हरा सकते है और न ख़ुदा के सिवा उनका कोई सरपरस्त होगा उनका अज़ाब दूना कर दिया जाएगा ये लोग (हसद के मारे) न तो (हक़ बात) सुन सकते थे न देख सकते थे |
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1494 | 11 | 21 | أولئك الذين خسروا أنفسهم وضل عنهم ما كانوا يفترون |
| | | ये वह लोग हैं जिन्होंने कुछ अपना ही घाटा किया और जो इफ्तेरा परदाज़ियाँ (झूठी बातें) ये लोग करते थे (क़यामत में सब) उन्हें छोड़ के चल होगी |
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1495 | 11 | 22 | لا جرم أنهم في الآخرة هم الأخسرون |
| | | इसमें शक़ नहीं कि यही लोग आख़िरत में बड़े घाटा उठाने वाले होगें |
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1496 | 11 | 23 | إن الذين آمنوا وعملوا الصالحات وأخبتوا إلى ربهم أولئك أصحاب الجنة هم فيها خالدون |
| | | बेशक जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए और अपने परवरदिगार के सामने आजज़ी से झुके यही लोग जन्नती हैं कि ये बेहश्त में हमेशा रहेगें |
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