بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
14531089قال قد أجيبت دعوتكما فاستقيما ولا تتبعان سبيل الذين لا يعلمون
कहा, "तुम दोनों की प्रार्थना स्वीकृत हो चुकी। अतः तुम दोनों जमें रहो और उन लोगों के मार्ग पर कदापि न चलना, जो जानते नहीं।"
14541090وجاوزنا ببني إسرائيل البحر فأتبعهم فرعون وجنوده بغيا وعدوا حتى إذا أدركه الغرق قال آمنت أنه لا إله إلا الذي آمنت به بنو إسرائيل وأنا من المسلمين
और हमने इसराईलियों को समुद्र पार करा दिया। फिर फ़िरऔन और उसकी सेनाओं ने सरकशी और ज़्यादती के साथ उनका पीछा किया, यहाँ तक कि जब वह डूबने लगा तो पुकार उठा, "मैं ईमान ले आया कि उसके सिव कोई पूज्य-प्रभु नही, जिस पर इसराईल की सन्तान ईमान लाई। अब मैं आज्ञाकारी हूँ।"
14551091آلآن وقد عصيت قبل وكنت من المفسدين
"क्या अब? हालाँकि इससे पहले तुने अवज्ञा की और बिगाड़ पैदा करनेवालों में से था
14561092فاليوم ننجيك ببدنك لتكون لمن خلفك آية وإن كثيرا من الناس عن آياتنا لغافلون
"अतः आज हम तेरे शरीर को बचा लेगें, ताकि तू अपने बादवालों के लिए एक निशानी हो जाए। निश्चय ही, बहुत-से लोग हमारी निशानियों के प्रति असावधान ही रहते है।"
14571093ولقد بوأنا بني إسرائيل مبوأ صدق ورزقناهم من الطيبات فما اختلفوا حتى جاءهم العلم إن ربك يقضي بينهم يوم القيامة فيما كانوا فيه يختلفون
और हमने इसराईल की सन्तान को अच्छा, सम्मानित ठिकाना दिया औ उन्हें अच्छी आजीविका प्रदान की। फिर उन्होंने उस समय विभेद किया, जबकि ज्ञान उनके पास आ चुका था। निश्चय ही तुम्हारा रब क़ियामत के दिन उनके बीच उस चीज़ का फ़ैसला कर देगा, जिसमें वे विभेद करते रहे है
14581094فإن كنت في شك مما أنزلنا إليك فاسأل الذين يقرءون الكتاب من قبلك لقد جاءك الحق من ربك فلا تكونن من الممترين
अतः यदि तुम्हें उस चीज़ के बारे में कोई संदेह हो, जो हमने तुम्हारी ओर अवतरित की है, तो उनसे पूछ लो जो तुमसे पहले से किताब पढ़ रहे है। तुम्हारे पास तो तुम्हारे रब की ओर से सत्य आ चुका। अतः तुम कदापि सन्देह करनेवाले न हो
14591095ولا تكونن من الذين كذبوا بآيات الله فتكون من الخاسرين
और न उन लोगों में सम्मिलित होना जिन्होंन अल्लाह की आयतों को झुठलाया, अन्यथा तुम घाटे में पड़कर रहोगे
14601096إن الذين حقت عليهم كلمت ربك لا يؤمنون
निस्संदेह जिन लोगों के विषय में तुम्हारे रब की बात सच्ची होकर रही वे ईमान नहीं लाएँगे,
14611097ولو جاءتهم كل آية حتى يروا العذاب الأليم
जब तक के वे दुखद यातना न देख लें, चाहे प्रत्येक निशानी उनके पास आ जाए
14621098فلولا كانت قرية آمنت فنفعها إيمانها إلا قوم يونس لما آمنوا كشفنا عنهم عذاب الخزي في الحياة الدنيا ومتعناهم إلى حين
फिर ऐसी कोई बस्ती क्यों न हुई कि वह ईमान लाती और उसका ईमान उसके लिए लाभप्रद सिद्ध होता? हाँ, यूनुस की क़ौम के लोग इसके लिए अपवाद है। जब वे ईमान लाए तो हमने सांसारिक जीवन में अपमानजनक यातना को उनपर से टाल दिया और उन्हें एक अवधि तक सुखोपभोग का अवसर प्रदान किया


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