بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
13871023فلما أنجاهم إذا هم يبغون في الأرض بغير الحق يا أيها الناس إنما بغيكم على أنفسكم متاع الحياة الدنيا ثم إلينا مرجعكم فننبئكم بما كنتم تعملون
फिर जब ख़ुदा ने उन्हें नजात दी तो वह लोग ज़मीन पर (कदम रखते ही) फौरन नाहक़ सरकशी करने लगते हैं (ऐ लोगों तुम्हारी सरकशी का वबाल) तो तुम्हारी ही जान पर है - (ये भी) दुनिया की (चन्द रोज़ा) ज़िन्दगी का फायदा है फिर आख़िर हमारी (ही) तरफ तुमको लौटकर आना है तो (उस वक्त) हम तुमको जो कुछ (दुनिया में) करते थे बता देगे
13881024إنما مثل الحياة الدنيا كماء أنزلناه من السماء فاختلط به نبات الأرض مما يأكل الناس والأنعام حتى إذا أخذت الأرض زخرفها وازينت وظن أهلها أنهم قادرون عليها أتاها أمرنا ليلا أو نهارا فجعلناها حصيدا كأن لم تغن بالأمس كذلك نفصل الآيات لقوم يتفكرون
दुनियावी ज़िदगी की मसल तो बस पानी की सी है कि हमने उसको आसमान से बरसाया फिर ज़मीन के साग पात जिसको लोग और चौपाए खा जाते हैं (उसके साथ मिल जुलकर निकले यहाँ तक कि जब ज़मीन ने (फसल की चीज़ों से) अपना बनाओ सिंगार कर लिया और (हर तरह) आरास्ता हो गई और खेत वालों ने समझ लिया कि अब वह उस पर यक़ीनन क़ाबू पा गए (जब चाहेंगे काट लेगे) यकायक हमारा हुक्म व अज़ाब रात या दिन को आ पहुँचा तो हमने उस खेत को ऐसा साफ कटा हुआ बना दिया कि गोया कुल उसमें कुछ था ही नहीं जो लोग ग़ौर व फिक्र करते हैं उनके वास्ते हम आयतों को यूँ तफसीलदार बयान करते है
13891025والله يدعو إلى دار السلام ويهدي من يشاء إلى صراط مستقيم
और ख़ुदा तो आराम के घर (बेहश्त) की तरफ बुलाता है और जिसको चाहता है सीधे रास्ते की हिदायत करता है
13901026للذين أحسنوا الحسنى وزيادة ولا يرهق وجوههم قتر ولا ذلة أولئك أصحاب الجنة هم فيها خالدون
जिन लोगों ने दुनिया में भलाई की उनके लिए (आख़िरत में भी) भलाई है (बल्कि) और कुछ बढ़कर और न (गुनेहगारों की तरह) उनके चेहरों पर कालिक लगी हुई होगी और न (उन्हें ज़िल्लत होगी यही लोग जन्नती हैं कि उसमें हमेशा रहा सहा करेंगे
13911027والذين كسبوا السيئات جزاء سيئة بمثلها وترهقهم ذلة ما لهم من الله من عاصم كأنما أغشيت وجوههم قطعا من الليل مظلما أولئك أصحاب النار هم فيها خالدون
और जिन लोगों ने बुरे काम किए हैं तो गुनाह की सज़ा उसके बराबर है और उन पर रुसवाई छाई होगी ख़ुदा (के अज़ाब) से उनका कोई बचाने वाला न होगा (उनके मुह ऐसे काले होंगे) गोया उनके चेहरे यबों यज़ूर (अंधेरी रात) के टुकड़े से ढक दिए गए हैं यही लोग जहन्नुमी हैं कि ये उसमें हमेशा रहेंगे
13921028ويوم نحشرهم جميعا ثم نقول للذين أشركوا مكانكم أنتم وشركاؤكم فزيلنا بينهم وقال شركاؤهم ما كنتم إيانا تعبدون
(ऐ रसूल उस दिन से डराओ) जिस दिन सब को इकट्ठा करेगें-फिर मुशरेकीन से कहेंगें कि तुम और तुम्हारे (बनाए हुए ख़ुदा के) शरीक ज़रा अपनी जगह ठहरो फिर हम वाहम उनमें फूट डाल देगें और उनके शरीक उनसे कहेंगे कि तुम तो हमारी परसतिश करते न थे
13931029فكفى بالله شهيدا بيننا وبينكم إن كنا عن عبادتكم لغافلين
तो (अब) हमारे और तुम्हारे दरमियान गवाही के वास्ते ख़ुदा ही काफी है हम को तुम्हारी परसतिश की ख़बर ही न थी
13941030هنالك تبلو كل نفس ما أسلفت وردوا إلى الله مولاهم الحق وضل عنهم ما كانوا يفترون
(ग़रज़) वहाँ हर शख़्श जो कुछ जिसने पहले (दुनिया में) किया है जाँच लेगा और वह सब के सब अपने सच्चे मालिक ख़ुदा की बारगाह में लौटकर लाए जाएँगें और (दुनिया में) जो कुछ इफ़तेरा परदाज़िया (झूठी बातें) करते थे सब उनके पास से चल चंपत हो जाएगें
13951031قل من يرزقكم من السماء والأرض أمن يملك السمع والأبصار ومن يخرج الحي من الميت ويخرج الميت من الحي ومن يدبر الأمر فسيقولون الله فقل أفلا تتقون
ऐ रसूल तुम उने ज़रा पूछो तो कि तुम्हें आसमान व ज़मीन से कौन रोज़ी देता है या (तुम्हारे) कान और (तुम्हारी) ऑंखों का कौन मालिक है और कौन शख़्श मुर्दे से ज़िन्दा को निकालता है और ज़िन्दा से मुर्दे को निकालता है और हर अम्र (काम) का बन्दोबस्त कौन करता है तो फौरन बोल उठेंगे कि ख़ुदा (ऐ रसूल) तुम कहो तो क्या तुम इस पर भी (उससे) नहीं डरते हो
13961032فذلكم الله ربكم الحق فماذا بعد الحق إلا الضلال فأنى تصرفون
फिर वही ख़ुदा तो तुम्हारा सच्चा रब है फिर हक़ बात के बाद गुमराही के सिवा और क्या है फिर तुम कहाँ फिरे चले जा रहे हो


0 ... 128.6 129.6 130.6 131.6 132.6 133.6 134.6 135.6 136.6 137.6 139.6 140.6 141.6 142.6 143.6 144.6 145.6 146.6 147.6 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.02 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

70253653986613545672519307397052785707