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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
1159 | 7 | 205 | واذكر ربك في نفسك تضرعا وخيفة ودون الجهر من القول بالغدو والآصال ولا تكن من الغافلين |
| | | और अपने परवरदिगार को अपने जी ही में गिड़गिड़ा के और डर के और बहुत चीख़ के नहीं (धीमी) आवाज़ से सुबह व शाम याद किया करो और (उसकी याद से) ग़ाफिल बिल्कुल न हो जाओ |
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1160 | 7 | 206 | إن الذين عند ربك لا يستكبرون عن عبادته ويسبحونه وله يسجدون |
| | | बेशक जो लोग (फरिशते बग़ैरह) तुम्हारे परवरदिगार के पास मुक़र्रिब हैं और वह उसकी इबादत से सर कशी नही करते और उनकी तसबीह करते हैं और उसका सजदा करते हैं (206) सजदा |
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1161 | 8 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم يسألونك عن الأنفال قل الأنفال لله والرسول فاتقوا الله وأصلحوا ذات بينكم وأطيعوا الله ورسوله إن كنتم مؤمنين |
| | | (ऐ रसूल) तुम से लोग अनफाल (माले ग़नीमत) के बारे में पूछा करते हैं तुम कह दो कि अनफाल मख़सूस ख़ुदा और रसूल के वास्ते है तो ख़ुदा से डरो (और) अपने बाहमी (आपसी) मामलात की इसलाह करो और अगर तुम सच्चे (ईमानदार) हो तो ख़ुदा की और उसके रसूल की इताअत करो |
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1162 | 8 | 2 | إنما المؤمنون الذين إذا ذكر الله وجلت قلوبهم وإذا تليت عليهم آياته زادتهم إيمانا وعلى ربهم يتوكلون |
| | | सच्चे ईमानदार तो बस वही लोग हैं कि जब (उनके सामने) ख़ुदा का ज़िक्र किया जाता है तो उनके दिल हिल जाते हैं और जब उनके सामने उसकी आयतें पढ़ी जाती हैं तो उनके ईमान को और भी ज्यादा कर देती हैं और वह लोग बस अपने परवरदिगार ही पर भरोसा रखते हैं |
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1163 | 8 | 3 | الذين يقيمون الصلاة ومما رزقناهم ينفقون |
| | | नमाज़ को पाबन्दी से अदा करते हैं और जो हम ने उन्हें दिया हैं उसमें से (राहे ख़ुदा में) ख़र्च करते हैं |
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1164 | 8 | 4 | أولئك هم المؤمنون حقا لهم درجات عند ربهم ومغفرة ورزق كريم |
| | | यही तो सच्चे ईमानदार हैं उन्हीं के लिए उनके परवरदिगार के हॉ (बड़े बड़े) दरजे हैं और बख्शिश और इज्ज़त और आबरू के साथ रोज़ी है (ये माले ग़नीमत का झगड़ा वैसा ही है) |
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1165 | 8 | 5 | كما أخرجك ربك من بيتك بالحق وإن فريقا من المؤمنين لكارهون |
| | | जिस तरह तुम्हारे परवरदिगार ने तुम्हें बिल्कुल ठीक (मसलहत से) तुम्हारे घर से (जंग बदर) में निकाला था और मोमिनीन का एक गिरोह (उससे) नाखुश था |
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1166 | 8 | 6 | يجادلونك في الحق بعدما تبين كأنما يساقون إلى الموت وهم ينظرون |
| | | कि वह लोग हक़ के ज़ाहिर होने के बाद भी तुमसे (ख्वाह माख्वाह) सच्ची बात में झगड़तें थें और इस तरह (करने लगे) गोया (ज़बरदस्ती) मौत के मुँह में ढकेले जा रहे हैं |
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1167 | 8 | 7 | وإذ يعدكم الله إحدى الطائفتين أنها لكم وتودون أن غير ذات الشوكة تكون لكم ويريد الله أن يحق الحق بكلماته ويقطع دابر الكافرين |
| | | और उसे (अपनी ऑंखों से) देख रहे हैं और (ये वक्त था) जब ख़ुदा तुमसे वायदा कर रहा था कि (कुफ्फार मक्का) दो जमाअतों में से एक तुम्हारे लिए ज़रूरी हैं और तुम ये चाहते थे कि कमज़ोर जमाअत तुम्हारे हाथ लगे (ताकि बग़ैर लड़े भिड़े माले ग़नीमत हाथ आ जाए) और ख़ुदा ये चाहता था कि अपनी बातों से हक़ को साबित (क़दम) करें और काफिरों की जड़ काट डाले |
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1168 | 8 | 8 | ليحق الحق ويبطل الباطل ولو كره المجرمون |
| | | ताकि हक़ को (हक़) साबित कर दे और बातिल का मटियामेट कर दे अगर चे गुनाहगार (कुफ्फार उससे) नाखुश ही क्यों न हो |
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