بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
8926103لا تدركه الأبصار وهو يدرك الأبصار وهو اللطيف الخبير
उसको ऑंखें देख नहीं सकती (न दुनिया में न आख़िरत में) और वह (लोगों की) नज़रों को खूब देखता है और वह बड़ा बारीक बीन (देख़ने वाला) ख़बरदार है
8936104قد جاءكم بصائر من ربكم فمن أبصر فلنفسه ومن عمي فعليها وما أنا عليكم بحفيظ
तुम्हारे पास तो सुझाने वाली चीज़े आ ही चुकीं फिर जो देखे (समझे) तो अपने दम के लिए और जो अन्धा बने तो (उसका ज़रर (नुकसान) भी) ख़ुद उस पर है और (ऐ रसूल उन से कह दो) कि मै तुम लोगों का कुछ निगेहबान तो हूँ नहीं
8946105وكذلك نصرف الآيات وليقولوا درست ولنبينه لقوم يعلمون
और हम (अपनी) आयतें यूं उलट फेरकर बयान करते है (ताकि हुज्जत तमाम हो) और ताकि वह लोग ज़बानी भी इक़रार कर लें कि तुमने (क़ुरान उनके सामने) पढ़ दिया और ताकि जो लोग जानते है उनके लिए (क़ुरान का) खूब वाजेए करके बयान कर दें
8956106اتبع ما أوحي إليك من ربك لا إله إلا هو وأعرض عن المشركين
जो कुछ तुम्हारे पास तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से 'वही' की जाए बस उसी पर चलो अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और मुशरिको से किनारा कश रहो
8966107ولو شاء الله ما أشركوا وما جعلناك عليهم حفيظا وما أنت عليهم بوكيل
और अगर ख़ुदा चाहता तो ये लोग शिर्क ही न करते और हमने तुमको उन लोगों का निगेहबान तो बनाया नहीं है और न तुम उनके ज़िम्मेदार हो
8976108ولا تسبوا الذين يدعون من دون الله فيسبوا الله عدوا بغير علم كذلك زينا لكل أمة عملهم ثم إلى ربهم مرجعهم فينبئهم بما كانوا يعملون
और ये (मुशरेकीन) जिन की अल्लाह के सिवा (ख़ुदा समझ कर) इबादत करते हैं उन्हें तुम बुरा न कहा करो वरना ये लोग भी ख़ुदा को बिना समझें अदावत से बुरा (भला) कह बैठें (और लोग उनकी ख्वाहिश नफसानी के) इस तरह पाबन्द हुए कि गोया हमने ख़ुद हर गिरोह के आमाल उनको सॅवाकर अच्छे कर दिखाए फिर उन्हें तो (आख़िरकार) अपने परवरदिगार की तरफ लौट कर जाना है तब जो कुछ दुनिया में कर रहे थे ख़ुदा उन्हें बता देगा
8986109وأقسموا بالله جهد أيمانهم لئن جاءتهم آية ليؤمنن بها قل إنما الآيات عند الله وما يشعركم أنها إذا جاءت لا يؤمنون
और उन लोगों ने ख़ुदा की सख्त सख्त क़समें खायीं कि अगर उनके पास कोई मौजिजा आए तो वह ज़रूर उस पर ईमान लाएँगे (ऐ रसूल) तुम कहो कि मौजिज़े तो बस ख़ुदा ही के पास हैं और तुम्हें क्या मालूम ये यक़ीनी बात है कि जब मौजिज़ा भी आएगा तो भी ये ईमान न लाएँगे
8996110ونقلب أفئدتهم وأبصارهم كما لم يؤمنوا به أول مرة ونذرهم في طغيانهم يعمهون
और हम उनके दिल और उनकी ऑंखें उलट पलट कर देंगे जिस तरह ये लोग कुरान पर पहली मरतबा ईमान न लाए और हम उन्हें उनकी सरकशी की हालत में छोड़ देंगे कि सरगिरदाँ (परेशान) रहें
9006111ولو أننا نزلنا إليهم الملائكة وكلمهم الموتى وحشرنا عليهم كل شيء قبلا ما كانوا ليؤمنوا إلا أن يشاء الله ولكن أكثرهم يجهلون
और (ऐ रसूल सच तो ये है कि) हम अगर उनके पास फरिश्ते भी नाज़िल करते और उनसे मुर्दे भी बातें करने लगते और तमाम (मख़फ़ी(छुपी)) चीज़ें (जैसे जन्नत व नार वग़ैरह) अगर वह गिरोह उनके सामने ला खड़े करते तो भी ये ईमान लाने वाले न थे मगर जब अल्लाह चाहे लेकिन उनमें के अक्सर नहीं जानते
9016112وكذلك جعلنا لكل نبي عدوا شياطين الإنس والجن يوحي بعضهم إلى بعض زخرف القول غرورا ولو شاء ربك ما فعلوه فذرهم وما يفترون
कि और (ऐ रसूल जिस तरह ये कुफ्फ़ार तुम्हारे दुश्मन हैं) उसी तरह (गोया हमने ख़ुद आज़माइश के लिए शरीर आदमियों और जिनों को हर नबी का दुश्मन बनाया वह लोग एक दूसरे को फरेब देने की ग़रज़ से चिकनी चुपड़ी बातों की सरग़ोशी करते हैं और अगर तुम्हारा परवरदिगार चाहता तो ये लोग) ऐसी हरकत करने न पाते


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