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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
792 | 6 | 3 | وهو الله في السماوات وفي الأرض يعلم سركم وجهركم ويعلم ما تكسبون |
| | | फिर (यही) तुम शक़ करते हो और वही तो आसमानों में (भी) और ज़मीन में (भी) ख़ुदा है वही तुम्हारे ज़ाहिर व बातिन से (भी) ख़बरदार है और वही जो कुछ भी तुम करते हो जानता है |
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793 | 6 | 4 | وما تأتيهم من آية من آيات ربهم إلا كانوا عنها معرضين |
| | | और उन (लोगों का) अजब हाल है कि उनके पास ख़ुदा की आयत में से जब कोई आयत आती तो बस ये लोग ज़रुर उससे मुंह फेर लेते थे |
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794 | 6 | 5 | فقد كذبوا بالحق لما جاءهم فسوف يأتيهم أنباء ما كانوا به يستهزئون |
| | | चुनान्चे जब उनके पास (क़ुरान बरहक़) आया तो उसको भी झुठलाया तो ये लोग जिसके साथ मसख़रापन कर रहे है उनकी हक़ीक़त उन्हें अनक़रीब ही मालूम हो जाएगी |
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795 | 6 | 6 | ألم يروا كم أهلكنا من قبلهم من قرن مكناهم في الأرض ما لم نمكن لكم وأرسلنا السماء عليهم مدرارا وجعلنا الأنهار تجري من تحتهم فأهلكناهم بذنوبهم وأنشأنا من بعدهم قرنا آخرين |
| | | क्या उन्हें सूझता नहीं कि हमने उनसे पहले कितने गिरोह (के गिरोह) हलाक कर डाले जिनको हमने रुए ज़मीन मे वह (कूवत) क़ुदरत अता की थी जो अभी तक तुमको नहीं दी और हमने आसमान तो उन पर मूसलाधार पानी बरसता छोड़ दिया था और उनके (मकानात के) नीचे बहती हुई नहरें बना दी थी (मगर) फिर भी उनके गुनाहों की वजह से उनको मार डाला और उनके बाद एक दूसरे गिरोह को पैदा कर दिया |
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796 | 6 | 7 | ولو نزلنا عليك كتابا في قرطاس فلمسوه بأيديهم لقال الذين كفروا إن هذا إلا سحر مبين |
| | | और (ऐ रसूल) अगर हम कागज़ पर (लिखी लिखाई) किताब (भी) तुम पर नाज़िल करते और ये लोग उसे अपने हाथों से छू भी लेते फिर भी कुफ्फार (न मानते और) कहते कि ये तो बस खुला हुआ जादू है |
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797 | 6 | 8 | وقالوا لولا أنزل عليه ملك ولو أنزلنا ملكا لقضي الأمر ثم لا ينظرون |
| | | और (ये भी) कहते कि उस (नबी) पर कोई फरिश्ता क्यों नहीं नाज़िल किया गया (जो साथ साथ रहता) हालॉकि अगर हम फरिश्ता भेज देते तो (उनका) काम ही तमाम हो जाता (और) फिर उन्हें मोहलत भी न दी जाती |
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798 | 6 | 9 | ولو جعلناه ملكا لجعلناه رجلا وللبسنا عليهم ما يلبسون |
| | | और अगर हम फरिश्ते को नबी बनाते तो (आख़िर) उसको भी मर्द सूरत बनाते और जो शुबहे ये लोग कर रहे हैं वही शुबहे (गोया) हम ख़ुद उन पर (उस वक्त भी) उठा देते |
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799 | 6 | 10 | ولقد استهزئ برسل من قبلك فحاق بالذين سخروا منهم ما كانوا به يستهزئون |
| | | (ऐ रसूल तुम दिल तंग न हो) तुम से पहले (भी) पैग़म्बरों के साथ मसख़रापन किया गया है पस जो लोग मसख़रापन करते थे उनको उस अज़ाब ने जिसके ये लोग हॅसी उड़ाते थे घेर लिया |
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800 | 6 | 11 | قل سيروا في الأرض ثم انظروا كيف كان عاقبة المكذبين |
| | | (ऐ रसूल उनसे) कहो कि ज़रुर रुए ज़मीन पर चल फिर कर देखो तो कि (अम्बिया के) झुठलाने वालो का क्या (बुरा) अन्जाम हुआ |
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801 | 6 | 12 | قل لمن ما في السماوات والأرض قل لله كتب على نفسه الرحمة ليجمعنكم إلى يوم القيامة لا ريب فيه الذين خسروا أنفسهم فهم لا يؤمنون |
| | | (ऐ रसूल उनसे) पूछो तो कि (भला) जो कुछ आसमान और ज़मीन में है किसका है (वह जवाब देगें) तुम ख़ुद कह दो कि ख़ास ख़ुदा का है उसने अपनी ज़ात पर मेहरबानी लाज़िम कर ली है वह तुम सब के सब को क़यामत के दिन जिसके आने मे कुछ शक़ नहीं ज़रुर जमा करेगा (मगर) जिन लोगों ने अपना आप नुक़सान किया वह तो (क़यामत पर) ईमान न लाएंगें |
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