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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
642 | 4 | 149 | إن تبدوا خيرا أو تخفوه أو تعفوا عن سوء فإن الله كان عفوا قديرا |
| | | अगर खुल्लम खुल्ला नेकी करते हो या छिपा कर या किसी की बुराई से दरगुज़र करते हो तो तो ख़ुदा भी बड़ा दरगुज़र करने वाला (और) क़ादिर है |
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643 | 4 | 150 | إن الذين يكفرون بالله ورسله ويريدون أن يفرقوا بين الله ورسله ويقولون نؤمن ببعض ونكفر ببعض ويريدون أن يتخذوا بين ذلك سبيلا |
| | | बेशक जो लोग ख़ुदा और उसके रसूलों से इन्कार करते हैं और ख़ुदा और उसके रसूलों में तफ़रक़ा डालना चाहते हैं और कहते हैं कि हम बाज़ (पैग़म्बरों) पर ईमान लाए हैं और बाज़ का इन्कार करते हैं और चाहते हैं कि इस (कुफ़्र व ईमान) के दरमियान एक दूसरी राह निकलें |
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644 | 4 | 151 | أولئك هم الكافرون حقا وأعتدنا للكافرين عذابا مهينا |
| | | यही लोग हक़ीक़तन काफ़िर हैं और हमने काफ़िरों के वास्ते ज़िल्लत देने वाला अज़ाब तैयार कर रखा है |
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645 | 4 | 152 | والذين آمنوا بالله ورسله ولم يفرقوا بين أحد منهم أولئك سوف يؤتيهم أجورهم وكان الله غفورا رحيما |
| | | और जो लोग ख़ुदा और उसके रसूलों पर ईमान लाए और उनमें से किसी में तफ़रक़ा नहीं करते तो ऐसे ही लोगों को ख़ुदा बहुत जल्द उनका अज्र अता फ़रमाएगा और ख़ुदा तो बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है |
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646 | 4 | 153 | يسألك أهل الكتاب أن تنزل عليهم كتابا من السماء فقد سألوا موسى أكبر من ذلك فقالوا أرنا الله جهرة فأخذتهم الصاعقة بظلمهم ثم اتخذوا العجل من بعد ما جاءتهم البينات فعفونا عن ذلك وآتينا موسى سلطانا مبينا |
| | | (ऐ रसूल) अहले किताब (यहूदी) जो तुमसे (ये) दरख्वास्त करते हैं कि तुम उनपर एक किताब आसमान से उतरवा दो (तुम उसका ख्याल न करो क्योंकि) ये लोग मूसा से तो इससे कहीं बढ़ (बढ़) के दरख्वास्त कर चुके हैं चुनान्चे कहने लगे कि हमें ख़ुदा को खुल्लम खुल्ला दिखा दो तब उनकी शरारत की वजह से बिजली ने ले डाला फिर (बावजूद के) उन लोगों के पास तौहीद की वाजैए और रौशन (दलीलें) आ चुकी थी उसके बाद भी उन लोगों ने बछड़े को (ख़ुदा) बना लिया फिर हमने उससे भी दरगुज़र किया और मूसा को हमने सरीही ग़लबा अता किया |
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647 | 4 | 154 | ورفعنا فوقهم الطور بميثاقهم وقلنا لهم ادخلوا الباب سجدا وقلنا لهم لا تعدوا في السبت وأخذنا منهم ميثاقا غليظا |
| | | और हमने उनके एहद व पैमान की वजह से उनके (सर) पर (कोहे) तूर को लटका दिया और हमने उनसे कहा कि (शहर के) दरवाज़े में सजदा करते हुए दाख़िल हो और हमने (ये भी) कहा कि तुम हफ्ते के दिन (हमारे हुक्म से) तजावुज़ न करना और हमने उनसे बहुत मज़बूत एहदो पैमान ले लिया |
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648 | 4 | 155 | فبما نقضهم ميثاقهم وكفرهم بآيات الله وقتلهم الأنبياء بغير حق وقولهم قلوبنا غلف بل طبع الله عليها بكفرهم فلا يؤمنون إلا قليلا |
| | | फिर उनके अपने एहद तोड़ डालने और एहकामे ख़ुदा से इन्कार करने और नाहक़ अम्बिया को क़त्ल करने और इतरा कर ये कहने की वजह से कि हमारे दिलों पर ग़िलाफ़ चढे हुए हैं (ये तो नहीं) बल्कि ख़ुदा ने उनके कुफ़्र की वजह से उनके दिलों पर मोहर कर दी है तो चन्द आदमियों के सिवा ये लोग ईमान नहीं लाते |
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649 | 4 | 156 | وبكفرهم وقولهم على مريم بهتانا عظيما |
| | | और उनके काफ़िर होने और मरियम पर बहुत बड़ा बोहतान बॉधने कि वजह से |
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650 | 4 | 157 | وقولهم إنا قتلنا المسيح عيسى ابن مريم رسول الله وما قتلوه وما صلبوه ولكن شبه لهم وإن الذين اختلفوا فيه لفي شك منه ما لهم به من علم إلا اتباع الظن وما قتلوه يقينا |
| | | और उनके यह कहने की वजह से कि हमने मरियम के बेटे ईसा (स.) ख़ुदा के रसूल को क़त्ल कर डाला हालॉकि न तो उन लोगों ने उसे क़त्ल ही किया न सूली ही दी उनके लिए (एक दूसरा शख्स ईसा) से मुशाबेह कर दिया गया और जो लोग इस बारे में इख्तेलाफ़ करते हैं यक़ीनन वह लोग (उसके हालत) की तरफ़ से धोखे में (आ पड़े) हैं उनको उस (वाक़िये) की ख़बर ही नहीं मगर फ़क्त अटकल के पीछे (पड़े) हैं और ईसा को उन लोगों ने यक़ीनन क़त्ल नहीं किया |
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651 | 4 | 158 | بل رفعه الله إليه وكان الله عزيزا حكيما |
| | | बल्कि ख़ुदा ने उन्हें अपनी तरफ़ उठा लिया और ख़ुदा तो बड़ा ज़बरदस्त तदबीर वाला है |
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