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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
638 | 4 | 145 | إن المنافقين في الدرك الأسفل من النار ولن تجد لهم نصيرا |
| | | इसमें तो शक ही नहीं कि मुनाफ़िक जहन्नुम के सबसे नीचे तबके में होंगे और (ऐ रसूल) तुम वहॉ किसी को उनका हिमायती भी न पाओगे |
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639 | 4 | 146 | إلا الذين تابوا وأصلحوا واعتصموا بالله وأخلصوا دينهم لله فأولئك مع المؤمنين وسوف يؤت الله المؤمنين أجرا عظيما |
| | | मगर (हॉ) जिन लोगों ने (निफ़ाक़ से) तौबा कर ली और अपनी हालत दुरूस्त कर ली और ख़ुदा से लगे लिपटे रहे और अपने दीन को महज़ ख़ुदा के वास्ते निरा खरा कर लिया तो ये लोग मोमिनीन के साथ (बेहिश्त में) होंगे और मोमिनीन को ख़ुदा अनक़रीब ही बड़ा (अच्छा) बदला अता फ़रमाएगा |
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640 | 4 | 147 | ما يفعل الله بعذابكم إن شكرتم وآمنتم وكان الله شاكرا عليما |
| | | अगर तुमने ख़ुदा का शुक्र किया और उसपर ईमान लाए तो ख़ुदा तुम पर अज़ाब करके क्या करेगा बल्कि ख़ुदा तो (ख़ुद शुक्र करने वालों का) क़दरदॉ और वाक़िफ़कार है |
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641 | 4 | 148 | لا يحب الله الجهر بالسوء من القول إلا من ظلم وكان الله سميعا عليما |
| | | ख़ुदा (किसी को) हॉक पुकार कर बुरा कहने को पसन्द नहीं करता मगर मज़लूम (ज़ालिम की बुराई बयान कर सकता है) और ख़ुदा तो (सबकी) सुनता है (और हर एक को) जानता है |
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642 | 4 | 149 | إن تبدوا خيرا أو تخفوه أو تعفوا عن سوء فإن الله كان عفوا قديرا |
| | | अगर खुल्लम खुल्ला नेकी करते हो या छिपा कर या किसी की बुराई से दरगुज़र करते हो तो तो ख़ुदा भी बड़ा दरगुज़र करने वाला (और) क़ादिर है |
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643 | 4 | 150 | إن الذين يكفرون بالله ورسله ويريدون أن يفرقوا بين الله ورسله ويقولون نؤمن ببعض ونكفر ببعض ويريدون أن يتخذوا بين ذلك سبيلا |
| | | बेशक जो लोग ख़ुदा और उसके रसूलों से इन्कार करते हैं और ख़ुदा और उसके रसूलों में तफ़रक़ा डालना चाहते हैं और कहते हैं कि हम बाज़ (पैग़म्बरों) पर ईमान लाए हैं और बाज़ का इन्कार करते हैं और चाहते हैं कि इस (कुफ़्र व ईमान) के दरमियान एक दूसरी राह निकलें |
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644 | 4 | 151 | أولئك هم الكافرون حقا وأعتدنا للكافرين عذابا مهينا |
| | | यही लोग हक़ीक़तन काफ़िर हैं और हमने काफ़िरों के वास्ते ज़िल्लत देने वाला अज़ाब तैयार कर रखा है |
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645 | 4 | 152 | والذين آمنوا بالله ورسله ولم يفرقوا بين أحد منهم أولئك سوف يؤتيهم أجورهم وكان الله غفورا رحيما |
| | | और जो लोग ख़ुदा और उसके रसूलों पर ईमान लाए और उनमें से किसी में तफ़रक़ा नहीं करते तो ऐसे ही लोगों को ख़ुदा बहुत जल्द उनका अज्र अता फ़रमाएगा और ख़ुदा तो बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है |
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646 | 4 | 153 | يسألك أهل الكتاب أن تنزل عليهم كتابا من السماء فقد سألوا موسى أكبر من ذلك فقالوا أرنا الله جهرة فأخذتهم الصاعقة بظلمهم ثم اتخذوا العجل من بعد ما جاءتهم البينات فعفونا عن ذلك وآتينا موسى سلطانا مبينا |
| | | (ऐ रसूल) अहले किताब (यहूदी) जो तुमसे (ये) दरख्वास्त करते हैं कि तुम उनपर एक किताब आसमान से उतरवा दो (तुम उसका ख्याल न करो क्योंकि) ये लोग मूसा से तो इससे कहीं बढ़ (बढ़) के दरख्वास्त कर चुके हैं चुनान्चे कहने लगे कि हमें ख़ुदा को खुल्लम खुल्ला दिखा दो तब उनकी शरारत की वजह से बिजली ने ले डाला फिर (बावजूद के) उन लोगों के पास तौहीद की वाजैए और रौशन (दलीलें) आ चुकी थी उसके बाद भी उन लोगों ने बछड़े को (ख़ुदा) बना लिया फिर हमने उससे भी दरगुज़र किया और मूसा को हमने सरीही ग़लबा अता किया |
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647 | 4 | 154 | ورفعنا فوقهم الطور بميثاقهم وقلنا لهم ادخلوا الباب سجدا وقلنا لهم لا تعدوا في السبت وأخذنا منهم ميثاقا غليظا |
| | | और हमने उनके एहद व पैमान की वजह से उनके (सर) पर (कोहे) तूर को लटका दिया और हमने उनसे कहा कि (शहर के) दरवाज़े में सजदा करते हुए दाख़िल हो और हमने (ये भी) कहा कि तुम हफ्ते के दिन (हमारे हुक्म से) तजावुज़ न करना और हमने उनसे बहुत मज़बूत एहदो पैमान ले लिया |
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