نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5419 | 70 | 44 | خاشعة أبصارهم ترهقهم ذلة ذلك اليوم الذي كانوا يوعدون |
| | | (निदामत से) उनकी ऑंखें झुकी होंगी उन पर रूसवाई छाई हुई होगी ये वही दिन है जिसका उनसे वायदा किया जाता था |
|
5420 | 71 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم إنا أرسلنا نوحا إلى قومه أن أنذر قومك من قبل أن يأتيهم عذاب أليم |
| | | हमने नूह को उसकी क़ौम के पास (पैग़म्बर बनाकर) भेजा कि क़ब्ल उसके कि उनकी क़ौम पर दर्दनाक अज़ाब आए उनको उससे डराओ |
|
5421 | 71 | 2 | قال يا قوم إني لكم نذير مبين |
| | | तो नूह (अपनी क़ौम से) कहने लगे ऐ मेरी क़ौम मैं तो तुम्हें साफ़ साफ़ डराता (और समझाता) हूँ |
|
5422 | 71 | 3 | أن اعبدوا الله واتقوه وأطيعون |
| | | कि तुम लोग ख़ुदा की इबादत करो और उसी से डरो और मेरी इताअत करो |
|
5423 | 71 | 4 | يغفر لكم من ذنوبكم ويؤخركم إلى أجل مسمى إن أجل الله إذا جاء لا يؤخر لو كنتم تعلمون |
| | | ख़ुदा तुम्हारे गुनाह बख्श देगा और तुम्हें (मौत के) मुक़र्रर वक्त तक बाक़ी रखेगा, बेशक जब ख़ुदा का मुक़र्रर किया हुआ वक्त अा जाता है तो पीछे हटाया नहीं जा सकता अगर तुम समझते होते |
|
5424 | 71 | 5 | قال رب إني دعوت قومي ليلا ونهارا |
| | | (जब लोगों ने न माना तो) अर्ज़ की परवरदिगार मैं अपनी क़ौम को (ईमान की तरफ) बुलाता रहा |
|
5425 | 71 | 6 | فلم يزدهم دعائي إلا فرارا |
| | | लेकिन वह मेरे बुलाने से और ज्यादा गुरेज़ ही करते रहे |
|
5426 | 71 | 7 | وإني كلما دعوتهم لتغفر لهم جعلوا أصابعهم في آذانهم واستغشوا ثيابهم وأصروا واستكبروا استكبارا |
| | | और मैने जब उनको बुलाया कि (ये तौबा करें और) तू उन्हें माफ कर दे तो उन्होने अपने कानों में उंगलियां दे लीं और मुझसे छिपने को कपड़े ओढ़ लिए और अड़ गए और बहुत शिद्दत से अकड़ बैठे |
|
5427 | 71 | 8 | ثم إني دعوتهم جهارا |
| | | फिर मैंने उनको बिल एलान बुलाया फिर उनको ज़ाहिर ब ज़ाहिर समझाया |
|
5428 | 71 | 9 | ثم إني أعلنت لهم وأسررت لهم إسرارا |
| | | और उनकी पोशीदा भी फ़हमाईश की कि मैंने उनसे कहा |
|