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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5349 | 69 | 26 | ولم أدر ما حسابيه |
| | | और मुझे न मालूल होता कि मेरा हिसाब क्या है |
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5350 | 69 | 27 | يا ليتها كانت القاضية |
| | | ऐ काश मौत ने (हमेशा के लिए मेरा) काम तमाम कर दिया होता |
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5351 | 69 | 28 | ما أغنى عني ماليه |
| | | (अफ़सोस) मेरा माल मेरे कुछ भी काम न आया |
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5352 | 69 | 29 | هلك عني سلطانيه |
| | | (हाए) मेरी सल्तनत ख़ाक में मिल गयी (फिर हुक्म होगा) |
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5353 | 69 | 30 | خذوه فغلوه |
| | | इसे गिरफ्तार करके तौक़ पहना दो |
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5354 | 69 | 31 | ثم الجحيم صلوه |
| | | फिर इसे जहन्नुम में झोंक दो, |
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5355 | 69 | 32 | ثم في سلسلة ذرعها سبعون ذراعا فاسلكوه |
| | | फिर एक ज़ंजीर में जिसकी नाप सत्तर गज़ की है उसे ख़ूब जकड़ दो |
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5356 | 69 | 33 | إنه كان لا يؤمن بالله العظيم |
| | | (क्यों कि) ये न तो बुज़ुर्ग ख़ुदा ही पर ईमान लाता था और न मोहताज के खिलाने पर आमादा (लोगों को) करता था |
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5357 | 69 | 34 | ولا يحض على طعام المسكين |
| | | तो आज न उसका कोई ग़मख्वार है |
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5358 | 69 | 35 | فليس له اليوم هاهنا حميم |
| | | और न पीप के सिवा (उसके लिए) कुछ खाना है |
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